व्यापार पर क्यों लगती है नजर
व्यापार पर क्यों लगती है नजर

व्यापार पर क्यों लगती है नजर  

भारती आनंद
व्यूस : 4105 | मई 2006

हमारे पास ऐसे कई छोटे और बड़े व्यवसायी और उद्योगपति आते हैं जो प्रायः शिकायत करते हैं कि कुछ समय पहले तक हमारा व्यापार या कारोबार सुचारु रूप से चल रहा था किंतु एकाएक व्यापार बिल्कुल मंदा पड़ गया, धीरे-धीरे ठप्प होने के कगार पर पहुंच रहा है। इसका कारण उन्हें समझ मंे नहीं आता। ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपने स्तर पर खुद उपाय करता है, कार्य के तौर-तरीके बदलकर देखता है, माल की गुणवत्ता की ओर भी ध्यान देता है तथापि अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाता, आखिर क्यों? क्या कारण है कि बिना किसी ठोस वजह के व्यापार मंदा होने लगा? अवश्य ही इसका कारण होता है हस्तरेखाओं में दोष और व्यापार पर किसी की कुदृष्टि। आज के दौर में सरकारी नौकरियां सीमित हो गयी हैं, निजी क्षेत्रों में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा चल रही है और जनसंख्या की वृद्धि तेजी से हो रही है।

ऐसे में लोग व्यवसाय करना चाहते हैं। व्यवसाय में पर्याप्त अवसर और विकल्प मौजूद हैं, साथ ही आर्थिक उन्नति की सीमा भी नहीं है जबकि नौकरी में कमाने की सीमा है। यूं तो व्यवसाय में उतार-चढ़ाव, नफा-नुकसान सामान्य बात है किंतु अचानक कोई बड़ा नुकसान हो जाना या अचानक मंदी छा जाना कोई सामान्य बात नहीं हो सकती। इसका कारण हो सकता है कि आपके व्यवसाय पर किसी की कुदृष्टि हो, साथ ही आपके हाथों में दोष विद्यमान हो सकते हैं। आइए इसी संदर्भ में हस्तरेखाओं में इसके कारण जानें:

- यदि हाथ में शनि ग्रह कमजोर हो, शनि की अंगुली भी ठीक न हो, शुक्र उठा हुआ और गुरु की अंगुली भी छोटी हो तो व्यवसाय पर किसी की कुदृष्टि पड़ने से व्यवसाय में घाटा होता है।

- जीवनरेखा सीधी हो, भाग्यरेखा दूषित हो और मस्तिष्क रेखा पर ही रुक गई हो और गुरु की अंगुली भी छोटी एवं टेढ़ी-मेढ़ी हो तो धोखा होता है, कुदृष्टि से व्यवसाय चैपट होने के कगार पर आ जाता है।

- भाग्यरेखा देर से शुरु हो और चैड़ी हो, हृदयरेखा की एक शाखा मस्तिष्क रेखा पर आ रही हो, शुक्र उन्नत हो तथा मोटी भाग्यरेखा मस्तिष्क रेखा पर समाप्त हो रही हो तो व्यवसाय रुक-रुक कर चलने के कारण आर्थिक समस्या खड़ी हो जाती है।

- भारी हाथ में शनि ग्रह दबा हुआ हो और भाग्यरेखा व जीवन रेखा दूषित या खंडित हों तो व्यवसाय में नित नवीन बाधाएं खड़ी होती हैं, दुश्मनों की बुरी नज़र व्यापार पर विपरीत असर डालती है।

- चमसाकार हाथ की उंगलियां छिद्रयुक्त हों, रेखाएं दोषयुक्त हों और हाथ में कम रेखाएं हों तो टोने-टोटके की वजह से व्यापार ठप्प हो सकता है।

- हाथ पतला हो, सख्त हो, उंगलियों में छिद्र हों और गुरु की स्थिति खराब होने के साथ-साथ गुरु की अंगुली छोटी, दूषित और टेढ़ी हो तो व्यापार-व्यवसाय पर संकट आता है, समझें किसी की कुदृष्टि पड़ी है।

- मस्तिष्करेखा पर रुकी भाग्यरेखा हो, दोहरी जीवनरेखा हो किंतु वह मोटी हो, भाग्यरेखा लहरदार हो और हाथ भारी हो तो व्यावसायिक असफलता का मुख्य कारण किसी की कुदृष्टि होती है। उपाय: व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि व किसी की कुदृष्टि से बचने हेतु निम्न उपायों को करें तो अवश्य कुछ लाभ मिलेगा:

- वर्षभर सफेद सूती वस्त्र धारण करें। ऊनी आसन पर उत्तराभिमुख होकर, विधिवत पूजन करके निम्न मंत्र का जप करें- ‘¬ ह्रीं श्रीं क्लीं क्रौं ¬ कुरु स्वाहा’। इस मंत्र की 80 माला धनतेरस को अवश्य करें। 42 माला रूप चैदस को, 83 माला दीपावली की रात्रि को जपें।

- काली बिल्ली की जेर तिजोरी में रखें और नित्य धूप दें।

- प्रत्येक शनिवार को ‘¬ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ मंत्र की 7 माला अवश्य जपें। काली वस्तुएं व सरसों का तेल दान करें।

- नींबू, 7 हरी मिर्च धागे में पिरोकर दुकान, फैक्टरी या व्यवसाय-स्थल के मुख्य द्वार पर लटका दें।

- बगलामुखी यंत्र की स्थापना करके विधिवत उसकी पूजा करें।

- हनुमान चालीसा और हनुमान बाहूक का नित्य पाठ करें और मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करके लड्डुओं का भोग लगाएं। श्रद्धापूर्वक इन उपायों को करें, लाभ मिलेगा।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.