सरल उपाय ही टोटके कहलाते हैं। इन उपायों में घर में उपलब्ध वस्तुओं का ही उपयोग किया जाता है। साधारण मंत्र या पूजा-पाठ ही इन उपायों में फलदायी होते हैं। किसी पंडित आदि की सहायता की आवश्यकता नहीं होती एवं इसके विपरीत परिणामों का भी संदेह नहीं रहता है।
कुछ समय पूर्व की बात है एक मित्र मिलने आए, जो बहुत घबराए हुए थे। लोभ के कारण व्यापार में उन्होंने कुछ ऐसी गलतियां की थीं जिसके कारण सरकारी विभाग में उनकी शिकायत हो गई और संबंधित विभाग ने उन पर कार्रवाई शुरू कर दी। उनकी जन्मपत्री देखी तो उनकी साढ़ेसाती अपने चरम पर चल रही थी। तुरंत ही उनको साढ़ेसाती के कष्टों के निवारण हेतु निम्नलिखित उपाय बताए जिनको उन्होंने बड़ी श्रद्धा से किया और कुछ समय पश्चात् वह केस कागजों में ही दब कर खत्म हो गया। तब जाकर उन्हें चैन की सांस आई लेकिन तब तक उनकी साढ़ेसाती भी उतार पर आ चुकी थी।
शनि के उपाय इस प्रकार हैं -
- प्रत्येक शनिवार सरसांे तेल में अपनी छाया देखकर डकौत को दान दें। इससे शनि ग्रह से संबंधित कष्ट कम होते हैं।
- शनि जनित भय से मुक्ति हेतु प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- सुंदरकांड का पाठ प्रतिदिन इस प्रकार करें कि शनिवार से प्रारंभ होकर शुक्रवार को समाप्त हों। इससे सभी व्यावसायिक समस्याएं व सरकारी पक्ष से होने वाली चिंताएं समाप्त हो जाती हैं। यह एक अचूक उपाय है।
- प्रतिदिन शनि मंत्र - ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः मंत्र का जप रूद्राक्ष की माला पर 108 बार करें। इससे सकारात्मक शक्ति बढ़कर कार्य संपादन करने की शारीरिक व मानसिक क्षमता में गुणात्मक वृद्धि होती है।
- शनि के जागृत व सिद्ध मंदिर के दर्शन करें व तेल चढ़ाएं।
- शनि पीड़ा निवारण के लिए यह टोटका करें - शुक्रवार को पानी में सवा किलो काले चने भिगो दें, शनिवार को उन्हें निकालकर काले कपड़े पर रख लें, साथ में एक कच्चा कोयला, एक सिक्का व चुटकी भर काले तिल डाल कर पोटली बांध लें, तत्पश्चात् इस पोटली को सात बार अपने सिर के ऊपर से घूमा कर यमुना जी (जो कि शनि की बहन मानी जाती हंै) के जल में प्रवाहित कर दें।
इसे प्रवाहित करने के लिए कोई भी व्यक्ति जा सकता है व इसे सुबह से शाम तक किसी भी समय प्रवाहित किया जा सकता है। आठ शनिवार उपरोक्त टोटके को करने से शनिकृत संपूर्ण कष्टों का समाधान हो जाता है।
इसी प्रकार अन्यान्य कष्ट मनुष्य के जीवन में आते रहते हैं जिनके निवारण हेतु कुछ प्रचलित टोटकों का विवरण इस प्रकार है -
स्वास्थ्य लाभ के लिए:
1. प्रतिदिन सूर्योदय के समय भगवान सूर्य को गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए अघ्र्य दें तथा सूर्य की सात परिक्रमा करें व सूर्य को नमस्कार करें।
2. यदि कोई व्यक्ति गंभीर रोग से ग्रस्त हो तो 64 अक्षरीय महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख जप कराएं -
ऊँ हौ जूं सः ऊँ भूर्भुवः स्वः
ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
ऊँ स्वः भुवः भूः ऊँ सः जूं हौ ऊँ
अच्छी पढ़ाई के हेतु
4 मुखी, 6 मुखी व गणेश रुद्राक्ष का लाॅकेट धारण करें एवं केसर हल्दी का तिलक प्रतिदिन माथे पर लगाएं। ऊँ ऐं महासरस्वत्यै नमः मंत्र की एक माला जप नित्य प्रति करें।
आर्थिक समस्या से छुटकारा पाने हेतु
1. गुरुवार को गाय को दो आटे के पेड़े पर थोड़ा हल्दी लगाकर खिलाएं। इसके साथ ही गुड़ व चने की पीली दाल का भोग गाय को लगाना शुभ होता है।
