साक्षात्कार बालाजी धाम के एक दिग्गज भूत-प्रेत विशेषज्ञ से भूत-प्रेत, जिन्न-राक्षस, डाकिन-चुडेल आदि आत्माओं की एक अलग ही दुनियां इस धरती पर हैं, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इन्सानी माहौल से जुड़ी रहती हैं अथवा उसके आस-पास ही विचरण करती हैं। इंसानों की तरह इनके भी घर-गृहस्थी, मन मुटाव, झगड़े, अंकुश, सत्ता, व्यवस्था होती हैं। फर्क केवल इतना सा है कि मानव के आस-पास यह सब कुछ घटता रहता है, पर आम आदमी इसे देख नहीं पाता। वह अलौकिक दुनिया की आत्माओं से प्रभावित होता रहता है। आज के अंतरिक्ष विज्ञान के युग में ऐसी बातों पर विश्वास करने को जी नहीं करता तथा इस प्रकार की बातें कपोल-कल्पित सी लगती है। परंतु भूत-प्रेतात्माओं द्वारा पीड़ित व्यक्तियों की दुर्दशा देखकर विश्वास करना ही पड़ता है। भूत-प्रेतों के कई ऐसे आक्रमण देखकर डाॅक्टर, तथा वैज्ञानिक लोग हैरान हो जाते हैं, उनको तांत्रिक ही ठीक करते हैं। अन्य देशों की तरह अपने देश में भी प्रेत बाधाओं से छुटकारा दिलाने का बीड़ा उठाने वाले अनेक लोग हैं। उन्ही में से एक हैं- राजस्थान के व्यावर शहर स्थित बलाड़ रोड के मकरध्वज बालाजी धाम के मुख्य उपासक प्रकाश नाथ महाराज। श्री मकरध्वज बालाजी तीर्थ धाम के मुख्य-उपासक प्रकाश नाथजी से तंत्र-मंत्र, चमत्कार, भूत-प्रेत आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। प्रस्तुत हैं उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश- प्रश्न: क्या आप चमत्कार भी दिखाते हैं? उत्तर: कई ओझा, भोपा, तांत्रिक जन लोगों को आकर्षित करने एवं प्रसिद्धि पाने के लिये तरह-तरह के चमत्कार दिखाते हैं। मैं चमत्कार नहीं दिखाता। हाॅ! आवश्यकता होने पर मानव कल्याण के लिये तांत्रिक शक्ति का प्रयोग करता हूं। लोगों का दुख दर्द, परेशानियां मुझसे देखी नही जाती। प्रसिद्धि मैं नहीं चाहता। प्रश्न: किस तरह के लोग आपके पास आते हैं? उत्तर: सभी तरह की समस्यायें लेकर आते हैं। आपसी झगड़े, पारिवारिक कलह, मुकदमेबाजी, बेरोजगारी, जमीन-जायदाद, पितृ दोष, मृत आत्मा तथा भूत प्रेतादि की बाधा, व्यापार में हानि, घात, निःसंतानता, गंभीर खतरनाक रोगों से मुक्ति पाने के लिये राजस्थान के अलावा दूर-दूर से परेशान व्यक्ति आते हैं। ऐसे भी लोग आते हैं, जो दूसरों का नुकसान करवाना चाहते हैं। लेकिन ज्यादातर परेशान तथा दूसरों द्वारा सताये लोग आते हैं। हम तंत्र विद्या से दूसरों की शक्ति को बेअसर करने का प्रयोग करते हैं। लेकिन मैं दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिये तांत्रिक विद्या को प्रयोग में नहीं लाता, अपितु लोगों के भले के लिये, उनकी तरक्की के लिये, रूकावट दूर करने के लिये अपनी शक्ति को उपयोग में लाता हूं। प्रश्न: आपके पास आने वाले मानसिक रोगियों में क्या सभी भूत-प्रेत से ग्रस्त होते हैं? उत्तर: जी नहीं ! सभी लोग भूत बाधा से पीड़ित नहीं होते। कभी-कभी तो उनकी पीड़ा का कारण आस-पास का वातावरण और पारिवारिक उलझने भी होती हैं। ऐसे समय मैं केवल भूत प्रेत या ग्रह दोष पर ही ध्यान नहीं रखता, बल्कि उसकी मनोदशा का अध्ययन करने के बाद सही परामर्श देता हूं। प्रश्न: आपको बालाजी की कृपा कैसे प्राप्त हुई? उत्तर: जब मैं दस-ग्यारह वर्ष का था, तब एक बार अपने फूफा व बुआ के साथ मेहन्दीपुर बालाजी दर्शनार्थ गया। वहीं किसी अज्ञात प्रेरणा से मैने हनुमान चालीसा के 108 पाठ किये। बस तभी से कोई अलौकिक शक्ति मेरा मार्गदर्शन कर रही हैं और उसी समय से बालाजी की विशेष अनुकम्पा मुझ पर हो गई। प्रश्न: भूत-प्रेतों की करतूतों से आप कैसे निपटते हैं? उत्तर: अभी तक मैने कितनी ही कुख्यात और जबरदस्त शक्तिशाली दुष्ट आत्माओं को अपनी मंत्रशक्ति से परास्त कर मुक्ति दिलाई हैं। प्रश्न: रोग मुक्ति और प्रेत बाधा उपचार कैसे करते हैं? उत्तर: रोग निवारण तथा भूत व्याधि को दूर करने के लिये लौंग, पतासे, तेल, काली मिर्च, जायफल आदि का प्रयोग करता हूं। महाराज प्रकाश नाथ के पास सुबह-शाम समस्याग्रस्त लोगों व रोगियों का मेला लगा रहता हैं। आज भी इनकी स्वयं की साधना रात्रि ग्यारह से दो बजे तक चलती हैं। मंगलवार-शनिवार को तो प्रातः आठ बजे से ही पीड़ित पुरुष, महिलाओं, बच्चों की लंबी कतार लग जाती हैं। सभी अपनी-अपनी व्याधियों-परेशानियों से मुक्ति प्राप्त करने की लालसा लेकर आते हैं। महाराज जी गरीब-अमीर सभी के दुखों को समान भाव से देखते व उपचार करते हैं। वे दूसरे तांत्रिकों की तरह अंधाधुंध पैसा नहीं लेते। घर का खर्च वह स्वयं श्रम करके पूरा करते हैं। प्रकाश नाथ महाराज का कहना है कि उनके यहां सच्चे भक्तें के कष्ट अवश्य दूर होते हैं, पर जो लोग गलत हैं और गलत कार्यों के लिये आते हैं, उनकी बात नहीं सुनी जाती। इसलिये महाराज जी किसी को गड़ा धन, चोरी, घर से भागने, जुआ-सट्टा तथा झूठे कोर्ट-कचहरी जैसे मामलों पर किसी प्रकार की मदद नहीं करते। आज कई निःसंतान दम्पति महाराज जी के आशीर्वाद से दो-चार बच्चों के माता-पिता हैं। व्यापार में जो नुकसान उठा रहे थे, उनको भी व्यापार-धंधे में लाभ हुआ। कुछ विवाहित महिलाओं, युवतियों को उनके पति ने छोड़ रखा था, इनकी कृपा से वे सुखपूर्वक अपने पति के साथ जीवन गुजार रही हैं। असाध्य रोगों से परेशान कई व्यक्तियों को प्रकाश नाथ महाराज ने अच्छा भला-चंगा किया हैं। जो लोग जीने की उम्मीद छोड़ चुके थें, बड़े-बड़े चिकित्सकों ने जबाब दे दिया था। उनको भी इन्होंने ठीक किया हैं।