यहां सबकी भरती है झोली राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’ व्यूस : 4681 | नवेम्बर 2017 हिंदी लेख English (Transliterated) पवित्र, पुनीत और ऐतिहासिक मगध की धरती प्रारंभ काल से ही ऋषि-मुनि, साधक-संत, दरवेश, सूफी संत और फकीरों की साधना स्थली से भरा-पूरा है। आज भी इस पूरे क्षेत्र में एक से बढ़कर एक ऐसे-ऐसे स्थान हैं जहां दवा से ज्यादा दुआ का असर है और दुआ भी ऐसा, जहां रहमत का करम सदैव बरकरार है। स्थापना काल से आज तक जन-सामान्य व पीड़ित मानवता की सेवा में ऐसे स्थलों का सुनाम है और उसी चमत्कारी शक्ति के कारण भारत की सरजमीं पर इनकी कृति यादगार बनी है और इनमें हजरत सैयद शाह मकदूम दुर्वेश अशरफ रहमतुल्ला की जगह बीथोशरीफ की महिमा दूर-दूर तक प्रचारित प्रसारित है। पटना शहर से करीब 100 किमीऔर गया से 11 किमी. दूरी पर गया-पटना सड़क मार्ग के किनारे बीथो मोड़ द्वार से यहां तक आया जा सकता है जो मुख्यमार्ग से ढाई किमी. अंदर फल्गु नदी के ठीक किनारे अवस्थित है। नगर प्रखंड गया के कंडी पंचायत में अवस्थित बीथो हिंदू मुस्लिम सौहार्द का प्रतीक स्थल है जहां साल के सभी दिन दीन-दुखियों का आगमन बना रहता है। संपूर्ण मगध अथवा बिहार ही नहीं वरन् पूर्व देशीय भारत में दःुख निवारण का यह स्थान पुराकाल से चर्चित है जिसका वर्णन विवरण अरबी, फारसी व उर्दू कृतियों में उपलब्ध है। हजरत मुखदूम की संतान पुश्तैनी सोलहवें गद्दीनशीन व पुतवल्ली प्रो. डाॅ. सैयद शाह शाहिद हुसैन अशरफ बताते हैं कि यह स्थान पागल, मतवाले व दिमाग फिरकों के लिए बड़ा ही मशहूर है जहां की दवा व दुआ से रोग जड़ से ठीक हो जाता है। आगरा के मानसिक आरोग्यशाला व काँके (रांची) का पागल हस्पताल के ऐसे मरीजों का भी यहां चमत्कार हुआ है जिसे वहां के लोगों ने लाइलाज बता दिया। इतिहास स्पष्ट करता है कि प्राच्य काल में यहां कोल्ह एवं सेवतार वंश के लोगों का निवास था और नदी किनारे चारों तरफ जंगल झाड़ का साम्राज्य कायम था। यह बस्ती पहले बिथूर (बिथौर) के नाम से जाना जाता था। 847 हिजरी (1443 ई.) में बाबा के आगमन के साथ यहां की तस्वीर व तकदीर दोनों में आश्चर्यजनक तब्दीली हुई। कहते हैं पिता के आदेश व बाद में जिक्रे इलाही की रजा मानते बाबा का यहां आगमन हुआ और मुस्लिम समुदाय में कोई भी संत फकीर इनके पूर्व इधर नहीं आए। अपनी कुंडली में सभी दोष की जानकारी पाएं कम्पलीट दोष रिपोर्ट में बाबा न सिर्फ यहां आए, जन-जन की सेवा की वरन् इसी मिट्टी में सदा सर्वदा के लिए रच बस गए। विवरण है कि दक्षिण दिशा में जाकर मानवता की सेवा करने का आदेश स्वीकारते जब बाबा यहां आस-पास में सूफी संत हजरत बाजीद शहीद के स्थान के पास ही अपनी कुटिया बनायी और अपने निज कर्म में लग गए। तभी से इस स्थान को ‘‘बैतहु शरीफ’’ कहा जाने लगा। इस पूरे स्थान का मालिकाना हक जिन्हें प्राप्त था उन्हें बिथरौरा राजा कहा गया है। एक कथा कही जाती है कि एक बार राजा की सुंदर बेटी पागल हो गयी। बहुत इलाज कराया पर कोई असर नहीं। राजा-रानी दोनों चिंता में दिन रात सुध-बुध खो दिए इसी बीच सूचना मिलते राजा अपनी पुत्री को ‘बाबा’ के पास ले गया। वहां जाते ही बाबा ने बगैर बताए कहा- जा तेरी बेटी चंगा हो गयी। और सचमुच बाबा की बेटी पर पागलपन का कुअसर समाप्त हो गया। राजा ने अपार धन-दौलत से बाबा का स्वागत किया पर ये तो ठहरे फक्कड़ संत उन्होंने उसी राशि से हुजरा (प्रार्थनागृह), बड़ा मस्जिद, दानकाह व आने वालों के ठहरने के लिए आवास बनवा दिया जिसे आज भी देखा जा सकता है। जन सेवा करते-करते तारीख 10, हिजरी 902 (13 अप्रैल 1497 ई.) को बाबा अल्लाह को प्यारे हो गये। आज भी हरेक वर्ष शब्बे बारात के माह में तारीख 9, 10, 11 और 12 को यहां वार्षिक उर्स मनाया जाता है जिसमें दूर-दूर के बाबा के मुरीद जरूर आते हैं। उर्स महोत्सव में यहां मेला लग जाता है जिसमें रात-रात भर ज्ञान-विज्ञान व मनोरंजन के धर्म तत्व प्रदर्शित किए जाते हैं। बाबा का यह स्थान न सिर्फ हिंदू और मुस्लिम वरन् अंग्रेजों के बीच भी प्रतिष्ठित बना रहा और तो और गया के गयापाल समाज में भी बाबा को मानने वाले लोग विद्यमान हैं। इस स्थान में दरगाह शरीफ के साथ-साथ ऐतिहासिक मस्जिद, समाखाना, मुसाफिर खाना, जामा मस्जिद, लंगर खाना, चिराग मुकद्दस, हुजरा-मुबारक आदि शान को बढ़ा रहे हैं। इस जगह में अंदर में दो मजार के बाद एक पुराना काले पत्थर का छोटा व मोटा स्तंभ देखा जा सकता है जिस पर कुछ लिपि अंकित है। इसे ‘‘कड़ाह’’ कहा जाता है। गया के पुराने वरिष्ठ पत्रकार शंभु शरण इसे बड़ा प्राचीन और चमत्कारी बताते हैं। शैतानी हरकत का शमन-दमन भी यहां किया जाता है। इस स्थान के ठीक सामने में पीपल पेड़ के नीचे आगे की ओर ब्रह्म बाबा का स्थान भी जाग्रत है जहां पर 14 मनौती स्तूप व 11 मूत्र्तखंड के खंडावशेष रखे हैं। इनमें उमामहेश्वर, विष्णु, सूर्य, भैरव व बुद्ध के रूप में पहचान की जा सकती है। बीथो के आगे कंडी व रसलपुर में भी पुरामहत्व के गढ़ व मूत्र्त विग्रह इस स्थान के प्राचीनता के प्रमाण हैं जिन पर पालकालीन आभा है। ऐसे मार्ग में पुराने मजार भी यात्रियों का स्वागत करता प्रतीत होता है। यहां के एक सहयोगी मो. तकरीम मुर्तजा बताते हैं कि आप यहां सिर्फ आ जाइए बाबा सब काम करवा देंगे। मगध के बड़े इलाके में जादुई करिश्मा के अन्यान्य स्थल यथा सिदुली, काको, मटोकर शरीफ, अमझर शरीफ, मनेर, बिहार शरीफ, बुतला शहीद के बीच बाबा का यह स्थान आदि काल से आज तक कितने ही लोगों को सफल जीवन प्रदान कर चुका है और आज भी यहां सैकड़ों लोग रोज आते हैं और बाबा की कृपा से भला चंगा होकर चले जाते हैं। जानिए आपकी कुंडली पर ग्रहों के गोचर की स्तिथि और उनका प्रभाव, अभी फ्यूचर पॉइंट के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यो से परामर्श करें। s सब्सक्राइब देवी और देवस्थानमन्दिर एवं तीर्थ स्थलयात्रा Previousगठिया (जोड़ों का दर्द)Nextशिक्षा एवं करियर का चुनाव [+] और पढ़ें s सब्सक्राइब
आगस्त 2011व्यूस : 206143रोजगार एवं धन प्राप्ति के सरल उपायमहेश चंद्र भट्टनौकरी, व्यापार अथवा आजीविका के क्षेत्र में प्रयासरत रहने के बाद भी अनुकूल परिणाम प्राप्त न होने पर व...और पढ़ें
