आम आदमी पार्टी की मुसीबत थमने का नाम नहीं ले रही है। अभी हाल में विधान सभा चुनावों में करारी हार के पश्चात एम. सी. डी. के चुनावों में भी भारी शिकस्त के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपनी हार का ठीकरा जहां एक ओर म्टड के ऊपर फोड़ा वहीं दूसरी ओर अपनी दिल्ली सरकार के जल मंत्री कपिल मिश्रा को अकुशल बताते हुए नाकामयाबी का आईना दिखाकर उन्हें मंत्री पद से हटा दिया। लेकिन कपिल मिश्रा भी चुप नहीं बैठे और इन्होंने स्वयं को आम आदमी पार्टी से निलंबित करने का अलग ही कारण बताया। उनके अनुसार अरविंद केजरीवाल ने उसके सामने सत्येंद्र जैन से 2 करोड़ रुपये रिश्वत के रूप में लिये थे और जब इन्होंने उनसे इसके बारे में पूछा तो केजरीवाल जी ने उन्हें कुछ बताने की बजाय पार्टी से निष्कासित कर दिया।
कपिल मिश्रा ने आप पर और भी बहुत से संगीन आरोप लगाए जैसे-
- केजरीवाल के रिश्तेदार के नाम पर 10 करोड़ के फर्जी बिल बनवाए गये।
- पंजाब चुनावों के दौरान पार्टी सदस्यों द्वारा शराब की आपूर्ति सहित टिकट वितरण में भी भारी भ्रष्टाचार हुआ।
- आप नेता संजय सिंह पार्टी के लिए विदेश से फंडिग के लिए लाॅबिंग करने में शामिल हैं।
- इन्होंने केजरीवाल और उनके दो सहयोगियों द्वारा टैंकर घोटाला मामले की जांच को प्रभावित करने के दस्तावेज भी सबूत के तौर पर ए.सी.बी. को दिये।
- इन्होंने संवाददाता सम्मेलन में एक email ID - let's clean Aap@ gmail.com भी जारी की जहां लोग आप के कथित भ्रष्टाचार की शिकायत कर सकते हैं।
- केजरीवाल के खिलाफ इसे बड़ा युद्ध बताते हुए व उनको अपना गुरु बताते हुए लिखा कि आज आप के खिलाफ एफ. आई. आर दर्ज करवाने जा रहा हूं। भ्रष्टचार से लड़ना, सच के लिए लड़ना, आपसे ही सीखा था। जिस गुरु से धनुष वाण चलाना सीखा आज उसी पर तीर चलाने जा रहा हूं। कृपया विजय का आशीर्वाद दीजिए। इसके बाद कपिल ने आप नेताओं की विदेश यात्राओं का ब्यौरा सार्वजनिक करने की मांग करते हुए छः दिन का अनशन भी किया। परंतु 14 मई को उनके बेहोश होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इतने सब विवादों के बीच जहां आप के सभी वरिष्ठ नेता आप पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल का बचाव करने उतरे, यहां तक कि उनकी पत्नी ने भी टवीट कर कपिल को विश्वासघाती बताया, अरविंद केजरीवाल बिल्कुल खामोश ही रहे। कपिल मिश्रा के अचानक यूं बेबाक रूप से पार्टी के खिलाफ जंग का एलान करना वाकई काफी लोगों के लिए आश्चर्यजनक था। इसीलिए हमने कपिल मिश्रा से मुलाकात कर इस बारे में सभी तथ्य इकट्ठे किए और उनका विश्लेषण ज्योतिष के आइने में करने की कोशिश की। कपिल मिश्रा ने Delhi School of Social work से Social work में M.A किया। इन्होंने एक प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय संस्थान ग्रीन पीस व एमनेस्टी इन्टरनेशनल में काम भी किया। 2010 में काॅमनवेल्थ गेम्स के कथित घोटालों पर आपत्ति जताने वाले वे मुख्य व्यक्ति थे। इन्होंने उन घोटालों को उजागर करने के उद्देश्य से एक पुस्तक भी लिखी- It's Common V/S Wealth. इन्होंने एक संस्था " Youth for Justice' की भी स्थापना की। जेसिका लाल मर्डर केस में भी आरोपियों के खिलाफ इन्होंने बढ़ चढ़कर आंदोलन किये।
