कार्य प्रगति में बाधक है वास्तुदोष
कार्य प्रगति में बाधक है वास्तुदोष

कार्य प्रगति में बाधक है वास्तुदोष  

व्यूस : 5794 | जनवरी 2008
कार्य प्रगति में बाधक है वास्तुदोष पं. गोपाल शमा लगभग दो माह पूर्व पंजाब प्रांत के पटियाला शहर के श्री विजय मेहंदीरत्ता के घर का वास्तु निरीक्षण किया गया। घर में कई दोष थे जो श्री मेहंदीरत्ता की प्रगति में बाधक थे। इन दोषों को इस प्रकार दूर किया गया। भूखंड का कोण 90 डिग्री नहीं था। इसे चारदीवारी की लकड़ी की दीवार बनाकर ठीक करवाया गया। मकान के उत्तरपूर्व व दक्षिणपूर्व के भाग कटे हुए थे। जिन्हें मंडप बनवाकर संतुलित करवाया गया। उत्तर में चिमनी लगी हुई थी जिसके कारण उत्तर ऊंचा था। फलतः उनके परिवार के सदस्यों की सेहत खराब रहती थी। उनमें आपस में मतभेद रहता था एवं खर्चा अत्यधिक होता था। इस दोष को दूर करने के लिए दक्षिण में एंटिना, झंडा व हवा का रुख दिखाने वाला यंत्र लगवाए गए। रसोई घर में खाना बनाते समय गृहिणी का मुख दक्षिण दिषा में होता था जो एक गंभीर वास्तु दोष है। चूल्हे को पूर्व की तरफ स्थानांतरित करवाकर गृहिणी को पूर्वमुखी होकर खाना बनाने के निर्देष दिए गए इससे उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ। यूटिलिटी और गैराज के बीच के दरवाजे पर पीला पेंट करवाकर चांदी की पट्टी लगवाई गई। इससे व्यापार में उन्नति के मार्ग खुले। दक्षिण-पूर्व की खिड़की के बढ़े हुए दोष को कम करने के लिए लकड़ी का एक रैक बनवाया गया, इससे परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य में सुधार आया। कुछ ही दिन पहले श्री विजय मेहंदीरत्ता ने बताया कि इन सारे उपायों के फलस्वरूप उनके घर में पहले से ज्यादा आपसी प्यार पैदा हुआ है घर में सुख व समृद्धि आई है, व्यापार में उन्नति हुई है, घरवालों के स्वास्थ्य में भी आश्चर्यजनक सुधार आया है और परिवार में प्रेम तथा स्नेह का माहौल उत्पन्न हुआ है।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.