ब्रिटनी स्पीयर्स पं. शरद त्रिपाठी अमेरिका के केंटवुड कस्बे में रहने वाले जैमी स्पीयर्स और उनकी पत्नी लिन ने कभी सपने में नहीं सोचा था कि उनके घर जन्म लेने वाली एक साधारण लड़की एक दिन पूरी दुनिया में पाॅप स्टार के रूप में जानी जाएगी। 2 दिसंबर 1981 को जिस लड़की का जन्म जैमी स्पीयर्स के घर हुआ वह आगे चलकर ब्रिटनी स्पीयर्स के रूप में प्रसिद्ध हुई। केंटवुड में उस समय मात्र 1000 (एक हजार) की आबादी थी। स्पीयर्स दंपति यह देखकर हैरान थे कि जब ब्रिटनी ने चलना भी नहीं शुरू किया था तभी से वह गाने लगी थी। बढ़ती उम्र के साथ-साथ उसकी आवाज निखरने लगी। शुरुआती दौर में ब्रिटनी की मां को उसका गाना अखरता था। उन्हें लगता था कि वह अपनी सकारात्मक ऊर्जा को यूं ही बरबाद कर रही है। जीवन का पहला सार्वजनिक मंच उसे केंटवुड के चर्च में मिला। चर्च में आए हुए जन समूह के सामने ब्रिटनी ने अनेक गीत गाए। उसे कई पुरस्कार भी मिले, परंतु धीरे-धीरे वह स्थानीय प्रदर्शनों से ऊब गई। उस समय मिकी माउस क्लब का आॅडिशन चल रहा था। आठ वर्ष की ब्रिटनी ने मां से वहां जाने की जिद की। यह 50 के दशक का पुराना क्लब था। इसके लिए अटलांटा तक जाना उन दिनों बड़ी बात थी। फिर भी उसकी मां लिन उसे वहां ले गई, लेकिन वहां उसे खारिज कर दिया गया, क्योंकि उसकी उम्र बहुत कम थी। वैसे उसकी प्रतिभा को देखकर उस कार्यक्रम के प्रोड्यूसर ने न्यूयार्क के एक एजेंट से उसकी सिफारिश कर दी। फिर ब्रिटनी को मैनहट्टन में नृत्य, संगीत और दूसरी कलाओं को सीखने का मौका मिला। इसी दौरान उसने ब्राडवे के ‘रुथलेस’ नामक एक नाटक में हत्यारी बच्ची की भूमिका भी निभाई। अब तक वह दस वर्ष की हो चुकी थी। उसने ‘स्टार सर्च’ नामक अमेरिकी टी. वी. प्रोग्राम में हिस्सा लिया और विजेता भी बनी। उसने एक ग्रुप में भी काम किया, पर दो वर्ष में ही वह ग्रुप बिखर गया। बाद में ब्रिटनी के लैरी रूडोल्फ नामक एक शुभचिंतक ने उसे म्यूजिक इंडस्ट्री में आ रहे बदलाव के बारे में समझाया। पाॅप संगीत वापस आ रहा था और उसके जैसी अकेली लड़की के लिए कोई स्कोप नहीं था। उसने ‘आइ हैव नथिंग’ नामक गीत गाया और ह्निटनी हस्टन ने उसे लाइव रिकार्ड के लिए साइन कर लिया और वह पाॅप संगीत के गुरु मैक्स मार्टिन के साथ रिकार्डिंग करवाने स्वीडन पहंुच गई। आइए, अब ज्येतिषीय विश्लेषण करते हैं। पाॅप स्टार का मतलब होता है तेज गति और पूर्ण ऊर्जा के साथ गाना गाना। सिंह लग्न की कुंडली में ऊर्जा का सबसे बड़ा कारक ग्रह मंगल लग्न में स्थित है। गायन कला का सबसे बड़ा ग्रह बुध चतुर्थ भाव में मंगल की राशि में लग्नेश सूर्य के साथ स्थित है, जिस पर मंगल की पूर्ण दृष्टि है अर्थात सुर-संगीत का प्रतिनिधित्व करने वाले द्वितीय भाव के स्वामी बुध पर द्वितीय भाव में स्थित