यहां सबकी भरती है झोली राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’ व्यूस : 6486 | नवेम्बर 2017 हिंदी लेख English (Transliterated) पवित्र, पुनीत और ऐतिहासिक मगध की धरती प्रारंभ काल से ही ऋषि-मुनि, साधक-संत, दरवेश, सूफी संत और फकीरों की साधना स्थली से भरा-पूरा है। आज भी इस पूरे क्षेत्र में एक से बढ़कर एक ऐसे-ऐसे स्थान हैं जहां दवा से ज्यादा दुआ का असर है और दुआ भी ऐसा, जहां रहमत का करम सदैव बरकरार है। स्थापना काल से आज तक जन-सामान्य व पीड़ित मानवता की सेवा में ऐसे स्थलों का सुनाम है और उसी चमत्कारी शक्ति के कारण भारत की सरजमीं पर इनकी कृति यादगार बनी है और इनमें हजरत सैयद शाह मकदूम दुर्वेश अशरफ रहमतुल्ला की जगह बीथोशरीफ की महिमा दूर-दूर तक प्रचारित प्रसारित है। पटना शहर से करीब 100 किमीऔर गया से 11 किमी. दूरी पर गया-पटना सड़क मार्ग के किनारे बीथो मोड़ द्वार से यहां तक आया जा सकता है जो मुख्यमार्ग से ढाई किमी. अंदर फल्गु नदी के ठीक किनारे अवस्थित है। नगर प्रखंड गया के कंडी पंचायत में अवस्थित बीथो हिंदू मुस्लिम सौहार्द का प्रतीक स्थल है जहां साल के सभी दिन दीन-दुखियों का आगमन बना रहता है। संपूर्ण मगध अथवा बिहार ही नहीं वरन् पूर्व देशीय भारत में दःुख निवारण का यह स्थान पुराकाल से चर्चित है जिसका वर्णन विवरण अरबी, फारसी व उर्दू कृतियों में उपलब्ध है। हजरत मुखदूम की संतान पुश्तैनी सोलहवें गद्दीनशीन व पुतवल्ली प्रो. डाॅ. सैयद शाह शाहिद हुसैन अशरफ बताते हैं कि यह स्थान पागल, मतवाले व दिमाग फिरकों के लिए बड़ा ही मशहूर है जहां की दवा व दुआ से रोग जड़ से ठीक हो जाता है। आगरा के मानसिक आरोग्यशाला व काँके (रांची) का पागल हस्पताल के ऐसे मरीजों का भी यहां चमत्कार हुआ है जिसे वहां के लोगों ने लाइलाज बता दिया। इतिहास स्पष्ट करता है कि प्राच्य काल में यहां कोल्ह एवं सेवतार वंश के लोगों का निवास था और नदी किनारे चारों तरफ जंगल झाड़ का साम्राज्य कायम था। यह बस्ती पहले बिथूर (बिथौर) के नाम से जाना जाता था। 847 हिजरी (1443 ई.) में बाबा के आगमन के साथ यहां की तस्वीर व तकदीर दोनों में आश्चर्यजनक तब्दीली हुई। कहते हैं पिता के आदेश व बाद में जिक्रे इलाही की रजा मानते बाबा का यहां आगमन हुआ और मुस्लिम समुदाय में कोई भी संत फकीर इनके पूर्व इधर नहीं आए। अपनी कुंडली में सभी दोष की जानकारी पाएं कम्पलीट दोष रिपोर्ट में बाबा न सिर्फ यहां आए, जन-जन की सेवा की वरन् इसी मिट्टी में सदा सर्वदा के लिए रच बस गए। विवरण है कि दक्षिण दिशा में जाकर मानवता की सेवा करने का आदेश स्वीकारते जब बाबा यहां आस-पास में सूफी संत हजरत बाजीद शहीद के स्थान के पास ही अपनी कुटिया बनायी और अपने निज कर्म में लग गए। तभी से इस स्थान को ‘‘बैतहु शरीफ’’ कहा जाने लगा। इस पूरे स्थान का मालिकाना हक जिन्हें प्राप्त था उन्हें बिथरौरा राजा कहा गया है। एक कथा कही जाती है कि एक बार राजा की सुंदर बेटी पागल हो गयी। बहुत इलाज कराया पर कोई असर नहीं। राजा-रानी दोनों चिंता में दिन रात सुध-बुध खो दिए इसी बीच सूचना मिलते राजा अपनी पुत्री को ‘बाबा’ के पास ले गया। वहां जाते ही बाबा ने बगैर बताए कहा- जा तेरी बेटी चंगा हो गयी। और सचमुच बाबा की बेटी पर पागलपन का कुअसर समाप्त हो गया। राजा ने अपार धन-दौलत से बाबा का स्वागत किया पर ये तो ठहरे फक्कड़ संत उन्होंने उसी राशि से हुजरा (प्रार्थनागृह), बड़ा मस्जिद, दानकाह व आने वालों के ठहरने के लिए आवास बनवा दिया जिसे आज भी देखा जा सकता है। जन सेवा करते-करते तारीख 10, हिजरी 902 (13 अप्रैल 1497 ई.) को बाबा अल्लाह को प्यारे हो गये। आज भी हरेक वर्ष शब्बे बारात के माह में तारीख 9, 10, 11 और 12 को यहां वार्षिक उर्स मनाया जाता है जिसमें दूर-दूर के बाबा के मुरीद जरूर आते हैं। उर्स महोत्सव में यहां मेला लग जाता है जिसमें रात-रात भर ज्ञान-विज्ञान व मनोरंजन के धर्म तत्व प्रदर्शित किए जाते हैं। बाबा का यह स्थान न सिर्फ हिंदू और मुस्लिम वरन् अंग्रेजों के बीच भी प्रतिष्ठित बना रहा और तो और गया के गयापाल समाज में भी बाबा को मानने वाले लोग विद्यमान हैं। इस स्थान में दरगाह शरीफ के साथ-साथ ऐतिहासिक मस्जिद, समाखाना, मुसाफिर खाना, जामा मस्जिद, लंगर खाना, चिराग मुकद्दस, हुजरा-मुबारक आदि शान को बढ़ा रहे हैं। इस जगह में अंदर में दो मजार के बाद एक पुराना काले पत्थर का छोटा व मोटा स्तंभ देखा जा सकता है जिस पर कुछ लिपि अंकित है। इसे ‘‘कड़ाह’’ कहा जाता है। गया के पुराने वरिष्ठ पत्रकार शंभु शरण इसे बड़ा प्राचीन और चमत्कारी बताते हैं। शैतानी हरकत का शमन-दमन भी यहां किया जाता है। इस स्थान के ठीक सामने में पीपल पेड़ के नीचे आगे की ओर ब्रह्म बाबा का स्थान भी जाग्रत है जहां पर 14 मनौती स्तूप व 11 मूत्र्तखंड के खंडावशेष रखे हैं। इनमें उमामहेश्वर, विष्णु, सूर्य, भैरव व बुद्ध के रूप में पहचान की जा सकती है। बीथो के आगे कंडी व रसलपुर में भी पुरामहत्व के गढ़ व मूत्र्त विग्रह इस स्थान के प्राचीनता के प्रमाण हैं जिन पर पालकालीन आभा है। ऐसे मार्ग में पुराने मजार भी यात्रियों का स्वागत करता प्रतीत होता है। यहां के एक सहयोगी मो. तकरीम मुर्तजा बताते हैं कि आप यहां सिर्फ आ जाइए बाबा सब काम करवा देंगे। मगध के बड़े इलाके में जादुई करिश्मा के अन्यान्य स्थल यथा सिदुली, काको, मटोकर शरीफ, अमझर शरीफ, मनेर, बिहार शरीफ, बुतला शहीद के बीच बाबा का यह स्थान आदि काल से आज तक कितने ही लोगों को सफल जीवन प्रदान कर चुका है और आज भी यहां सैकड़ों लोग रोज आते हैं और बाबा की कृपा से भला चंगा होकर चले जाते हैं। जानिए आपकी कुंडली पर ग्रहों के गोचर की स्तिथि और उनका प्रभाव, अभी फ्यूचर पॉइंट के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यो से परामर्श करें। s सब्सक्राइब स्थानदेवी और देवमन्दिर एवं तीर्थ स्थलयात्रा Previousगठिया (जोड़ों का दर्द)Nextशिक्षा एवं करियर का चुनाव [+] और पढ़ें s सब्सक्राइब
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मई 2010व्यूस : 16494कहां से और कैसे प्राप्त होता है रुद्राक्षफ्यूचर पाॅइन्टरूद्राक्ष मूलतः एक जंगली फल है। रूद्राक्ष कहां से और कैसे प्राप्त होता है इस विषय से संबंधित जानकारी...और पढ़ें
अप्रैल 2010व्यूस : 15300गौतम बुद्धयशकरन शर्माभगवान बुद्ध संसार के महानतम व्यक्ति हुए। हर ज्योतिर्विद यह जानने की इच्छा रखता है कि कैसी रही होगी उ...और पढ़ें
जनवरी 2010व्यूस : 12204माघामास - महात्म्य एवं व्रतब्रजकिशोर भारद्वाजभारतीय संवत्सर का ग्यारहवां चान्द्रमास और दसवां सौरमास ‘माघ' कहलाता है। इस मास में प्रयाग, काशी, कुर...और पढ़ें
अप्रैल 2010व्यूस : 20614पुरुषोत्तम मास के व्रत नियमब्रजकिशोर भारद्वाज‘अधिमास' और ‘मलमास' भी कहते हैं। इस मास में पुरूषोत्तम भगवान वासुदेव की भक्तिपूर्वक साधना करने से व्...और पढ़ें