सितम्बर 2009व्यूस : 56825शीघ्र प्रभावी हनुमानोपासनाअशोक शर्मावेद-पुराणों में हनुमान जी कों अजर –अमर कहा गया है. शास्त्रों में सप्त चिर्न्जिवों का उल्लेख प्राप्त ...और पढ़ें
मई 2014व्यूस : 37117रुद्राक्ष: एक वरदानओम प्रकाश दार्शनिकरुद्राक्ष एक ऐसा फल फल जिसके अंदर लगभग सभी देवी-देवता निवास करते हैं। रूद्राक्ष को धारण करने से हर...और पढ़ें
नवेम्बर 2013व्यूस : 89183दीपक से जुड़े कल्याणकारी रहस्यकौलाचार्य जगदीशानन्द तीर्थआरती की सही विधि हिंदू संस्कृति में पूजा पाठ, अनुष्ठान, हवन, यज्ञ आदि कर्मों में दीपक द्वारा आरती कर...और पढ़ें
अकतूबर 2014व्यूस : 33336लक्ष्मी कृपा प्राप्ति के सरल प्रयोगआर. के. शर्मायह धारणा लोगों के मन में स्थायी रूप से घर कर गई है कि लक्ष्मी चंचला है, एक जगह स्थायी रूप से र...और पढ़ें
नवेम्बर 2012व्यूस : 34223लक्ष्मी प्राप्ति के विशेष उपायओम प्रकाश दार्शनिकलक्ष्मी प्राप्ति के विशेष उपाय आकस्मिक धन प्राप्ति प्रयोग - आप यदि आकस्मिक धन प्राप्त करना चाहते है ...और पढ़ें
अकतूबर 2008व्यूस : 18993लक्ष्मी प्राप्ति के उपायएम. सी. गर्गदीपावली पूजन स्थिर लग्न में करना ही सर्वोतम रहता है। पूजा घर में लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और श्री ...और पढ़ें
अकतूबर 2008व्यूस : 209028लक्ष्मी को प्रसन्न करने हेतु सिद्ध शाबर मंत्रसुनील जोशी जुन्नकरउच्चारण की अशुद्धता की संभावना और चरित्र की अपवित्रता के कारण कलियुग में वैदिक मंत्र जल्दी सिद्ध नही...और पढ़ें
अकतूबर 2009व्यूस : 18886लक्ष्मी कहां रहती है और कहां नहीं रहती है। नवीन राहुजालक्ष्मी चंचला है। उसका स्थायी निवास उसी स्थान पर होता है जहां उदारता, कर्मठता, गुरु एवं माता पिता की...और पढ़ें
अकतूबर 2014व्यूस : 13955धन प्राप्तिफ्यूचर पाॅइन्टप्रश्न: धन, संपत्ति एवं वैभव प्राप्त करने हेतु ज्योतिष, वास्तु एवं तंत्र-मंत्र के अनुभूत एवं कारगर...और पढ़ें
अप्रैल 2010व्यूस : 13306गौतम बुद्धयशकरन शर्माभगवान बुद्ध संसार के महानतम व्यक्ति हुए। हर ज्योतिर्विद यह जानने की इच्छा रखता है कि कैसी रही होगी उ...और पढ़ें
जून 2016व्यूस : 61982हनुमान जी के टोटके - दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलफ्यूचर पाॅइन्टकलयुग केवल नाम अधारा। सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा।। इस कलियुग में हनुमान जी का केवल नाम लेने मात्र स...और पढ़ें
अप्रैल 2013व्यूस : 45051किस देवी देवता की पूजा करे- हस्त रेखाओं से जानेभारती आनंदभारत की सनातन धार्मिक और पूजन परंपरा में देवताओं का मुख्य स्थान है। इनकी संख्या भी हमारे यहाँ ३३ करो...और पढ़ें
आगस्त 2011व्यूस : 64770श्री राम जय राम जय जय राम एक तारक मंत्रगोपाल राजूजीवन कों बाधाओं से पारा लगाने के लिए जिसने “राम” नाम का सहारा लिया. उसे कभी निराशा का सामना नहीं करन...और पढ़ें
जून 2014व्यूस : 61998श्री हरसू ब्रह्म धामराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’आदि अनादि काल से धर्म, संस्कृति व आस्था भाव से परिपूर्ण भारत देश में सनातन देवी देवताओं के अला...और पढ़ें