2. घर में स्फटिक श्रीयंत्र व कार्य स्थल पर सूर्यमणि श्रीयंत्र स्थापित करें तथा श्रीसूक्त व लक्ष्मीसूक्त का नित्यप्रति पाठ करें। कुबेर यंत्र को उŸार दिशा में स्थापित करें। आठ छुआरे लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें।
फैक्ट्री, मशीन, उद्योग आदि में समस्या निवारण हेतु
1. कई बार एक मशीन के न काम करने से पूरी उत्पादकता प्रभावित हो जाती है। जो मशीन काम न कर रही हो उस पर विश्वकर्मा की पूजा करके मत्स्य यंत्र चिपका दें तथा नित्यप्रति धूप दीपादि से पूजा करें।
2. कर्मचारियों के परेशान करने पर काली राई लेकर पूरे कार्यालय व कार्यालय परिसर में डालें।
3. यदि व्यापार में लाभ कम हो तो 16 छुआरे लाल कपड़े मंे बांधकर मंदिर में रखें व व्यापार वृद्धि यंत्र कार्यालय में स्थापित करें।
नौकरी संबंधी परेशानी निवारण हेतु
अपने से जूनियर व साथियों को जलपान कराएं। निम्न वर्ग को धन राशि दें तथा वरिष्ठ लोगों की आज्ञा का पालन करें। शादी में रुकावट दूर करने हेतु
1. 16 शुक्रवार 9 वर्ष से कम आयु की कन्याओं को खीर मिश्रित प्रसाद बांटें, खट्टा न खाएं व पार्वती को शंृगार का सामान चढ़ाएं।
2. अपनी लंबाई के बराबर मौली लेकर सोमवार को पार्वती की प्रतिमा व शिवलिंग दोनों के इर्द-गिर्द बांध दें। उसके उपरांत शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं।
3. अपनी उम्र के बराबर लाल-काले रंग की रŸिायों के बीज लेकर एक-एक करके अपनी मनोकामना याद करते हुए सूखे कुएं में डाल दें। इच्छित पति प्राप्ति के लिए निम्नांकित मंत्र की एक माला नित्यप्रति जपें -
ऊँ कात्यायनि महामाये! महायोगिन्यधीश्वरि। नन्दगोपसुते देवि! पतिं मे कुरु ते नमः।
मंगलीक दोष निवारण हेतु
1. यदि कन्या की जन्मपत्री में मंगलीक व शनि दोष हो तो उसके निवारण हेतु विवाह से पूर्व विष्णु विवाह करवाएं।
2. यदि लड़के की कुंडली में मंगलीक व शनि दोष हो तो घट विवाह करवाने से निवारण हो जाता है।
संतान प्राप्ति के लिए:
1. संतान गोपाल मंत्र का सवा लाख जप संतान प्राप्ति माला पर करवाएं।
2. मूंग की दाल का नमकीन या अंकुरित रूप में अधिकाधिक प्रयोग करें। प्रतिदिन केसर का तिलक करें। लड्डू गोपाल की मूर्ति घर के मंदिर में रखें। घर में मोर पंख रखें। निम्न मंत्र का 108 बार जप करें।
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः।।
नज़र दोष हेतु
1. सरसों के तेल की बŸाी जलाकर शरीर पर से सात बार उतारा करें व बŸाी को घर से बाहर चैराहे पर या पीपल के पेड़ के नीचे छोड़ दें। उतारा करते हुए यदि बŸाी चटके या लौ नीचे टपके तो नज़र दोष का संकेत देती है।
2. सात साबुत लाल मिर्च लेकर सात बार उतारा करें और फिर उन मिर्चों को जला दें। यदि मिर्ची की बू न आये तो नज़र दोष समझें।
घर से नकारात्मक पराशक्तियों को हटाने हेतु:
1. एक कांच के गिलास में पानी में नमक मिलाकर घर के नैर्ऋत्य के कोने में रख दीजिये और उसके पीछे लाल रंग का एक बल्ब लगा दीजिये, जब भी पानी सूख जाये तो उस गिलास को फिर से साफ करने के बाद नमक मिलाकर पानी भर दीजिये।
2. घर में पोंछा लगाने के पानी में थोड़ी सी फिटकरी मिलाने से भी नकारात्मकता कम होती है।
ईष्ट देव की सिद्धि के लिए
एकान्त कमरे में जमीन पर उत्तर की तरफ मुंह करके पालथी मारकर बैठ जायंे, दोनों आंखों को बन्द करने के बाद आंखों की दृष्टि को नाक के ऊपर वाले हिस्से में ले जाने की कोशिश करंे व धीरे-धीरे रोजाना दस से बीस मिनट का अभ्यास करंे। लेकिन इस काम को करने के बीच में किसी भी प्रकार के विचार दिमाग में नहीं लाने चाहिये। आपको आपके ईष्ट की सिद्धि सुगमता से हो जायेगी। आशा है कि पाठक गण उपरोक्त टोटकों से अवश्य ही लाभान्वित होंगे।