मई 2010व्यूस : 19016अश्वत्थ व्रत एवं महिमाब्रजकिशोर भारद्वाजअश्वत्थ पीपल के वृक्ष का ही एक नाम है। पंचदेव वृक्षों में अश्वत्थ का स्थान सर्वोपरि है। प्रस्तुत है ...और पढ़ें
जुलाई 2010व्यूस : 7869बुधवार व्रतब्रजकिशोर शर्मा ‘ब्रजवासी’व्यापार में वृद्धि, बुद्धि की कुशाग्रता एवं वाकशक्ति में प्रवीणता के लिए बुध ग्रह की अर्चना करनी चाह...और पढ़ें
आगस्त 2010व्यूस : 19068मौन व्रतब्रजकिशोर शर्मा ‘ब्रजवासी’मौन व्रत अपने आप में अनूठा व्रत है। इस व्रत का प्रभावी दीर्घगामी होता है। प्राचीन समय में हमारे ऋषि-...और पढ़ें
सितम्बर 2010व्यूस : 6281अजा एकादशी व्रतब्रजकिशोर शर्मा ‘ब्रजवासी’भाद्रपद मास की कृष्णपक्ष एकादशी का विधिवत् संकल्प लेकर नियमानुसार व्रत का पालन करने से मनुष्य कायिक,...और पढ़ें
जनवरी 2010व्यूस : 12389तीर्थ गुरु पुष्कर का माहात्म्यहेमंत राज कैथकहते हैं तीर्थ गुरु पुष्कर में शुभ समय एवं ग्रह योग में जाकर पूजा उपासना करने से जातक विवाह, पुत्र स...और पढ़ें
फ़रवरी 2010व्यूस : 12377द्वादश ज्योतिर्लिंग के प्रतीक श्री पशुपति नाथटुनटुन सिंहनेपाल में नागमति के किनारे स्थित कांतिपुर में पशुपतिनाथ विराजमान है। पशुपतिनाथ का मंदिर धर्म, कला, स...और पढ़ें
मार्च 2010व्यूस : 15210मोक्षदायिनी नगरी काशीफ्यूचर पाॅइन्टवाराणसी विश्वविख्यात दर्शनीय पावन भूमि है। बड़ी प्राचीन मान्यता है कि काशी में मरण होने से मुक्ति हो ...और पढ़ें
अप्रैल 2010व्यूस : 16287रहस्यमय तपोभूमि कैलाश मानसरोवरफ्यूचर पाॅइन्टकैलाश पर्वत का नाम सुनते ही मन में इसके दर्शन की लालसा जग उठती है। ग्रंथों में उल्लेख है कि भगवान शि...और पढ़ें
मई 2010व्यूस : 12546गुरुवायुरफ्यूचर पाॅइन्ट'दक्षिण भारत के केरल प्रांत में स्थित गुरुवायुर का मंदिर एक ऐसा मंदिर है जिसकी अपनी विशेष ऐतिहासिक औ...और पढ़ें
जून 2010व्यूस : 6524वृन्दावन के सिद्धगणेशफ्यूचर पाॅइन्टसिद्ध गणेशजी की मूर्ति जो भगवती कात्यायनीजी के राधाबाग मंदिर में प्रतिष्ठित है, उसका बड़ा विचित्र इति...और पढ़ें
जुलाई 2010व्यूस : 7207मां तारा के प्राचीन सिद्धपीठ की महिमाफ्यूचर पाॅइन्टकहते हैं इस स्थान पर ‘सती' के शय का नेत्र भाग गिरा था इसलिए यह एक महान शक्तिपीठ माना जाता है।...और पढ़ें
आगस्त 2010व्यूस : 15453केदारनाथफ्यूचर पाॅइन्टदेवों के देव महादेव शिव की पावन स्थली है केदारनाथ। केदारनाथ मन्दिर की ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक महत्ता...और पढ़ें
जून 2010व्यूस : 79505स्वप्नेश्वरी देवी साधना नवीन राहुजास्वप्न निद्रावस्था में ही नहीं देखे जाते, जागृत अवस्था में भी देखे जाते हैं। जब व्यक्ति निद्रावस्था ...और पढ़ें
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नवेम्बर 2017व्यूस : 12437नजर दोष का वैज्ञानिक आधार और उपायफ्यूचर पाॅइन्टआज चिकित्सा विज्ञान ने सर्वसम्मति से यह मान लिया है कि रोग से भरे वातावरण को विशुद्ध बनाने के लिए...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 9203नजर दोष का वैज्ञानिक आधार और उपायजय इंदर मलिकआज चिकित्सा विज्ञान ने सर्वसम्मति से यह मान लिया है कि रोग से भरे वातावरण को विशुद्ध बनाने के लिए...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 16613धन प्राप्ति के 41 सरल टोटके-उपायआर. के. शर्माआम भाषा में, अनजाने में हम- टोने-टोटके का शब्दार्थ- समान अर्थों में करते हैं जबकि इन दोनों के भिन...और पढ़ें
