वास्तु के अनुसार कार्यालय
वास्तु के अनुसार कार्यालय

वास्तु के अनुसार कार्यालय  

व्यूस : 8248 | जुलाई 2012
वास्तु के अनुसार कार्यालय प्रमोद कुमार सिन्हा प्र0- कार्यालय के लिए किस तरह का भूखण्ड सर्वश्रेष्ठ होता है ? उ0- किसी भी कार्यालय को विकसित करने के पूर्व भूखंड का चयन आवश्यक है। कार्यालय के लिए आयताकार या वर्गाकार भूखंड का चयन सर्वश्रेष्ठ होता है। ईशान्य वृद्वि भूखंड पर भी कार्यालय का निर्माण लाभप्रद होता है। भूखंड के दक्षिण और पश्चिम में बड़ी-बड़ी इमारतें, पेड़-पौधा तथा उतर और पूर्व में खुला मैदान, दरिया, तालाब या कृत्रिम पानी का स्थान, कार्यालय के समृद्धि में चार चाॅंद लगाता है। अर्थात् धन-धान्य, दौलत संपत्ति में बढोतरी कर सुख और ऐश्वर्य की वृद्धि करती है। कार्यालय के उतर, उतर-पूर्व एवं पूर्व दिशा में अधिक से अधिक तथा दक्षिण और पश्चिम दिशा में कम से कम खुली जगहंे रखना लाभप्रद होता है। प्र0- कार्यालय के लिए प्रवेश द्वार किस स्थान से अच्छा होता है ? उ0-कार्यालय के लिए प्रवेश द्वार उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर से रखना चाहिए। प्रवेश द्वार पर किसी प्रकार की रूकावटें एवं वेध न रहे। दरवाजे के खुलने या बंद होने के समय किसी तरह की कर्कश आवाज उत्पन्न नही होनी चाहिए। इससे अशुभ ऊर्जा उत्पन्न होती है तथा शक्ति क्षीण होती है। प्र0- कार्यालय मे मुख्य अधिकारी को किस स्थान पर बैठकर कार्य करना चाहिए? उ0- कार्यालय मे मुख्य अधिकारी, प्रबंध निदेशक या स्वामी को भवन के दक्षिण-पश्चिम में बैठकर कार्य करने के लिए जगह निर्धारित करनी चाहिए। कार्यालय के स्वामी का कक्ष सबसे बड़ा अर्थात् अन्य कमरों से बड़ा होना चाहिए। कार्यालय स्वामी या मुख्य व्यक्ति को बैठने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान कक्ष एवं कमरे के दक्षिण-पश्चिम की दिशा में होता है। इस स्थान पर बैठकर कार्य करने से उचित निर्णय लेने की क्षमताओं एवं शक्तियों में वृद्धि होती है। दिमागी कार्य द्वारा लोगों की सेवा करने वाले व्यक्ति जैसे- डाॅक्टर, वकील, ज्योतिषी, प्रोफेसर एंव अधिकारीगण को वास्तु शास्त्र के निर्देशों के अनुसार हमेशा कक्ष के दक्षिण-पश्चिम दिशा में पूर्वाभिमुख होकर बैठना चाहिए तथा वस्तु का क्रय-विक्रय करने वाले व्यापारीगण को अधिक संपन्नता के लिए उत्तराभिमुख होकर बैठना चाहिए। प्र0- कार्यालय मे मुख्य व्यक्ति को शहतीर के नीचे बैठकर कार्य करना चाहिए? उ0-मुख्य व्यक्ति या पदाधिकारी को बीम, शहतीर या सिल्ली के नीचे बैठकर कार्य नही करना चाहिए। इसके नीचे बैठकर कार्य करने पर कार्यो में गतिरोध आता है तथा व्यक्ति तनावग्रस्त रहता है। शहतीर अथवा बीम छतों का भार अपने ऊपर उठायें रहता है, अतः इनके ऊपर असाधारण भार रखा होता है। वजन नीचे की दिशा में गुरूत्वाकर्षण के नियम के अनुसार कार्य करता है। फलस्वरूप असाधारण गुरूत्वाकर्षण बल शहतीर या बीम के नीचे बैठकर कार्य करने वाले व्यक्तियों पर भी पड़ता है। इसके कारण काफी असहज-सा महसूस होता है। फलस्वरूप कार्य ठीक से नही हो पाता एवं असफल होने की संभावना बनी रहती है। प्र0- कार्यालय में बैठने के स्थान के पीछे ठोस दीवार का होना आवश्यक है ? उ0-मुख्य व्यक्ति या पदाधिकारी के बैठने के स्थान के पीछे ठोस दीवार का होना आवश्यक है। पीठ पीछे दरवाजा, खिडकी या काॅंच होने के कारण व्यक्ति अपने आपको असुरक्षित महसूस करते हुए भयभीत रहता है तथा सहयोगियों से धोखा पाता है। प्र0- कार्यालय में लेखा विभाग किस स्थान पर रखना चाहिए ? उ0- लेखा विभाग कार्यालय के उतर दिशा में होना चाहिए। वित्तीय कार्यालयों के लिए खासतौर पर उतर की दिशा लाभप्रद होती है। इससे कार्यालय की संपन्नता बनी रहती है। मुख्य खजांची या अंकेक्षक को उतर दिशा की ओर मुंह कर बैठना चाहिए। यदि खजांची का मुॅह पूर्व की तरफ हो तो कैश काउंटर उसके दाहिनी ओर रखना चाहिए तथा खजांची का मुॅह उतर की तरफ हो तो कैश काउंटर उसके बाएं तरफ रखना चाहिए।



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