सनातन हिंदू धर्म में तुलसी को पवित्र एवं पुण्यदायिनी माना गया है। इसका हमारे जीवन में आध्यात्मिक तथा आयुर्वेदिक दृष्टि से विशेष महत्व है। इसकी पूजा, अर्चना करने से, तथा देव पूजन में भगवान विष्णु को अर्पण करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। दूसरी ओर इसके उपयोग से रोग, शोक, ताप, पाप की शांति होती है। तुलसी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है। श्यामा तुलसी, और रामा तुलसी, श्यामा तुलसी अपने नाम के अनुसार ही श्यामवर्ण की होती हैं तथा रामा तुलसी हरित वर्ण की होती है। तुलसी की माला गले में धारण करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।
श्यामा तुलसी की माला: श्यामा तुलसी की माला धारण करने से विशेष रूप मानसिक शांति प्राप्त होती है। ईश्वर के प्रति श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है। मन में सकारात्मक भावना का विकास होता है। आध्यात्मिक उन्नति के साथ ही पारिवारिक तथा भौतिक उन्नति होती है। इस माला को शुभ वार, सोम, बुध, वृहस्पतिवार को गंगाजल से शुद्ध करके धारण करना चाहिए।
रामा तुलसी माला: इस माला को विशेष रूप से देवपूजा, यज्ञकर्म, अध्ययन आदि में सफलता प्राप्ति के लिए धारण करना चाहिए, उसे धारण करने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास में वृद्धि, तथा सात्विक भावनाएं जागृत होती हैं। अपने कर्तव्य पालन के पति मदद मिलती है। इस माला को शुभ वार, सोम, गुरु, बुध को गंगाजल से शुद्ध करके धारण करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार तुलसी माला, भगवान विष्णु, राम, कृष्ण, शिव देवी, हनुमान आदि देवताओं के भक्त, उपासक सात्विक भोजन करने वाले व्यक्तियों को धारण करने से विशेष शुभ फल की प्राप्ति होती है।
प्राप्ति स्थान: फ्यूचर पाॅइंट कार्यालय से आप चांदी से जड़ित शुद्ध तुलसी माला प्राप्त कर सकते हैं।