भारतीय जनतापार्टी के लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री पद के लिए जब से नामांकन हुआ है उसके बाद पूरे देश में नरेंद्र मोदी के नाम को लेकर चर्चा है कि क्या नरेंद्र मोदी अगले चुनाव में प्रधानमंत्री बन पाएंगे? नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की संभावना को हम ज्योतिष की नजर से देखते हैं कि उनके सितारे प्रधानमंत्री पद दिलाने में कितना सक्षम हैं नरेन्द्र मोदी का प्रारम्भिक जीवन बड़े संघर्ष और कठिनाइयों के बीच गुजरा, इनके पिता एक चाय की दुकान चलाते थे। इनका जन्म अत्यन्त साधारण परिवार में हुआ परन्तु बताते हैं कि ये छोटी उम्र से बड़े साहसी तथा कर्मठ प्रवृत्ति के थे। छोटी उम्र में ही ये राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गये। इनका आध्यात्मिक क्षेत्र में भी शुरु से रुझान था, इन्होंने स्वामी विवेकानन्द के जीवन दर्शन का गहन अध्ययन किया, जिससे यह उनसे बहुत प्रभावित हुए। इनकी योग्यता और ईमानदारी से प्रभावित होकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने इन्हें भारतीय जनता पार्टी में पदार्पण करवाया। ये भा.ज.पा. के राष्ट्रीय संगठन मंत्री भी रहे। बाद में इन्हें पार्टी में बड़े नाजुक संकट के समय में गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया परन्तु इन्होंने अपने कार्य, कौशल एवं बुद्धि क्षमता से पार्टी के अन्तर्कलह को समाप्त करके गुजरात में पार्टी को मजबूत करके नया कीर्तिमान स्थापित किया। गुजरात के विकास कार्य की देश में ही नहीं अपितु विदेशों में भी इनके विकास माडल की चर्चा हुई। वत्र्तमान समय में देश भ्रष्टाचार, मंहगाई की मार से व्याकुल है, देश की दशा को देखकर प्रत्येक नागरिक दुःखी है। लोग सत्ता परिवर्तन चाहते हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में देश की सबसे वड़ी विपक्षी पार्टी भा.ज.पा. की ओर लोगों का रुझान बढ़ना स्वाभाविक है कि देश की बागडोर अनुभवी, ईमानदार तथा मजबूत व्यक्ति के हाथ में रहे। वत्र्तमान समय में देश के अधिकांश लोग नरेन्द्र मोदी पर आगामी प्रधानमंत्री के रूप में भरोसा जता रहे हैं। ज्योतिषीय दृष्टिकोण के अनुसार इनकी ग्रह स्थिति इसके लिए कितनी अनुकूल है यह इनके ग्रह एवं नक्षत्रों के अनुसार ही आंकलन किया जा सकता है। इनकी कुण्डली में बुद्धि स्थान का स्वामी बृहस्पति केन्द्र में स्थित है तथा बुद्धि स्थान पर लाभेश, दशमेश बुध तथा सूर्य की दृष्टि है जिसके फलस्वरूप इनकी अत्यन्त तीव्र बुद्धि है साथ ही बुद्धि स्थान में शुभ-राशि में स्थित राहु तथा शुभ राशि में स्थित केतु की दृष्टि से इनमें शीघ्र निर्णय लेने की क्षमता विद्यमान है। शत्रुमारक राजयोग- सारावली ग्रन्थ के अनुसार यदि लग्नेश लग्न में स्वराशि या मित्र राशि का हो, तथा वह मित्र ग्रह से दृष्ट हो अथवा लग्न में शुभ ग्रह हों तो यह योग बनता है। इनकी कुण्डली में लग्नेश मंगल अपनी स्वराशि में है तथा लग्न में शुभ ग्रह चन्द्रमा स्थित है जिसके कारण ये अपने विरोधियों पर भारी पड़ते हैं। जो भी इनका विरोध करता है वह स्वयं ही धाराशायी हो जाता है और ये विजयी होकर आगे बढ़ जाते हैं। रूचक महापुरुषयोग- लग्न में स्वगृही मंगल से यह योग बन रहा है। इस योग के प्रभाव से ये उत्साही चुस्त, तेजस्वी, बलवान और निर्भय प्रकृति के व्यक्ति हैं। भाग्यवान योग- भाग्य स्थान का स्वामी लग्न में लग्नेश के साथ स्थित है तथा भाग्येश चंद्रमा से दो नैसर्गिक शुभ ग्रह गुरु और शुक्र केंद्र में स्थित हैं। जिसके फलस्वरूप इनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान हो जाता है तथा इनको अपने काया का शुभ फल भी पूर्ण रूप से शीघ्र ही प्राप्त होता है। यह एक अच्छे भाग्य का ही संकेत