भ्रष्टाचार का कीड़ा
भ्रष्टाचार का कीड़ा

भ्रष्टाचार का कीड़ा  

आभा बंसल
व्यूस : 2979 | फ़रवरी 2012

ये सच है कि लोभ का जादू आदमी के सिर चढ़कर बोलता है और आदर्शों का मिथ्या आवरण लोभ के झटके से छिन्न-भिन्न हो जाता है। इस कथा के नायक कश्मीरी लाल के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ जिसकी संपुष्टि करते हैं उसकी जन्मकुंडली के ग्रह नक्षत्र और दशाक्रम जिसके परिणाम वे अभी भी भोग रहे हैं।

अन्ना हजारे को आज कौन नहीं जानता। देश के बच्चे-बच्चे की जबान पर आज उनका नाम है। ऐसा उनमें क्या है कि हर तबके का व्यक्ति उन्हें अपने दिल के करीब मानता है और मन ही मन उनको भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़ी मुहिम में अपना समर्थन दे रहा है। उनमें आम आदमी को एक मसीहा का रूप नजर आता है जो देश में फैले हुए भ्रष्टाचार को जड़़ से समाप्त करके देश में अमन चैन, शांति, सद्भावना एवं रामराज्य लाना चाहते हैं।

भ्रष्टाचार की बात करें तो शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जो किसी न किसी रूप में इसमें लिप्त नहीं होगा। हर सरकारी महकमे में यदि छोटे से छोटा काम भी समय पर करवाना है तो चपरासी से लेकर बाबू तक को कुछ न कुछ चढ़ावा चढ़ाना पड़ता है, तभी फाइल आगे खिसकती है। अन्यथा चढ़ावा न चढ़ाने की स्थिति में दिनों, महीनों, वर्षों में समय गुजरता चला जाता है और जब देखो तभी वही ढाक के तीन पात नजर आते हैं।

देखा जाय तो- रिश्वत देने वाला या लेने वाला दोनों ही भ्रष्टाचार में लिप्त होते हैं क्योंकि देने वाला ही इस अभिशाप को आगे बढ़ा रहा है और लेने वालों के हौसले बुलंद कर रहा है। लेकिन कहते हैं न, पाप का घड़ा एक न एक दिन तो भरना ही होता है और ऊपर वाले की लाठी में आवाज नहीं होती। ऐसा ही कुछ कश्मीरी लाल के साथ हुआ। कश्मीरी लाल इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट में इंसपेक्टर के पद पर कार्यरत थे।


For Immediate Problem Solving and Queries, Talk to Astrologer Now


शुरु-शुरु में तो कार्य के प्रति काफी सजग और ईमानदार थे, परंतु समय के साथ भ्रष्टाचार के कीड़ों ने उन्हें नहीं बख्शा अर्थात् यह तो वही बात हुई कि आये थे हरि भजन को और ओटने लगे कपास, इसके अनुसार- कश्मीरी लाल को पद तो मिला था भ्रष्टाचार मिटाने को लेकिन कश्मीरी लाल भी खुद ही भ्रष्टाचार में संलिप्त होकर सरकार की नाक के नीचे ही धन बटोरने लगे। रिश्वत में कमाए पैसे से अपना एक आलीशान मकान व खूबसूरत कार भी खरीद ली। उनके बच्चे शहर के सबसे महंगे स्कूल में पढ़ते थे।

पत्नी रोज किसी पार्टी में हजारों के दांव लगाती और पूरा परिवार ऐशो आराम में खुद को किसी करोड़पति से कम नहीं समझता था। लेकिन आॅफिस जाते हुए कश्मीरी लाल हमेशा अपने टू-व्हीलर स्कूटर का प्रयोग करते क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि आॅफिस वालों को उनके स्टेटस की भनक भी लगे। उनके सामने वे हमेशा पैसे की तंगी ही जताया करते क्योंकि वे जानते थे कि सबसे पहले उनके साथी ही उनकी आती हुई लक्ष्मी से जलेंगे।

दूसरे के पैसे पर ऐश करना तो बहुत आसान होता है पर खुद मेहनत कर के पैसे को लुटाना मुश्किल होता है। इसी बीच उन्होंने टैक्स के सिलसिले में एक सुनार की दुकान पर छापा मारा। चूंकि उसके पेपर्स में काफी गड़बड़ी थी, उन्होंने मोटे पैसे की डिमांड रखी। सुनार काफी तजुर्बेकार था उसने अत्यंत विनम्र होकर उन्हें अगले दिन आने का आश्वासन दिया और दस लाख देने की पेशकश की। कश्मीरी लाल अपने आई.टी.ओ. के साथ अगले दिन उसकी दुकान पर जा धमके और तुरंत पैसे देने की मांग करने लगे।

दुकानदार ने उन्हंे दस लाख की गड्डियां पकड़ा दीं। जैसे ही कश्मीरी लाल ने पैसे पकड़ें, वैसे ही सी.बी.आई. की टीम उधर आ गई। उन्हें और आई.टी.ओ. को रंगे हाथ पकड़ लिया और उनको रिश्वत लेने के जुर्म में तुरंत जेल भेज दिया गया। कश्मीरी लाल ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ भी हो सकता है। वह अपनी तानाशाही के दंभ में खुद को वहां का बादशाह समझने लगे थे, हर व्यक्ति को हड़काने में उन्हें बहुत आनंद आता था।


