वास्तुदोष निवारण के सरल उपाय आचार्य रमेश शास्त्राी भारतीय हिंदू संस्कृति में वास्तु शास्त्र का प्राचीन काल से अपना एक विशेष महत्व रहा है। इस शास्त्र के अनुसार घर को सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य एवं धन लाभ के लिए घर को वास्तु सम्मत बनाना चाहिए। वास्तु नियमों के अनुसार बना हुआ घर गृह स्वामी के लिए प्रत्येक दृष्टि से कल्याणकारी होता है। यदि परिवार में सुख, शांति, समृद्धि में कमी हो, कार्यक्षेत्र, नौकरी, व्यवसाय आदि में रुकावटें आ रही हों तो ऐसी परिस्थितियों में निम्नलिखित सरल वास्तुदोष उपायों को करने से लाभ होता है।
सम्पूर्ण वास्तु दोष यंत्र : इस यंत्र को शुक्ल पक्ष में शुभ वारों में गंगाजल, गंध, अक्षत्, धूप, दीप, नैवेद्य आदि से पूजा, प्रतिष्ठा करके घर म ंआग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में स्थापित करें। इसके प्रभाव से घर में वास्तु दोष शांति होती है। सुख, समृद्धि आती है।
स्वास्तिक गणेश यंत्र : इस यंत्र की शुद्धीकरण पूजा, प्रतिष्ठा आदि करके, गणपति की प्रार्थना करने के पश्चात घर के मुखय द्वार पर लगाएं, इसके प्रभाव से घर में अनावश्यक विघ्न बाधाओं का विनाश होता है।कार्यक्षेत्र व्यवसाय आदि में लाभ होता है।
स्वास्तिक पिरामिड : यह पिरामिड भी वास्तु दोष के लिए अच्छा माना गया है। इसे घर के पूर्व-उत्तर वाले कोने में किसी भी दिन रख सकते हैं। इसके प्रभाव से घर म सुख, शांतिमय वातावरण बना रहता है।
पाकुआ मिरर : यह वास्तु दोष तथा घर में नकारात्मक ऊर्जा को कम करता है। इसे घर के मुखय द्वार पर लगाया जाता है। इसके अतिरिक्त इसे घर के अंदर उत्तर-पूर्व में लगा सकते हैं। इसके प्रभाव से घर में अशुभ प्रभाव एवं बुरी दृष्टि आदि का नाश होता है।
कम्पास : यह एक दिशा सूचक यंत्र होता है। इस यंत्र की सहायता से आप अपने घर की सही दिशा ज्ञात कर सकते हैं तथा कहां-कहां वास्तु दोष लग रहा है, उस दिशा में वास्तु के अनुसार सामान्यतः घर के सामान आदि को परिवर्तित कर सकते हैं।
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