है। श्रेष्ठ योग- सर्वार्थ चिन्तामणि के अनुसार यदि सुख भाव में बृहस्पति हो तथा सुख भाव का स्वामी शुभ ग्रह से युक्त, दृष्ट हो तो व्यक्ति घर-परिवार तथा समाज में श्रेष्ठ बनता है। इनकी कुण्डली में यह योग पूर्णतः घटता है। बृहस्पति सुख भाव में स्थित है तथा सुख भाव का स्वामी शनि शुभ ग्रह शुक्र से युक्त है जिसके प्रभाव से नरेन्द्र मोदी सचमुच ही एक श्रेष्ठ और भाग्यशाली व्यक्ति हैं क्योंकि वर्तमान में पार्टी में कई वरिष्ठ नेता होने पर भी ये प्रधानमंत्री बनने के सबसे प्रबल एवं सुयोग्य दावेदार हैं। पार्टी में ही नहीं अपितु सर्व साधारण जनमानस में भी ये आगामी प्रधानमंत्री के रूप में सबसे सुयोग्य एवं श्रेष्ठ व्यक्ति हैं। नीचभंग राजयोग- कुण्डली में भाग्येश चन्द्रमा की स्थिति से प्रबल नीच भंग राजयोग बन रहा है, चन्द्रमा जिस राशि में नीच का हो रहा है, उस राशि का स्वामी चन्द्रमा के साथ ही केन्द्र में है तथा चन्द्रमा जिस पर उच्च का होता है उस राशि का स्वामी शुक्र भी चन्द्रमा से केन्द्र में है जिससे यह एक प्रबल, सशक्त नीच भंग राजयोग बन रहा है जिसके शुभ प्रभाव से ये एक छोटे साधारण परिवार में जन्म लेने पर भी एक असाधारण राजनेता के रूप में उभरकर सामने आये हैं। गजकेशरी योग- चन्द्रमा से गुरु केन्द्र में होने से एक शुभ गजकेशरी योग बन रहा है। इस योग के कारण इन्हें जीवन में उच्च मान-सम्मान, पद एवं प्रतिष्ठा की प्राप्ति हो रही है। अचल लक्ष्मी योग- मानसागरी ज्योतिष ग्रन्थ के अनुसार यदि मंगल के साथ चन्द्रमा स्थित हो तो यह योग बनता है। इनकी कुण्डली के लग्न भाव में स्वगृही मंगल के साथ चन्द्रमा स्थित होने से यह योग पूर्णरूपेण घटित हो रहा है। इस योग के शुभ प्रभाव से ये जब से गुजरात प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं तब से गुजरात तीव्र गति से विकास कर रहा है। मोदी गुजरात में अनेक लाभकारी योजनओं को लाने में सफल हुए हैं। जिससे प्रदेश में अर्थिक सम्पन्नता बढ़ी है। सर्पतुल्यप्रतापी राजयोग-सारावली ग्रन्थ के अनुसार यदि कुण्डली में शुक्र गुरु से दृष्ट हो तो व्यक्ति सर्पराज के समान प्रतापी राजाओं का भी राजा होता है। इनकी कुण्डली में यह योग पूर्ण रूप से बन रहा है। बृहस्पति की चतुर्थ स्थान से शुक्र पर पूर्ण दृष्टि है। इस योग के प्रभाव से मोदी अभी गुजरात प्रदेश के राजा हैं तथा आगे 2014 में राजाओं के भी राजा जैसे प्रधानमंत्री पद को प्राप्त कर सकते हैं। आगे भविष्य में मई 2014 से 22 जुलाई 2014 तक बृहस्पति की अन्तर्दशा में शुक्र की ही प्रत्यन्तर्दशा रहेगी। अर्थात् इस अवधि में इन्हें उच्च पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी। छत्रचांवर प्राप्ति राजयोग- जातक परिजात ज्योतिष ग्रन्थ के अनुसार चतुर्थेश ग्रह यदि दशम स्थान में शुभ ग्रह युक्त हो तो यह योग बनता है। इनकी कुण्डली में चतुर्थेश शनि दशम स्थान में शुभ ग्रह शुक्र के साथ स्थित होने से यह योग पूर्ण रूप से घटित हो रहा है जिसके प्रभाव से ये विगत् कई वर्षों से गुजरात में सम्मानपूर्वक एकछत्र राज कर रहे हैं। वर्तमान समय में मोदी जी की प्रबल नीचभंग राजयोग कारक चन्द्रमा की महादशा चल रही है तथा चन्द्रमा में बृहस्पति की अन्तर्दशा 3 जनवरी 2015 तक रहेगी। बृहस्पति कुण्डली का शुभ योगकारक ग्रह है तथा दशा नाथ चन्द्रमा से अन्तर्दशा नाथ बृहस्पति केन्द्र में होने से यह समय इनके लिए अत्यन्त शुभ रहेगा, इनके पक्ष में देश में सकारात्मक माहौल में दिनों-दिन वृद्धि होगी तथा कुछ संघर्षों के बावजूद ये देश के अगले सुयोग्य प्रधानमंत्री बन सकते हैं। वास्तव में सबसे बड़ा भविष्यवक्ता तो सर्वव्यापी ईश्वर ही है, हमारा यह ग्रह नक्षत्रों के अनुसार एक ज्योतिषीय विश्लेषण मात्र है।