लाल किताब के अनुसार मकान
का संबंध शनि से है। शनि
जन्म कुण्डली में जिस भाव में होगा
उसी के अनुसार मकान का शुभाशुभ
फल देता है।
जन्म कुण्डली में शनि लग्न में हो, तो
जातक अपने नाम से मकान बनाएंगे
या खरीदेंगे तो घर-परिवार के लिए
अशुभ फल होगा, व्यापार में नुकसान
होगा।
जब शनि अशुभ हो (सप्तम-दशम
भाव में कोई ग्रह न हो शनि शुभ फल
देगा, सप्तम-दशम भाव में राहु-केतु
हो, तो सप्तम दशम भाव खाली माना
जाएगा)
जन्म कुण्डली में शनि द्वितीय भाव
में हो, तो जातक को मकान जब
और जैसा मिले या बने बनने दें,
वर्ना अशुभ फल होंगे और आगे समय
खराब हो जाएगा और किस्मत भी
साथ न देगी।
जन्म कुण्डली में शनि तृतीय भाव में
हो, तो जातक को मकान बनाने के
लिए उपाय करना पड़ेगा, वर्ना धन
हानि और धन के धोखे होने के कारण
55 वर्ष की आयु में मकान बनेगा।
जन्म कुण्डली में शनि चतुर्थ भाव में
हो, तो जातक अपने नाम पर मकान
बनायेगा/खरीदेगा तो माता/दादी,
सास पर अशुभ फल हो सकता है
या मकान की नींव खोदते समय
ननिहाल, ससुराल पर अशुभ फल
शुरु हो जाएंगे।
जन्म कुण्डली में शनि पंचम भाव में
हो, तो जातक अपने नाम से मकान
बनायेगा तो वह मकान लड़के की
बलि लेंगे, मगर लड़के के बनाए
मकान शुभ फल देंगे और जातक के
लिए शुभ होगा।
नोट: 1. 48 वर्ष की आयु के बाद
मकान बनायें, वर्ना जातक मकान
बनाएगा तो उसको लड़के का सुख
न होगा। यदि लड़का होगा तो 48
वर्षायु तक मकान का सुख न होगा।
2. 36 से 39 वर्षायु के मध्य में मकान
बने तो मकान और लड़के का सुख
हो सकता है।
जन्म कुण्डली में शनि छठे भाव में
हो, तो जातक अपने नाम पर मकान
36 या 39 वर्ष की आयु के बाद
बनायेगा/खरीदेगा तो शुभ फल
होगा, वर्ना ब्याही हुई लड़कियों के
सम्बन्धियों पर अशुभ फल होगा।
नोट: मकान 36 से 39 वर्ष आयु के
मध्य में बन सकता है, मगर 48 वर्ष
आयु के बाद मकान बनाना बहुत ही
शुभ फलदायी होगा।
जन्म कुण्डली में शनि सप्तम भाव
में हो, तो जातक को मकान बहुत
मिलेंगे, शुभ और लाभदायक होंगे।
चाल-चलन खराब हो, तो मकान
बिकने शुरु हो जाएंगे।
जन्म कुण्डली में शनि अष्टम भाव में
हो, तो जातक अपने नाम पर मकान
बनायेगा या खरीदेगा तो उसकी उस
मकान में लम्बी बीमारी भोगने के बाद
मृत्यु होगी।
शनि अब राहु-केतु की स्थिति पर
शुभाशुभ फल देगा।
नोट: जातक अपने नाम पर मकान
न बनावे/न खरीदे। परिवार के
किसी दूसरे सदस्य के नाम पर
मकान खरीद/बनवा सकता है।
जन्म कुण्डली में शनि नवम भाव में
हो, तो जातक की पत्नी या माता
गर्भवती हो, तो उस समय अपने नाम
पर मकान बनायेगा या खरीदेगा तो
उसकी या उसके पिता की कष्ट पाने
के बाद मौत होगी।
नोट: जातक के 3 रिहाईशी मकान
बन जाएंगे तो उसकी अल्पायु होने
का भय रहेगा।
जन्म कुण्डली में शनि दशम भाव में
हो, तो जातक अपने नाम पर जब तक
मकान न बनायेगा या न खरीदेगा तो
मकान बनाने के लिए धन जमा होता
चला जाएगा। जब उसका मकान बन
जाएगा तो नकद-धन की कमी या
नुकसान होने शुरु हो सकते हैं (शनि
अशुभ हो, तो)।
जन्म कुण्डली में शनि एकादश भाव
में हो, तो जातक का मकान बहुत
देर के बाद बनेगा लगभग 55 वर्ष
की आयु में।
नोट: मकान का मुख्य द्वार दक्षिण
दिशा में हो, तो उस मकान में लम्बी
बीमारियां भोगने और कष्ट पाने के
बाद मौत हो सकती है।
जन्म कुण्डली में शनि द्वादश भाव में
हो, तो जातक के मकान बहुत बनेंगे
जो शुभ और फलदायी होंगे। मकान
जैसा बने, जब बने, बनने दें, बनता
मकान न रोकें, वर्ना आगे समय खराब
हो जाएगा और किस्मत भी साथ न
देगी (सूर्य के साथ शनि भी चाहे इस
भाव में हो तो भी मकान का शुभ फल
होगा)।