वास्तु उपाय
वास्तु उपाय

वास्तु उपाय  

व्यूस : 7788 | अकतूबर 2013
प्रश्न- उचित निर्णय लेने के लिए किस तरह बैठना चाहिए । उत्तर -मख्य व्यक्ति या पदाधिकारी को उचित निर्णय लेकर कार्य करने के लिए बैठने के स्थान के पीछे ठोस दीवार का होना आवश्यक है। पीठ पीछे दरवाजा, खिड़की या कांच होने के कारण व्यक्ति अपने आपको असुरक्षित महसूस करते हुए भयभीत रहता है तथा सहयोगियों से धोखा पाता है। कार्यस्थल में कुर्सी के पीछे दीवार पर पिरामिड की स्थापना करने से उचित निर्णय लेने की क्षमताओं एवं शक्तियों में वृद्धि होती है। प्रश्न- मुख्य व्यक्ति या पदाधिकारी को बीम, शहतीर या सिल्ली के नीचे बैठकर कार्य करना चाहिए घ् उत्तर - मुख्य व्यक्ति या पदाधिकारी को बीम, शहतीर या सिल्ली के नीचे बैठकर कार्य नहीं करना चाहिए। इसके नीचे बैठकर कार्य करने पर कार्यों में गतिरोध आता है तथा व्यक्ति तनावग्रस्त रहता है। शहतीर अथवा बीम छतों का भार अपने ऊपर उठाये रहता है, अतः इनके ऊपर असाधारण भार रखा होता है। वजन नीचे की दिशा में गुरूत्वाकर्षण के नियम के अनुसार कार्य करता है। फलस्वरूप असाधारण गुरूत्वाकर्षण बल शहतीर या बीम के नीचे बैठकर कार्य करने वाले व्यक्तियों पर भी पड़ता है। इसके कारण काफी असहज सा महसूस होता है फलस्वरूप कार्य ठीक से नहीं हो पाता एवं असफल होने की संभावना बनी रहती है। इसी स्थान पर बैठने की मजबूरी रहने पर बीम,शहतीर या सिल्ली के नीचे पिरामिड लगाना लाभप्रद होता है। भवन में बीम से बचाव के लिए दो खोखले बांस तिरछी दिषा में एक दूसरे के सामने मुंह करके लगाएं। इन बांसांे पर रेषम के फुदने लटका दें। बांसुरी लगानी हो तो इसे लाल कपड़े में लपेट कर लगाएं। बांसुरी का मुंह नीचे की ओर होनी चाहिए। प्रश्न-कार्यालय के समृद्धि एवं विकास के लिए किन तथ्यों का होना आवश्यक है? उत्तर -कार्यालय की समृद्धि में ईशान क्षेत्र एवं र्नैत्य क्षेत्र का वास्तु दोष रहित होना आवश्यक है। कार्यालय या दफ्तर के ईशान्य कोण को हमेशा स्वच्छ तथा साफ-सुथरा रखें। इस स्थान को गंदगी एवं कचड़े से मुक्त रखें। कार्यालय के उत्तर-पूर्व में जलचर प्राणी संग्रह या छोटा सा पानी फव्वारा लगायें। कार्यालय के बाहर देखते समय मुख्य द्वार के बायीं ओर रखा पानी फव्वारा कार्यालय के समृद्धि को बढ़ाता है। ये कार्यालय में उल्लासपूर्ण वातावरण बनाने में मदद करते हैं। इसी तरह कार्यालय के स्थायित्व एवं विकास के लिए दक्षिण-पश्चिम अर्थात र्नैत्य का दोष रहित होना आवश्यक है।कमरे के दक्षिण-पश्चिम की दिशा में बैठकर कार्य करने से उचित निर्णय लेने की क्षमताओं में वृद्धि होती है। प्रश्न- कार्यालय एवं औद्योगिक परिसर में दक्षिण-पश्चिम में तहखाना बनाना चाहिए? उत्तर -किसी भी औद्योगिक परिसर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में तहखाना एवं तालाब भूलकर नहीं बनाना चाहिए अन्यथा फैक्ट्री या कार्यालय विनाश की ओर चली जाती है। भाग्य में कमी तथा आपदाओं का सामना करते देखा गया है। साथ ही क्लेश, कर्ज, महापातकी एवं गरीबी पीछा नहीं छोड़ता। भाग्य सो जाता है तथा रोजी-रोटी के लिए मुंहताज होने लगते हैं। अतः दक्षिण-पश्चिम में भूलकर भी तहखाने, तालाब , गंदे पानी का जमाव या किसी भी प्रकार गड्ढे न रखें अन्यथा सारा परिश्रम एवं धन संग्रह खत्म हो जाएगा। प्रश्न- कार्यालय एवं औद्योगिक परिसर में सेप्टिक टैंक किस स्थान पर बनाना चाहिए। उत्तर -किसी भी औद्योगिक परिसर में सेप्टिक टैंक भूखंड के ईशान्य क्षेत्र, र्नै त्य क्षेत्र, आग्नेय क्षेत्र और मध्य स्थान की ओर नहीं बनाएं। यह पूरी व्यवस्था को छिन्न-भिन्न कर डालता है। प्रगति अवरूद्ध हो जाती है। कार्यालय एवं औद्योगिक परिसर में सेप्टिक टैंक वायव्य क्षेत्र में बनाना लाभप्रद होता है।



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