शनि की तीसरी दृष्टि पड़ रही है। कुल मिलाकर मंगल, सूर्य, बुध और शनि का यह अनूठा योग इस जातका को तेज गति और ऊर्जा से पूर्ण लंबे समय तक तान खींचने (शनि के कारण) वाले स्वर की स्वामिनी बना रहा है जो एक सफल पाॅप स्टार बनने के लिए अति आवश्यक है। ब्रिटनी के जन्म के समय चंद्र की भोग्य महादशा 3 वर्ष 9 माह शेष थी। चंद्र इस कुंडली में व्ययेश है और छठे भाव में स्थित है, इसलिए अपनी इस अल्प अवधि में उसने कोई मदद नहीं की। इसके अतिरिक्त शारीरिक परेशानी भी दी। मंगल इस कुंडली में भाग्येश और सुखेश है और सूर्य के नक्षत्र में स्थित है। सन् 1985 में ब्रिटनी की 4 वर्ष की उम्र में अपनी महादशा शुरू होते ही मंगल ने उसके जीवन को नया मोड़ देना शुरू कर दिया। 1991 में मंगल में शुक्र का अंतर चल रहा था। दशमेश शुक्र की इसी दशा में ब्रिटनी ने नाटकों के माध्यम से धनार्जन शुरू किया। सन् 1996-97 में, जब ब्रिटनी 15 साल की थी, उसका पहला रिकार्ड और 16 वर्ष की उम्र में नंबर वन एलबम आया। इन दोनों ने बिलवोर्ड चार्ट के सारे रिकार्ड तोड़ दिए। ब्रिटनी के पहले एलबम ने अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी, स्वीडन, ताइवान और फ्रांस के अतिरिक्त कई अन्य देशों में तहलका मचा दिया। ‘बेबी वन मोर टाइम’ ब्रिटनी का एकल गीत था जो ब्रिटेन में मात्र एक सप्ताह में इतना बिका कि वह वर्ष का सबसे ज्यादा चलने वाला गीत बन गया। अमेरिका में भी इस गाने ने पांच हफ्तों में लोकप्रियता के सारे रिकार्ड तोड़ दिए और ब्रिटनी नंबर वन पाॅप स्टार बन गई। ब्रिटनी इस समय तक थी तो टीन एजर, पर अमीरी और प्रसिद्धि दोनों उसके पास आ चुकी थीं। सन् 1999 में उसके एलबम ‘ऊप्स आइ डिड इट अगेन’ ने भारी धूम मचाई। इस समय तक ब्रिटनी एक ब्रांड बन चुकी थी। वह एक गायिका के साथ-साथ मीडिया आइकाॅन बन गई थी। ब्रिटनी और उसकी मां ने ‘हार्ट टू हार्ट’ नाम से अपनी आत्मकथा भी लिखी है। लायकोस, यू.बी.एल, गूगल, और एम.एस.एन. सर्च इंजनों पर ब्रिटनी सबसे ज्यादा खोजा गया शब्द है और ब्रिटनी नाम से संबंधित सारे डोमेन नेम बिक चुके हैं। ‘द फाउंडेशन’ नामक ब्रिटनी की अपनी एक समाज सेवी संस्था है। ‘स्मैश हिट्स’, ‘ब्रावो’, ‘पाॅप मैक्सिम’ ‘काॅस्मोपोलिटन’, ‘रोलिंग स्टोन’, ‘डब्लू’ ‘वोग’ जैसी पत्रिकाएं ब्रिटनी के इंटरव्यू की लाइन में लगी रही हैं। इसके पूर्व मैडोना को छोड़कर मीडिया किसी पाॅप सिंगर का इतना दीवाना नहीं हुआ। ब्रिटनी की सफलता का श्रेय ‘मैक्स मार्टिन’ को भी जाता है। ब्रिटनी ने मैक्स मार्टिन के इन्टरनेशनल टूर में भी शिरकत की जिसका नाम था ‘ड्रीम विदिन ए ड्रीम’ जिसमें यथार्थवादी होते हुए भी सपने देखते रहने की वकालत की गई है। सन् 2002 के अंत तक ‘ब्रिटनी’ और ‘ड्रीम विदन ए ड्रीम’ की बिक्री लगभग एक