देश के विभिन्न राज्यों में किसानों की आत्महत्या या फिर यमुना नदी पर अतिक्रमण आदि issue पर भी इन्होंने काफी Protest किये और तभी 2010-11 में जब अन्ना जी ने आंदोलन किया तो वे जोर-शोर से उसमें जुड़ गये और तभी अरविंद केजरीवाल के संपर्क में आए और उनकी पार्टी ‘आप’ में शामिल हो गये। दिल्ली के छठे विधान सभा चुनाव में करावल नगर विधान सभा क्षेत्र M L A । का चुनाव 44431 वोटों से जीत कर आए, बाद में केजरीवाल ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में जल मंत्री के रूप में शामिल कर लिया। अरविंद जी को भगवान की तरह ईमानदार व निष्ठायुक्त मानने वाले कपिल अभी पंजाब चुनाव में हुई गड़बड़ियों व अरविंद को 2 करोड़ की रिश्वत लेते देखने पर इतने आहत हुए कि उन्होंने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया जिसमें इन्होंने खोद-खोद कर सारे विवादास्पद तथ्यों को निकाल लिया। कपिल मिश्रा के परिवार का राजनीति से पुराना नाता रहा है। उनकी माताजी श्रीमती डाॅ. अन्नपूर्णा मिश्रा, पूर्वी दिल्ली एम. सी. डी. की पहली मेयर रही हैं।
इन्होंने हिंदी साहित्य में पीएच. डी. की हुई है और 20 वर्ष की उम्र से लगातार सामाजिक कार्यों में जोर शोर से कार्य करती रहीं और समाज/सुधार के लिए अनेक कैंप भी इन्होंने लगाए। उनके पिता डाॅ. रामेश्वर प्रसाद मिश्र भी बहुत बड़े विद्वान एवं अनेक पुस्तकों के लेखक हैं लेकिन वे राजनीति से दूर हैं। आइये जानें कि कपिल मिश्रा के ज्योतिषीय सितारे क्या कहते हैं और किन ग्रहों के बदलाव ने उन्हें इतना बड़ा कदम उठाने के लिए प्रेरित किया और उनके कदम कहां तक जाएंगे। कपिल मिश्रा जी की कुंडली में निम्नलिखित महत्वपूर्ण योग बन रहे हैं।
1. रूचक पंच महापुरूष योग-दशम स्थान में स्वराशि का मंगल होने से इनकी कुंडली में यह योग बन रहा है। इसी योग के फलस्वरूप कपिल निर्भय, निर्मल, साहसी आदि गुणों से युक्त हंै और इन्होंने निर्भय होकर भ्रष्टाचार के प्रति इतनी बड़ी लड़ाई छेड़ दी है। इनके दशम भाव अर्थात् कर्म भाव में मंगल स्वगृही होने से इनमें अपने कार्यों के प्रति ईमानदारी का भाव है तथा ये अपने कार्यों के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित हैं। दाम योग: छः भावों में सभी ग्रह होने से इनकी कुंडली में यह योग बन रहा है इस योग के कारण ये अपनी ईमानदारी व स्पष्टवादिता से लोगों में लोकप्रिय हो रहे हैं तथा यह योग इन्हें धीर, नीतिवान व ऐश्वर्यवान भी बना रहा है।