जून 2010व्यूस : 72366स्वप्नेश्वरी देवी साधना नवीन राहुजास्वप्न निद्रावस्था में ही नहीं देखे जाते, जागृत अवस्था में भी देखे जाते हैं। जब व्यक्ति निद्रावस्था ...और पढ़ें
मार्च 2009व्यूस : 64929श्री बगलामुखी स्तोत्र-अर्थ एवं महत्व रंजू नारंगत्रैलोक्य नक्षत्र, स्तंभिनी, ब्रह्मास्त्र विद्या, shada कर्माधार विद्या, पीताम्बरा, बगला आदि नामों स...और पढ़ें
अप्रैल 2016व्यूस : 35843जैन शिक्षा एवं संदेशमनोज कुमारकैवल्य प्राप्ति के पश्चात् महावीर ने अपने सिद्धांतों का प्रचार प्रारंभ किया। समाज के कुलीन वर्ग क...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 4639परंपराएं व उनके वैज्ञानिक आधार डॉ. अरुण बंसलहमारे समाज में अनेक परंपराएं चल रही हैं। अनेकों परंपराओं का अनुसरण हम केवल श्रद्धा के कारण करते रहते...और पढ़ें
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नवेम्बर 2017व्यूस : 4564अमेरिका में प्राकृतिक आपदाएं और सूर्य ग्रहणआभा बंसलज्योतिष में माना गया है कि जिस क्षेत्र में सूर्य ग्रहण पड़ता है उस क्षेत्र के राजा को मुश्किलों का स...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 7912अमेरिका में प्राकृतिक आपदाएं और सूर्य ग्रहणफ्यूचर पाॅइन्टज्योतिष में माना गया है कि जिस क्षेत्र में सूर्य ग्रहण पड़ता है उस क्षेत्र के राजा को मुश्किलों का स...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 9364नजर दोष का वैज्ञानिक आधार और उपायफ्यूचर पाॅइन्टआज चिकित्सा विज्ञान ने सर्वसम्मति से यह मान लिया है कि रोग से भरे वातावरण को विशुद्ध बनाने के लिए...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 6728नजर दोष का वैज्ञानिक आधार और उपायजय इंदर मलिकआज चिकित्सा विज्ञान ने सर्वसम्मति से यह मान लिया है कि रोग से भरे वातावरण को विशुद्ध बनाने के लिए...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 12242धन प्राप्ति के 41 सरल टोटके-उपायआर. के. शर्माआम भाषा में, अनजाने में हम- टोने-टोटके का शब्दार्थ- समान अर्थों में करते हैं जबकि इन दोनों के भिन...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 5428धन प्राप्ति के 41 सरल टोटके-उपायसुल्तान फैज ‘टिपू’आम भाषा में, अनजाने में हम- टोने-टोटके का शब्दार्थ- समान अर्थों में करते हैं जबकि इन दोनों के भिन...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 7429धन-समृद्धि प्राप्ति के लिये किये जाने वाले विशेष टोटकेअमित कुमार रामधन समृद्धि की लालसा को पूर्ण करने व आ रही अड़चनों के समापन हेतु टोटकों का अपना ही विशेष महत्व होता ह...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 4719धन-समृद्धि प्राप्ति के लिये किये जाने वाले विशेष टोटकेहरिश्चंद्र प्रसाद आर्यधन समृद्धि की लालसा को पूर्ण करने व आ रही अड़चनों के समापन हेतु टोटकों का अपना ही विशेष महत्व होता ह...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 7553कष्ट से मुक्ति एवं धन प्राप्ति के लिए टोटकेअंजली गिरधर- गाय को प्रतिदिन तीन रोटियां अवश्य खिलायें। - प्रत्येक बुधवार को गाय को हरा चारा खिलायें। - प्र...