समान हो गई। इसी के बाद ब्रिटनी ने अपने पुराने ब्वाॅय फ्रंेड जस्टिन टिम्बरलेक से विवाह कर लिया और 48 घंटे में ही दोनों अलग भी हो गए। फिर एक वर्ष के लिए ब्रिटनी ने संन्यास लेने की घोषणा कर दी। उपर वर्णित घटनाओं को ज्योतिषीय दृष्टि से देखने पर हम पाते हैं कि जातका की 1992 से राहु की महादशा प्रारंभ हुई। राहु व्यक्ति को अपने जीवन में कहां से कहां तक पहुंचा देता है यह इस जन्म कुंडली में साफ नजर आता है। ज्योतिष में राहु की सबसे अच्छी स्थिति एकादश भाव में मानी गई है। मतांतर से ज्योतिषियों का एक वर्ग मिथुन राशि में राहु को उच्च का मानता है। इस कुंडली में उच्च का राहु ग्यारहवें भाव में स्थित है। राहु 290 39’ का है जो गुरु के नक्षत्र में है। गुरु इस कुंडली में पंचमेश और अष्टमेश है। पंचम भाव से जातक की बहुमुखी प्रतिभा, ज्ञान, संतान और दाव चलने की प्रक्रिया का विचार किया जाता है। अष्टम भाव से व्यक्ति के छुपे धन, आयु, शक्ति, ससुराल इत्यादि का विचार किया जाता है। अष्टम भाव एकादश भाव से दशम भी पड़ता है अर्थात राहु की दशा प्रारंभ होते ही जातका के कार्य क्षेत्र में अत्यधिक लाभ प्राप्ति का योग बना। तृतीय भावस्थ गुरु 7024’ का होकर राहु के नक्षत्र में स्थित है। इसे दैवीय संयोग कहें या प्रकृति का करिश्मा। कुंडली में गुरु राहु के और राहु गुरु के नक्षत्र में है और एकादश भाव में स्थित राहु अपनी पांचवीं दृष्टि से गुरु को तथा तृतीय में स्थित गुरु अपनी नवम दृष्टि से राहु को देख रहा है। इस स्थिति ने जातका को शिखर तक पहुंचाया। 1995-96 एवं उसके बाद, जब ब्रिटनी के रिकार्ड और एलबम आए, राहु में गुरु का अंतर चल रहा था। 2002 मंे राहु में बुध का अंतर चल रहा था। लाभेश और धनेश होने की वजह से बुध ने लाभ तो कराया, लेकिन चतुर्थ भाव में सूर्य स्थित है जो एक पृथकतावादी ग्रह है। इसके साथ स्थित होने के कारण दाम्पत्य का सुख दिया, पर उससे अलगाव भी करा दिया। सन् 2003 में मीडिया ब्रिटनी के पीछे लग गया। ब्रिटनी को अब अपने एलबमों की बिक्री की कोई चिंता नहीं थी। वह अपना चैथा एलबम जारी करने और अपने गीत और संगीत को पूरी तरह अपने नियंत्रण में लेने की पूरी तैयारी में लगी थी। इसी दौरान पाॅप स्टार मैडोना ने ब्रिटनी का ‘मी अगेंस्ट द म्यूजिक’ सुना और ब्रिटनी को सलाह दी कि वह उसका अंतर्राष्ट्रीय उपयोग करे। ब्रिटनी ने मैडोना से पूछा कि ‘‘क्या वह उसके साथ गाना चाहेगी? ‘‘मैडोना भी तैयार हो गई। मैडोना ने कुछ और बोल तैयार किए और उसकी रिकार्डिंग ब्रिटेन में हुई। यह ट्रैक भी खूब बिका और इसने भी बिक्री के सारे रिकार्ड तोड़ दिए। इसका वास्तविक प्रदर्शन भी ब्रिटनी और मैडोना के परस्पर चुंबन की वजह से खासा विवादास्पद रहा। यह प्रदर्शन एमटीवी वीडियो म्यूजिक के दौरान