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नवेम्बर 2017व्यूस : 6801धन-समृद्धि प्राप्ति के लिये किये जाने वाले विशेष टोटकेहरिश्चंद्र प्रसाद आर्यधन समृद्धि की लालसा को पूर्ण करने व आ रही अड़चनों के समापन हेतु टोटकों का अपना ही विशेष महत्व होता ह...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 10018कष्ट से मुक्ति एवं धन प्राप्ति के लिए टोटकेअंजली गिरधर- गाय को प्रतिदिन तीन रोटियां अवश्य खिलायें। - प्रत्येक बुधवार को गाय को हरा चारा खिलायें। - प्र...और पढ़ें
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नवेम्बर 2017व्यूस : 6233सुख-समृद्धि के लिए टोटकेफ्यूचर पाॅइन्ट- प्रतियोगिता परीक्षादि में, योग्यता होते हुए भी, सफलता नहीं मिल रही हो, तो बुध-पुष्य योग में लगभग...और पढ़ें
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नवेम्बर 2017व्यूस : 7133विवाह-संतान घर-गृहस्थी टोटकेफ्यूचर पाॅइन्ट- अशुभ ग्रहों का उपाय कर लेना अनिवार्य होता है। खास कर पुरुषों को तो केतु का उपाय करने ही चाहिए, ...और पढ़ें
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नवेम्बर 2017व्यूस : 23066लाल किताब के चमत्कारी टोटके एवं उपायफ्यूचर पाॅइन्टलाल किताब में 9 ग्रहों को शांत करने के लिए कुछ टोटके दिये गये हंै, जो, अति सरल होने के साथ ही, प्...और पढ़ें
नवेम्बर 2017व्यूस : 6377लाल किताब के चमत्कारी टोटके एवं उपायफ्यूचर पाॅइन्टलाल किताब में 9 ग्रहों को शांत करने के लिए कुछ टोटके दिये गये हंै, जो, अति सरल होने के साथ ही, प्...और पढ़ें
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मार्च 2011व्यूस : 14949श्री महावीर निर्वाण भूमि-पावापुरीराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’भारतीय जैन तीर्थ स्थलों में बिहार के मगध क्षेत्र में स्थित पावापुरी का विषिष्ट स्थान है। भगवान महावी...और पढ़ें
जून 2011व्यूस : 13920जाग्रत महिमामयी देवी तीर्थ कन्याकुमारीराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’भारत के दक्षिण भाग में स्थित कन्याकुमारी में बंगाल की खाड़ी, हिंद महासागर एवं अरब सागर का एक ही साथ द...और पढ़ें
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जून 2013व्यूस : 16250विशिष्ट महत्व है काशी के कालभैरव काराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’भारत देश की सांस्कृतिक राजधानी और मंदिरों की महानगरी वाराणसी में मंदिरों की कोई कमी नहीं। काशी तीर्थ...और पढ़ें
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जून 2014व्यूस : 70523श्री हरसू ब्रह्म धामराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’आदि अनादि काल से धर्म, संस्कृति व आस्था भाव से परिपूर्ण भारत देश में सनातन देवी देवताओं के अला...और पढ़ें
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सितम्बर 2010व्यूस : 8376पितृभक्तों का पुण्यमय तीर्थ: गयाराकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’धरती पर कुछ ऐसे विशिष्ट तीर्थ स्थल भी हैं, जहां परमपिता परमात्मा ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर लोककल्य...और पढ़ें
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