कुछ दिन पूर्व कोलकाता शहर के व्यापारी के घर का पं0 गोपाल शर्मा जी द्वारा वास्तु निरीक्षण किया गया। उनका कहना था कि मुझे नौकरी में परेशानी आ रही है। घर में सुख शांति भी नहीं रहती, हमेशा तनाव बना रहता है। लड़की का विवाह नहीं हो पा रहा है। प्रत्येक कार्य में रुकावट आती है। निरीक्षण करते समय कई वास्तु दोष पाये गये। वास्तु दोष - उत्तर-पूर्व में रसोई एवं गैस स्टोव और पानी एक लाइन में होने के कारण घर में महिलाओं का स्वास्थ्य खराब एवं माहौल तनावपूर्ण रहता था। जिससे घर के सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता था। - सीढ़ियों का उत्तर-पूर्व में होना एक बहुत बड़ा वास्तु दोष था। प्लाट के मुख्य द्वार के सामने एक बड़ा वृक्ष था जिससे घर के बच्चों के विकास में बाधाएं आती रहती थीं। सुझाव - रसोईघर में गैस स्टोव को पूर्व की ओर करवाया और पानी को उत्तर की ओर करवाया गया। - रसोई के दरवाजे को 3 फुट तक बन्द करवाकर वहां खिड़की लगवाई गई जिससे नकारात्मक ऊर्जा खत्म हुई। - पानी की टंकी को पश्चिम दिशा में ढाई से तीन फुट की ऊंचाई पर रखवाया गया और उत्तर में एक खुला गहरा फव्वारा लगवाया गया जिससे आमदनी के नये अवसर पैदा हुये और रुके हुए काफी पैसे मिल गये। - दक्षिण पश्चिम के गड्ढे को बन्द करवाया गया जिससे घर में मांगलिक विवाह का अवसर बना। - सीढ़ियों को उत्तर-पूर्व से हटाकर दक्षिण-पश्चिम में करवाया जिससे काफी हद तक आमदनी एवं स्वास्थ्य में सुधार हुआ। वृक्ष के चारों ओर नौ पिरामिड लगवाये गए जिससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ी। बच्चों के व्यवहार में भी सुधार हुआ। - प्लाट का मुख्य दरवाजा और घर का एवं रसोई का दरवाजा एक सीध में होने से नकारात्मक ऊर्जा अत्यधिक बढ़ गई थी जिससे घर में अशांति का महौल था। - घर के बाहर जमीन के ऊपर पानी की भारी टंकी उत्तर-पूर्व में थी जो वंशवृद्धि में रुकावट का कारण बनी हुई थी। - दक्षिण-पश्चिम में गड्ढा होने के कारण आर्थिक हानि हो रही थी। इसी कारण घर में प्रत्येक व्यक्ति की आमदनी में रुकावट हो रही थी। - रसोईघर का दरवाजा और शौचालय का दरवाजा आमने सामने था