तीन महीने पहले हिमाचल प्रदेश के ऊना शहर में श्री जिंदल जी के घर का पं. गोपाल शर्मा जी के द्वारा वास्तु निरीक्षण किया गया। श्री जिंदल जी ने बताया कि जब से इस मकान में रहना शुरू किया है तब से कर्ज के बोझ से दबे हुए हैं। कारोबार में काफी गिरावट आ गई है, किसी भी काम में कोई बरकत नहीं होती।
मकान के सूक्ष्म निरीक्षण के पश्चात कई वास्तु दोष पाए गए जिनका विवरण इस प्रकार है। प्लाॅट व मकान का आकार नियम के अनुरूप नहीं था। उत्तर-पश्चिम व पश्चिम क्षेत्र बढ़ा हुआ था। दक्षिण पश्चिम क्षेत्र बढ़ा हुआ व दक्षिण पश्चिम कोण कटा हुआ था। दक्षिण पश्चिम कोने में शौचालय बना हुआ था तथा उत्तर व मध्य में सीढ़ियां बनी हुई थीं। शयन कक्ष का उत्तर-पूर्व व दक्षिण-पश्चिम कोना कटा हुआ व द्वार पलंग के समांतर था। इन दोषों की वजह से स्त्रियां परेशान रहती थीं।
मानसिक समस्या व धन की हानि होती थी। निर्णय में अस्थिरता और स्वास्थ्य में गिरावट रहती थी तथा हर प्रयास विफल होता था। फलतः धन की कमी, ऋण, कार्यशक्ति के ह्रास व बीमारियों का सामना करना पड़ता था। धनार्जन में बाधाएं आती थीं। घर में वातावरण अशांत व पति-पत्नी में मतभेद रहता था।
व्यवसाय में नुकसान का पता देरी से चलता था, कार्य के प्रति लापरवाही रहती थी और शत्रुओं की संख्या में रोज वृद्धि होती थी। वास्तु दोषों के प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित परिवर्तन किए गए। उत्तर-पश्चिम कोने में कमरे को काटकर गलियारे को सामने वाले गलियारे से मिला दिया गया। दक्षिण-पश्चिम में शौचालय को हटाकर सीढ़ियां बनवा दी गईं।
दक्षिण दीवार पर दक्षिण-पूर्व कोने से दक्षिण-पश्चिम कोने तक 90 डिग्री को कोण बनाकर तीन फुट ऊंची दीवार बनाकर उसे ठोस चबूतरा बनाया गया व उस पर गमले इत्यादि रखवा दिए गए। वायव्य को सीधा कर बढ़े हुए स्थान पर शौचालय बना दिया गया।
उत्तर में बनी हुई सीढ़ियों को हटाकर डाडनिंग कक्ष की तरफ दक्षिण में बनवाया गया। शयन कक्ष में पलंग का दक्षिण की तरफ सिरहाना रखवाया गया व इसके ऊपर बड़े पर्वत का चित्र लगा गया दिया। शयन कक्ष के दक्षिण पश्चिम कोने के समांतर ड्रेसिंग कक्ष के द्वार तक तीन फुट ऊंची अलमारी ऊपर की तरफ खुलने वाली बनाई गई।
डाइनिंग कक्ष में फ्रिज को आग्नेय से हटाकर दक्षिण-पश्चिम कोने में स्थानांतरित कर दिया गया। बरामदे के समांतर दक्षिण-पूर्व में डाइनिंग कक्ष की तरफ कंक्रीट का खंभा लगाकर छत से ढक दिया गया। इन परिवर्तनों के फलस्वरूप घर में सुख शांति व आपसी सद्भाव का वातावरण स्थापित हो गया।
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