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 6299कष्ट से मुक्ति एवं धन प्राप्ति के लिए टोटकेफ्यूचर पाॅइन्ट- गाय को प्रतिदिन तीन रोटियां अवश्य खिलायें। - प्रत्येक बुधवार को गाय को हरा चारा खिलायें। - प्र...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 4284सुख-समृद्धि के लिए टोटकेफ्यूचर पाॅइन्ट- प्रतियोगिता परीक्षादि में, योग्यता होते हुए भी, सफलता नहीं मिल रही हो, तो बुध-पुष्य योग में लगभग...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 5015सुख-समृद्धि के लिए टोटकेफ्यूचर पाॅइन्ट- प्रतियोगिता परीक्षादि में, योग्यता होते हुए भी, सफलता नहीं मिल रही हो, तो बुध-पुष्य योग में लगभग...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 4833विवाह-संतान घर-गृहस्थी टोटकेफ्यूचर पाॅइन्ट- अशुभ ग्रहों का उपाय कर लेना अनिवार्य होता है। खास कर पुरुषों को तो केतु का उपाय करने ही चाहिए, ...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 6233विवाह-संतान घर-गृहस्थी टोटकेफ्यूचर पाॅइन्ट- अशुभ ग्रहों का उपाय कर लेना अनिवार्य होता है। खास कर पुरुषों को तो केतु का उपाय करने ही चाहिए, ...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 19749लाल किताब के चमत्कारी टोटके एवं उपायफ्यूचर पाॅइन्टलाल किताब में 9 ग्रहों को शांत करने के लिए कुछ टोटके दिये गये हंै, जो, अति सरल होने के साथ ही, प्...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 4071लाल किताब के चमत्कारी टोटके एवं उपायफ्यूचर पाॅइन्टलाल किताब में 9 ग्रहों को शांत करने के लिए कुछ टोटके दिये गये हंै, जो, अति सरल होने के साथ ही, प्...और पढ़ें
जनवरी 2011व्यूस : 4282महिमामयी महारानी संभलेश्वरी भवानीराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’उड़ीसा प्रदेश स्थित मां संभलेश्वरी मंदिर की गणना प्राचीनतम देवी तीर्थ के रूप की जाती है। प्रस्तुत है...और पढ़ें
मार्च 2011व्यूस : 11306श्री महावीर निर्वाण भूमि-पावापुरीराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’भारतीय जैन तीर्थ स्थलों में बिहार के मगध क्षेत्र में स्थित पावापुरी का विषिष्ट स्थान है। भगवान महावी...और पढ़ें
जून 2011व्यूस : 11311जाग्रत महिमामयी देवी तीर्थ कन्याकुमारीराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’भारत के दक्षिण भाग में स्थित कन्याकुमारी में बंगाल की खाड़ी, हिंद महासागर एवं अरब सागर का एक ही साथ द...और पढ़ें
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अप्रैल 2013व्यूस : 10056बिहार का खजुराहो - नेपाली मंदिरराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’आदि-अनादि काल से सामाजिक प्रकाश स्तम्भ की भांति मंदिरों का अस्तित्व भारतीय समाज में विद्यमान रहा है।...और पढ़ें
जून 2013व्यूस : 13561विशिष्ट महत्व है काशी के कालभैरव काराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’भारत देश की सांस्कृतिक राजधानी और मंदिरों की महानगरी वाराणसी में मंदिरों की कोई कमी नहीं। काशी तीर्थ...और पढ़ें
