कष्टनिवारक बहुप्रभावी यंत्र दाती राजेश्वर महाराज प्रत्येक साधना-सिद्धि का उद्देश्य विकट जीवन यात्रा में आने वाली बाधाओं के पार जाना होता है। यहां ऐसे ही कुछ बहुत प्रभावशाली यंत्रों के बारे में जानकारी और प्रयोग विधि दी गई है जो जीवन के विभिन्न चरणों में आपके लिए उपादेय हो सकते हैं। यथा समय इनका लाभ उठायें। इंसान की किसी भी धर्म में आस्था हो, सबकी मूलभूत अनुभूतियां और भावनाएं एक जैसी होती है। प्रेम, घृणा, हर्ष विषाद, सुख-दुख, मित्रता-शत्रुता, भूख-प्यास आदि का अनुभव हर इंसान करता है। इसी प्रकार ऐसा कोई नहीं, जो रोग, शोक और दर्द से दो-चार न हुआ हो। दैवी विपत्तियों से भी कोई अछूता नहीं। इसके अलावा जिन्न, भूतो, व ऊपरी हवाओं के उत्पात से भी लोग पीड़ित होते हैं। ऐसा भी देखने में आता है कि कुछ लोग दुश्मनी का बदला देने के लिए किसी को टोने टोटकों से नाहक परेशान करते हैं। विभिन्न धर्मों में इंसानों को कष्ट से निजात दिलाने के लिए अनेक उपाय हैं। यही नहीं, इंसान को संपन्नता, समृद्धि और हर्ष सिद्धि की भी अनेक विधियां बताई गई हैं। यहां दी गयी कुछ विधियां व यंत्र आपके प्रयोग के लिए बहुत सरल है उन्हें बना कर आप सब इनका लाभ उठा सकते हैं। गुरु-पुष्य योग में इस यंत्र की रचना करें। भोजपत्र पर लाल चंदन की स्याही, अनार की कलम से बनाकर, धूप लोबान की धूनी देकर चमकीले लाल धागे या लाल रेशमी कपड़े में लपेटकर अपने पास रखें। इसे पास रखने वाला व्यक्ति धन अवश्य ही प्राप्त करता है। बच्चे के परीक्षा में अच्छे नंबर आयें: पुष्य-नक्षत्र में इस यंत्र को तैयार करें। परीक्षा भवन में जाते समय ये यंत्र, बच्चे की जेब में रखें, बच्चा अच्छे नंबर से पास हो जाएगा। अगर आप या आपका कर्मचारी काफी अधिक रकम लेकर कहीं आना जाना चाहते हैं, किसी अनजाने भय के कारण लाने-ले जाने में असमर्थ है, तो इस यंत्र का प्रयोग करें। किसी सफेद कागज पर केसर की स्याही से नेरी की कलम से बनाएं। कष्ट रहित प्रसव के लिए इस यंत्र को भोजपत्र पर अष्टगंध की स्याही व अनार की कलम से लिखकर केवल रविवार को गर्भिणी की कमर में बांध दे। बच्चे के सूखा रोग होने पर: सात रविवार मकोय के पत्ते को अच्छी तरह चबाकर रोगी की पीठ पर थूककर मले। साथ ही निम्न यंत्र भोजपत्र पर बनाकर बच्चे को पहना दें। शत्रु से छुटकारा पाने के लिए भोजपत्र पर लाल चंदन से इस यंत्र को बनाकर किसी कांच की शीशी में शुद्ध शहद में डुबोकर, किसी सुनसान जगह पर दबा देने से शत्रु की शरारत बंद हो जाती है या किसी बहते पानी में डाल दें, तो भी यही लाभ होता है। सर्वकार्य सिद्धि का यंत्र इस यंत्र को सफेद कागज पर गुलाब जल तथा जाफरान से लिखकर मोमजामा करके लोहवान, गुग्गल की धूनी देकर ताबीज बनाकर गले में पहनें। इस यंत्र को भोजपत्र पर अनार की कलम और काली स्याही से बनाकर, सात बार उतार करके जलायें। गृह क्लेश या किसी भी तरह की कलह दूर करने का यंत्र: इस यंत्र को रविवार के दिन पूर्व की ओर मुंह करके, अनार की कलम और हल्दी-चंदन की मिश्रित स्याही से भोजपत्र पर लिखे, और किसी चैकी पर स्थापित करे, घी का दीपक जलाएं। हल्दी की माला पर 108 बार ‘‘ह्रीं हुंसः ।’’ मंत्र का जप करें। ग्यारह दिनों तक नियमित रूप से यह साधना करने पर यंत्र सिद्ध हो जाता है। इस यंत्र को तांबे के ताबीज में रखकर गले या भुजा में धारण करें। मल-मूत्र त्याग के समय इसे उतार दें। शत्रु पर विजय प्राप्ति का यंत्र ः श्मशान में तोड़े गए ठीकरे पर चिता के कोयले से यह यंत्र लिखें। कोयला शनिवार को जलती चिता में गुड़ की बलि देकर प्राप्त करे तथा उसे शराब से बुझाकर ही काम में लाएं। नजर दूर करने का यंत्र: इस यंत्र को रविवार या मंगलवार को भोजपत्र पर अष्टगंध व अनार की कलम से लिखकर गले में धारण करने से किसी की नजर नहीं लगती। खेत में पैदावार बढ़ाने का यंत्र: जहां अनाज कम होता हो, वहां पुष्य नक्षत्र में इस यंत्र को बनायें। भोजपत्र पर केसर की स्याही से लिखवाकर व धूप दिखाकर इस यंत्र को खेत में दबा दें, अनाज अधिक होगा।