अपनी कुंडली में सभी दोष की जानकारी पाएं कम्पलीट दोष रिपोर्ट में


लेकिन जेल में जाने के पश्चात् उन्हंे अपनी असलियत का अहसास हुआ। मीडिया को जैसे ही इस बात की खबर लगी तुरंत उनके घर पहुंच गई और उनकी पत्नी और बच्चों से तरह-तरह के सवाल करने लगे। सभी अखबारों और न्यूज चैनलों ने इस खबर को नमक-मिर्च लगाकर पेश किया। हाल ही में उसके बेटे की सगाई तय हुई थी। बेटी वाले ने जब यह सुना तो उन्होंने तुरंत सगाई तोड़ ली। जवान बेटी को भी कोई लड़का नहीं मिला।

सारी बिरादरी में थू-थू होने लगी और सबने उनसे अपना रिश्ता तोड़ दिया और खुद व उनके पूरे परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा तथा उन्हीं के साथ पकड़े हुए आई.टी.ओ. को इतना जबरदस्त धक्का पहुंचा कि उसका जेल में ही देहांत हो गया। उनके रिटायर होने में कुछ महीने ही शेष थे, वे तो जीवन से ही रिटायर हो गये। कश्मीरी लाल भी उनका अंत देखकर बहुत डर गया और अपने किये पर काफी पछतावा भी हुआ।

उन पर रिश्वत लेने का केस चला और करीब छह महीने पश्चात वे जेल से बाहर आ गये। बाहर आने पर सभी मित्र व रिश्तेदार उनसे कन्नी काटने लगे और उनसे बात करने में भी झिझकते। कल के कश्मीरी लाल जो किसी को अपने आगे कुछ नहीं समझते थे, आज भीगी बिल्ली की तरह सबसे नजर बचा कर चलने लगे। आस- पड़ौस के लोग भी उन्हें आगे पीछे ताने देने लगे।

कश्मीरी लाल नौकरी से सस्पेंड हो गये और उन पर रिश्वत लेने के अपराध में लंबा केस चला। इसी बीच रिटायर भी हो गये लेकिन केस अभी तक चल रहा है पेंशन भी नहीं मिल रही है। अब उन्हें पता चल रहा है कि आम आदमी अपनी जिंदगी कैसे बिताता है। आइये, करें कश्मीरी लाल जी की पत्री का विश्लेषण और जानें, कौन से ग्रह व्यक्ति को रिश्वतखोर बनाते हैं

- कश्मीरी लाल जी की कुंडली में लग्न में मेष राशि के राहू काफी बलवान स्थिति में है। लग्न के राहू ने उन्हें अत्यंत महत्वाकांक्षी, अहंकारी तथा भ्रष्ट प्रकृति का व्यक्ति बना दिया। लग्नस्थ राहू जहां एक ओर व्यक्ति की निर्णय-शक्ति को कमजोर बना देता है, वहीं वह अपने निर्णय, लक्ष्य पूर्ति के लिए, बिना कुछ सोचे-समझे ले लेता है।

Û कश्मीरी लाल जी की कुंडली में लग्नेश मंगल भाग्येश बृहस्पति के साथ भाग्य स्थान में भाग्यशाली राजयोग बना रहे हैं जिसके प्रभाव से धन से संबंधित विभाग में एक उच्चाधिकारी के रूप में नियुक्त हुए।

Û कुंडली में सूक्ष्मता से विचार करें तो चलित कुंडली में दोनों ग्रह गुरु और मंगल, कर्म स्थान अर्थात् दशम भाव में चले गये हैं। यहां लाभेश बृहस्पति नीच राशि में तथा लग्नेश मंगल उच्च राशि में होने से इन्होंने अपने अधिकारों का अपने निजी स्वार्थ के लिए गलत उपयोग किया।

Û लाभेश शनि कुंडली में लाभ स्थान, धन स्थान तथा धनेश शुक्र, सभी को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है। जिसके कारण इनकी धन कमाने की महत्वाकांक्षा अत्यंत बढ़ गई।


जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें !


Û लाभेश व कर्मेश शनि पर पाप ग्रह राहू की पूर्ण दृष्टि भी है। इसके साथ-साथ धन कारक गुरु की भी दृष्टि है जिसके फलस्वरूप कर्म स्थान से धन तो कमाया, पर सीधे रास्ते की बजाय रिश्वत और घूस खोरी से तुरंत धन कमाने की योजनाओं को अंजाम दिया।

Û इनकी कुंडली में मन कारक चंद्रमा चतुर्थेश होकर व्यय भाव में बैठे हैं तथा मंगल की पूर्ण दृष्टि में है।

नवांश में भी चंद्रमा अपनी नीच राशि में है जिसके प्रभाव से इनके हृदय में छल व कपट अधिक रहा और गलत काम करते हुए इनका मन अपराध-बोध से ग्रसित नहीं हुआ। कश्मीरी लाल के साथ चंद्र की महादशा में बुध की अंतर्दशा में ही यह घटना घटी। सुखकारक चंद्रमा की द्वादश भाव में स्थिति तथा बुध की अष्टम भाव में सूर्य के साथ स्थिति ने अपना प्रतिकूल प्रभाव दिखाया और वे रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथ पकड़े गये तथा जेल की हवा खानी पड़ी।

अंत में यही कहना चाहूंगी कि धन हर व्यक्ति कमाना चाहता है, कमाना भी चाहिए लेकिन इसके लिए अपने कर्म और भाग्य पर भरोसा करें, उचित मार्ग अपनाएं। अपना विवेक खोकर भ्रष्टाचार से पैसा कमा कर जीवन की तरंगों का सुख शायद ही प्राप्त किया जा सकता है।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.