अप्रैल 2014व्यूस : 7775ऐतिहासिक देवी तीर्थ माई पद्मावती मंदिरराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’भारतवर्ष के मध्यकालीन ख्यातनाम नगरों में शेरघाटी अपनी भौगोलिक बनावट और शौर्य शक्ति के कारण दूर-दूर त...और पढ़ें
जून 2014व्यूस : 61998श्री हरसू ब्रह्म धामराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’आदि अनादि काल से धर्म, संस्कृति व आस्था भाव से परिपूर्ण भारत देश में सनातन देवी देवताओं के अला...और पढ़ें
जुलाई 2014व्यूस : 6737सीतामढ़ीराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’संसार भर के ऐतिहासिक, पुरातात्विक और सांस्कृतिक प्रदेश में जम्बूद्वीप के धराधाम पर अवस्थित मगध की मह...और पढ़ें
आगस्त 2014व्यूस : 6410महिमाकारी हैं बाबा गौरी शंकर महादेवराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’आदि अनादि काल से शिव शंकर पूजन की महाभूमि अम्बूद्वीप में कितने ही स्थानों पर देवों के देव महादेव क...और पढ़ें
सितम्बर 2014व्यूस : 6542मुक्तिदायक हैं गया श्राद्ध के त्रिप्रमुख स्थलराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’आदि अनादि काल से धर्म सम्मत रहे भारतवर्ष में गया की भूमि मोक्ष धाम है। इस पुण्य धरा पर प्रकारान्तर स...और पढ़ें
सितम्बर 2010व्यूस : 5806पितृभक्तों का पुण्यमय तीर्थ: गयाराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’धरती पर कुछ ऐसे विशिष्ट तीर्थ स्थल भी हैं, जहां परमपिता परमात्मा ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर लोककल्य...और पढ़ें
अकतूबर 2014व्यूस : 7610सिद्धपीठ ‘रजरप्पा’राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’प्रकारान्तर से भारतवर्ष में शक्ति पूजा की विशद् परंपरा रही है। यहां देवी विभिन्न रूपों में युगों-य...और पढ़ें
नवेम्बर 2011व्यूस : 7351सिद्ध शक्ति पीठ मां भद्रकाली मंदिरराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कई ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्थल झारखंड राज्य में अवस्थित हैं जो अपने...और पढ़ें
फ़रवरी 2015व्यूस : 6599अनूठा है जलमंदिरराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’आदि अनादि काल से धर्म सम्मत रहे भारतवर्ष में गया की भूमि मोक्ष धाम है। इस पुण्य धरा पर प्रकारान्तर स...और पढ़ें
अप्रैल 2015व्यूस : 5394बेशकीमती ऐतिहासिक‘रवि’ देवालयराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’तकरीबन तीन सौ वर्षों तक बिहार, बंगाल व झारखंड क्षेत्र में शासन सत्ता स्थापित कर अपने गौरवनामा का परच...और पढ़ें
जून 2015व्यूस : 6739इतिहास प्रसिद्ध अगमकुआं और मां शीतला तीर्थराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’मानव समाज में कुआं के महत्व पर जितना लिखा जाए कम होगा। पेय जल का श्रेष्ठ साधन कूप, कुआं अथवा कुंड...और पढ़ें
जुलाई 2015व्यूस : 6031आस्था और विश्वास का महातीर्थ श्री वासुकीधामराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’ऐतिहासिक और पौराणिक गाथाओं से अलंकृत पुरातन प्रज्ञा का प्रदेश बिहार भले ही 15 नवंबर सन् 2000 को व...और पढ़ें