सम्मोहन उपचार डाॅ. जे. पी. मलिक हिप्नोटिज्म (सम्मोहन) एक ग्रीक शब्द हिप्नोस से बनाया गया है जिसका अभिप्राय नींद होता है। अपने नाम से विपरीत यह नींद की स्थिति न होकर ध्यान की एक अवस्था है जिसमें हमारे मस्तिष्क की लहरें बीटा से अल्फा में परिवर्तित हो जाती हैं। यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसका प्रभाव शरीर पर नापा जा सकता है। अतः सम्मोहन को जादू या कोई अवैज्ञानिक कार्य समझना उचित नहीं है। सम्मोहन की अवस्था में नये न्यूरो-पाथ बनाकर व्यवहार को प्रभावित किया जा सकता है। क्या सम्मोहन अप्राकृतिक अवस्था है? यह सवाल किसी भी व्यक्ति के मन में आ सकता है। सम्मोहन एक प्राकृतिक अवस्था है जिसे सभी लोग दिन में कई बार अनुभव करते हैं। यह बच्चों, युवाओं और प्रौढ़ों पर समान रूप से प्रभावी हैं। हर कोई सामान्य व्यक्ति जो संवाद को समझ सकता है, उसका अनुकरण कर सकता है, सम्मोहन की अवस्था का अनुभव कर सकता है। सम्मोहन मनोविज्ञान का एक अवयव है। सम्मोहन का आधार मन की कार्य क्षमता है अर्थात् मन जो बताता है उसको सुधारा भी जा सकता है। हमारा मन कम्प्यूटर की तरह कार्य करता है। कम्प्यूटर के साॅफ्टवेयर में परिवर्तन करके इसके कार्य में भी परिवर्तन किये जा सकते हैं। अगर हम अपने आप को कमजोर व बीमार मानते हैं तो हम अपने आप को शक्तिशाली और समर्थ भी मान सकते हैं। इस उपचार से मनुष्य का दृष्टिकोण स्वस्थ होता है और उसका स्वस्थ विकास होता है। सम्मोहन का मुख्य तौर पर तीन प्रकार से प्रयोग होता है। स्वयं में सुधार लाना, मनोरंजन करना तथा उपचार करना। कोई भी व्यक्ति स्वयं-सम्मोहन करके अपने विकास के लिए कार्य कर सकता है। दूसरा उपयोग मनोरंजन कार्य करना जैसे स्टेज शो, पार्टी शो और नुक्कड़ शो करना इत्यादि। मनोरंजन कार्यक्रमों ने सम्मोहन को लोकप्रियता प्रदान की है और जादू जैसे विचार भी लोगों के मन में पैदा कर दिये हैं। तीसरा और सबसे अधिक सम्मोहन का प्रयोग है उपचार हेतु। सम्मोहन से अनेक प्रकार के उपचार भी संभव हैं जैसे मोटापा, नपुंसकता, पढ़ाई में ध्यान, खेलों में प्रभाव, चिंता, डर, आत्मविश्वास, निर्णय लेना, आदत सुधार इत्यादि। सम्मोहन का प्रयोग पराभौतिक कार्यों जैसे पिछले जन्म से जुड़ना, भूत-प्रेत उपचार, पुण्य आत्माओं से सहयोग लेना इत्यादि के लिए भी प्रयोग किया जाता है।