उभयचारी योग: इनकी कुंडली में सूर्य के दोनों ओर ग्रह होने से यह योग बन रहा है। इसी योग से इन्हें राजसुख, वैभव की प्राप्ति हुई। कपिल जी की कुंडली में लग्नेश शनि लाभेश बृहस्पति एवं भाग्येश शुक्र के साथ अष्टम भाव में युति बना रहे हैं जिसके कारण ये अपने विचारों का आत्म मंथन गहराई से करते हैं और योजनाबद्ध तरीके से प्रत्येक कार्य करने में विश्वास रखते हैं। लग्नेश के अष्टम स्थान में स्थित होने से इनमें गहन शोधपरक सोच विद्यमान है। स्थिर लग्न होने से ये अपनी बात पर स्थिर रहेंगे और किसी के दबाव में झुकंेगे नहीं और लग्नेश के अष्टम में होने से बड़े-बड़े खतरे मोल लेने में भी नहीं हिचकेंगे। इसके पूर्व अन्ना के आंदोलन से जुड़ने के बाद इन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और आम आदमी पार्टी से जुड़ गये।
पंचमेश बुध पंचम से पंचम भाव अर्थात नवम में सूर्य के साथ स्थित है इसीलिए आप उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सफल हुये और इन्होंने कई पुस्तकें भी लिखीं जिसमें प्जश्े ब्वउउवद टध्ै ॅमंसजी नाम की पुस्तक काफी चर्चा में रही। इनकी कुंडली में पूर्ण रूप से कालसर्प योग बन रहा है। वर्तमान में इनकी राहु की महादशा चल रही है। राहु कुंडली में छठे स्थान में बलवान स्थिति में है इसीलिए राहु की दशा इन्हें राजनीति में ले आई और इन्हें मंत्री पद भी प्राप्त हुआ। लेकिन राहु में नीचस्थ सूर्य की अंतर्दशा आते ही इनके राजनैतिक करियर को झटका लगा, इनका मंत्री पद चला गया और इन्हें पार्टी से भी निष्कासित कर दिया गया। सूर्य मारकेश व राहु के शत्रु होकर भाग्य भाव में नीचस्थ है लेकिन यहां गौर करने की बात यह है कि सूर्य चलित में दशम में चले गये हैं और उस भाव का फल भी इन्हें प्रदान कर रहे हैं। इसीलिए कपिल काफी मुखर होकर मीडिया के सामने आए हैं।
कपिल पर पिछले ढाई वर्षों से शनि की साढ़ेसाती भी चल रही है और इसी अवधि में इन्हें मंत्री का पद प्राप्त हुआ लेकिन 26 जनवरी 2017 को शनि धनु राशि में आए और 6 अप्रैल को जबसे शनि वक्री हुये हैं तभी से इनका समय प्रतिकूल हो गया है। शनि ने ही इन्हें पार्टी के खिलाफ बगावत करने का क्रांतिकारी जज्बा दिया और 21 जून 2017 तक जब शनि वृश्चिक राशि में दोबारा प्रवेश करेंगे तब तक ये अपना आंदोलन जारी रखेंगे। सबसे अलग-थलग भी हो जाएंगे। किसी का समर्थन भी प्राप्त होना मुश्किल होगा लेकिन 21 जून के पश्चात कपिल के साथ कुछ लोग जुड़ सकते हैं और ये अपनी कोई नई पार्टी बना लें या नयी संस्था बना लें इसकी काफी संभावनाएं लगती हैं।
अरविंद केजरीवाल जी के लिये ये परीक्षा की घड़ी है। 21 जून तक का समय उनके लिए भी काफी संकटप्रद दिखाई देता है। उनके ऊपर और भी आरोप-प्रत्यारोप लग सकते हैं। अपने राजनैतिक करियर में स्थिरता लाने के लिए कपिल जी को शनि को प्रसन्न करने के उपाय अवश्य करने चाहिए और अपने बड़बोलेपन से बचना चाहिए। इन्हें गंभीरता से विचार करके ही मीडिया के समक्ष कुछ बोलना चाहिए तभी इन्हें अन्य लोगों का समर्थन मिल सकेगा। कपिल जी को शनि की साढ़ेसाती राजनैतिक लाभ दे सकती है लेकिन उनका बड़बोलापन लाभ को कम कर सकता है। अपने कार्य में लगे कष्टों के उपरांत लाभ निश्चित है।