किया गया था। इसके बाद ब्रिटनी और मैडोना में खासी दोस्ती हो गई। दुनिया भर में यह वीडियो नंबर वन पर रहा, केवल ब्रिटेन में नंबर दो पर रहा। फिर ब्रिटनी ने केविन फेडरलाइन से विवाह कर लिया। एक बार फिर ब्रिटनी सुर्खियों में आ गई और उसका ध्यान पाॅप संगीत से भटकने लगा। उसका ध्यान फोरेन्सिक साइंस में ज्यादा लगने लगा। उसके मन में यह विचार ब्रिटेन के जाने माने धारावाहिक ‘क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन’ देखकर आया। 4 जनवरी 2005 को ब्रिटनी ने अपने इस विचार की घोषणा भी कर दी। इस प्रकार ब्रिटनी का जीवन जहां सफलता की कहानी कहता है, वहीं विवादों से भी भरा रहा है। मैडोना का चुंबन लेना एक बहुत बड़ा विवाद बन गया था। उसका पहला विवाह भी विवादास्पद रहा जो सिर्फ 48 घंटे ही चल सका और टूट गया। फिर ‘केविन फेडरलाइन’ से विवाह हुआ और दो बच्चे भी हुए, परंतु ब्रिटनी का फिर शादी से मन उचट गया और वह मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गई। पति से तलाक का केस चलने लगा। बच्चों का संरक्षण भी अदालत ने मानसिक स्थित ठीक न होने के कारण उसके पति को दे दिया। एक दिन अचानक ब्रिटनी ने अपना सिर मुड़वा लिया और घर में भी तोड़ फोड़ करने लगी। पत्रकारों से भी उसकी झड़प होने लगी। इसके लिए उसे रिहैबिलिटेशन सेंटर में डाक्टरों की देख रेख में रखा गया। हालांकि वहां भी वह नहीं रह सकी और कुछ ही समय बाद बाहर गई। इस दरमियान उसकी अपने माता-पिता से भी नहीं पटी। ऊपर वर्णित तथ्यों को ज्योतिषीय आधार पर देखें तो इस दौरान ब्रिटनी की कुंडली में राहु में केतु का अंतर चल रहा था। राहु में केतु की अंतर्दशा जब किसी के जीवन में आती है तो विपरीत ध्रुवीकरण सामने आ जाता है। केतु, जो पंचम भाव में गुरु की राशि में बैठा हुआ है, अपनी पांचवीं दृष्टि से भाग्य भाव को तथा नौवीं दृष्टि से लग्न तथा भाग्येश मंगल को देख रहा है। पंचम भाव प्रेम संबंधों का भाव भी होता है, अतः इस समयावधि में केतु ने इन सब बातों को उभारा। वर्तमान में राहु की महादशा सन् 2010 तक प्रभावी रहेगी। अभी राहु में चंद्र का अंतर चल रहा है। चंद्र की स्थिति और स्वामित्व दोनों ही इस जन्म कुंडली में शुभ नहीं हैं और चंद्र अपने ही नक्षत्र में स्थित होने के कारण अशुभता को और बढ़ा रहा है। चंद्र के मानसिकता का द्योतक होने के कारण ही जातका मानसिक रूप से अभी स्वस्थ नहीं है, लेकिन जैसे ही 2009 के मध्य से ब्रिटनी के राहु में मंगल का समय प्रारंभ होगा जो उसे पुनः नया जोश व उत्साह देगा और वह फिर से संगीत के क्षेत्र में सफलता पाएगी। 2010 के बाद गुरु की महादशा प्रारंभ होगी और उस समय गुरु का गोचर भी सप्तम भाव पर होगा। तब ब्रिटनी फिर से विवाह के बंधन में बंधंेगी और यह बंधन जीवन भर का होगा।