घर में तनाव क्यों रहता था
घर में तनाव क्यों रहता था

घर में तनाव क्यों रहता था  

फ्यूचर समाचार
व्यूस : 5841 | मार्च 2007

कछ दिन पूर्व कोलकाता शहर के श्री सुभाष गुप्ता जी के घर का पं. गोपाल शर्मा जी द्वारा वास्तु निरीक्षण किया गया। गुप्ता जी का कहना था कि मुझे नौकरी में परेशानी आ रही है। घर में सुख शांति भी नहीं है। हमेशा तनाव बना रहता है। लड़की का विवाह नहीं हो पा रहा है। प्रत्येक कार्य में रुकावट आती है।

निरीक्षण करते समय कई वास्तु दोष पाए गए। उत्तर पूर्व में रसोई एवं गैस स्टोव और पानी एक लाइन में होने के कारण घर में महिलाओं का स्वास्थ्य खराब एवं माहौल तनावपूर्ण रहता था। प्लाॅट का मुख्य दरवाजा और घर का एवं रसोई का दरवाजा एक सीध में होने से नकारात्मक ऊर्जा अत्यध् िाक बढ़ गई थी जिससे घर में अशांति का माहौल था।

घर के बाहर जमीन पर पानी की भारी टंकी उत्तर पूर्व में थी जो वंशवृद्धि में रुकावट का कारण बनी हुई थी। दक्षिण पश्चिम में गड्ढा होने के कारण आर्थिक हानि हो रही थी। इसी कारण घर में प्रत्येक व्यक्ति की आमदनी में रुकावट आ रही थी। यही नहीं रसोईघर का दरवाजा और शौचालय का दरवाजा आमने सामने थे जिससे घर के सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता था।

सीढ़ियों का उत्तर पूर्व में होना एक बहुत बड़ा वास्तु दोष था। प्लाॅट के मुख्य द्वार के सामने एक बड़ा वृक्ष था जिससे घर के बच्चों के विकास में बाध् ााएं आती रहती थीं। पहले तल पर अन्दर वाले कमरे में बिछावन की दिशा तो ठीक थी पर अलमारी दक्षिण में खुल रही थी जिससे जो भी आमदनी होती थी वह खत्म हो जाती थी।

बाहर वाले कमरे के दरवाजांे के ठीक सामने अलमारी और बिछावन का सिरहाना उत्तर की ओर था जिससे अच्छी नींद की कमी, घबराहट, बुरे सपने, पैसे की तंगी आदि का सामना करना पड़ता था। दोष निवारण के लिए रसोईघर में गैस स्टोव का े पर्वू और पानी का े उत्तर की आरे करवाया गया तथा शौचालय के दरवाजे को बंद कर उसकी दिशा बदल दी गई।

जिससे घर में सुख शांति का माहौल बना एवं परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य में तुलनात्मक सुधार हुआ। पानी की टंकी को पश्चिम में ढाई से तीन फुट की ऊंचाई पर रखवाया गया और उत्तर में एक खुला गहरा फव्वारा लगवाया गया जिससे आमदनी के नए अवसर पैदा हुए और रुके हुए काफी पैसे मिल गए।

रसोई के दरवाजे को 3 फुट तक बन्द करवाकर वहां खिड़की लगवाई गई जिससे नकारात्मक ऊर्जा खत्म हुई। सीढ़ियों को उत्तर पूर्व से हटाकर दक्षिण पश्चिम में करवाया गया जिससे आमदनी एवं स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ। वृक्ष के चारों ओर 9 पिरामिड लगवाए गए जिससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ी।

बच्चों के व्यवहार में भी सुधार हुआ। पहले तल के अंदर वाले कमरे में बिछावन और अलमारी की दिशा को बदला गया। बिछावन के सिरहाने को पूर्व की ओर किया गया और अलमारी को दक्षिण दिशा की ओर किया गया ताकि जिससे वह उत्तर की ओर खुले जो कि कुबेर का स्थान है, और धन की बचत हो।

बाहर के कमरे में दरवाजे की तरफ एक पार्टीशन करवाया जिससे कमरे की गोपनीयता बनी रहे और अलमारी को पश्चिम में किया गया। बिछावन के सिरहाने को पश्चिम की ओर किया गया । इन सब उपायों से घर के प्रत्येक सदस्य को चैन की नींद आने लगी, आमदनी में बढ़ोतरी हुई और परिवार में सौहार्द का वातावरण बना।

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