आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे
आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे

आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे  

व्यूस : 6605 | फ़रवरी 2012
आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे अश्वगंधा तथा बहेड़े के चूर्ण को गुड़ में मिलाकर गोलियां बनायें। प्रातः सायं दो-दो गोली गरम पानी के साथ खाने से हृदय-शूल नहीं होता। पीपल के कोमल पत्तांे के रस में शहद मिलाकर पीने से हृदय-शूल में आराम मिलता है। कुटकी और मुलहठी को बराबर मात्रा में पीस कर मिसरी के साथ शर्बत बनाकर पीने से दिल को ताकत मिलती है। अर्जुन की छाल को दूध में डालकर पकाएं और गुड़ मिलाकर पियें। इससे हृदय के समस्त रोग व विकार दूर हो जाते हंै। मेथी-दाने के काढ़े में शहद मिलाकर सेवन करने से हृदय-शूल में लाभ होता है। लहसुन को दूध में पकाकर सेवन करने से हृदय-रोग में लाभ मिलता है। प्याज और लहसुन का उपयोग भोजन के साथ संतुलित मात्रा में किया जाए तो रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ने नहीं देता, जिससे रक्त के संचार में बाधा नहीं होती और हृदय-शूल नहीं होता। गेहूं और चने को बराबर मात्रा में पीसकर बिना छाने रोटी बनाकर खाने से हृदय-शूल से बचा जा सकता है। अश्वगंधा और पिप्पला-मूल को मिलाकर सुबह, दोपहर, शाम इसका सेवन करने से हृदय तथा नसों का बल बढ़ता है। पिप्पली, हरड़, सोंठ, कचीरा, वच, पुष्कर मूल, रास्नां सबको बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और चार-पांच ग्राम दिन में तीन बार पानी या छाछ के साथ सेवन करें। सौंठ, हल्दी कटूफल, अतीस, हरड़ को पीसकर पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर सेवन करने से रक्त में कोलेस्ट्रोल और हृदय-शूल नहीं होता। हींग, धनिया, हरड, पुष्कर मूल तथा तीन प्रकार के नमक को मिलाकर चूर्ण बना लें और जौ के काढ़े के साथ सेवन करने से हृदय-शूल से राहत मिलती है। प्रातःकाल नाश्ते में एक पपीता एक महीने तक खाने से हृदय-शूल में लाभ होता है। ध्यान रखें, पपीता खाने के दो घंटे तक कुछ न खायें। शृंग भस्म, भारंगी चूर्ण, काली मिर्च, मुनक्का, पिप्पली और खजूर को मिलाकर पीसं,े गोलियां बना लें और दिन में चार बार पानी के साथ लेने से हृदय-शूल से राहत मिलती है। प्रातःकाल तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से रक्तचाप ठीक रहता है और हृदय-शूल भी नहीं होता। सूखा आंवला और मिश्री बराबर मात्रा में पीसकर गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से हृदय रोगों में लाभ होता है। नागफनी और थूहर के पंचांग की राख को सेवन करने अथवा दोनों के रसों को सामान्य मात्रा में मिलाकर पीने से हृदय की धड़कन और शूल में लाभ होता है। अनार के पत्तों के रस का शर्बत हृदय को शक्ति प्रदान करता है। गाजर और आंवले के मुरब्बे का सेवन दिल की ताकत बढ़ाता है। फिटकरी का फूला तथा मिश्री को 1ः3 अनुपात में मिलाकर गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से हृदय रोगों में लाभ होता है। बथुआ, मकोय, अदरक व लहसुन का सेवन हर प्रकार के हृदय रोगों में लाभकारी है और हृदय के लिए बलवर्द्धक है।



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