वास्तु दोष: कारण और निवारण पं. गोपाल शर्मा ववर्तमान भौतिकवादी युग में सभी लोगों की आकांक्षा अधिक से अधिक सुख साधन प्राप्त करने की होती है। इसमें कुछ तो सफल हो पाते हैं किंतु बहुसंख्यक लोगों की यह चाह सपना बनकर ही रह जाती है। इसके बहुत सारे कारण हो सकते हैं किंतु निःसंदेह उनके गृह का वास्तु दोष एक प्रमुख कारण हो सकता है। अतः यदि अपने सपने को हकीकत र्तमान समय में प्रत्येक में बदलना है तो यह आवश्यक है कि वास्तु नियमों का अक्षरशः पालन किया जाय तथा दोष का निवारण किया जाय। व्यक्ति की चाह है कि उसका अपना मकान हो, अपना सुन्दर सा भवन हो। आधुनिक युग में साज-सज्जा को सर्वोपरि समझ कर हम अपने मन के मुताबिक घर की सजावट कर लेते हैं या आर्किटेक्ट$इन्टीरियर डिजाइनर की मदद से आधुनिक व प्रचलित निर्णय ले लेते हैं, परन्तु कई बार इस तरह हम अनजाने में वास्तु शास्त्र के नियमों का उल्लंघन कर देते हैं। उदाहरणतया टैªफिक तथा टैªफिक प्रशासन के नियम हमारी सुविधा व सुरक्षा के लिये बने हैं, मगर जब हम जाने अनजाने इन्हीं ट्रैफिक के नियमों का उल्लंघन करते हैं तो परिणामस्वरूप हमें दुर्घटनाओं का शिकार होना पड़ सकता है। अस्पताल और कानून की सहायता लेने में भी धन का अपव्यय होता है। इस उदाहरण द्वारा हमें समझना चाहिए कि जब मानव द्वारा बनाये गये नियमों का उल्लंघन करने पर सजा भुगतनी पड़ती है तो प्रकृति के नियमों का उल्लंघन होने पर वास्तु द्वारा भी हमें कष्ट मिल सकता है, क्योंकि नियमों का उल्लंघन सदैव कष्ट देता है। यहां हम अधिक विस्तार में नहीं जाकर सीधे-सीधे गृह वास्तु के दोषों के कारण व निवारण के बारे में चर्चा करते हैं। Û घर के शयन कक्ष में टी. वी, कंप्यूटर, किताबें आदि न रखें। शयन कक्ष को केवल शयन के लिये ही इस्तेमाल करना रात को निद्रा के पश्चात प्रातः काल तरोताजा जगायेगा और आवश्यक उर्जा तथा स्फूर्ति देगा जिससे आपके काम करने की क्षमता का विकास होगा। Û चूंकि आपका स्वास्थ्य घर के स्वास्थ्य से सीधे-सीधे जुड़ा होता है इसलिए स्वस्थ रहने के लिए घर के दर्पणों को साफ रखें। इन पर धूल आदि, दर्पण के प्रभाव को घटाते हैं। जहाँ तक हो सके रंग-रोगन ताजा रखें, टपकते नल फौरन ठीक कराएँ, खराब बल्ब फौरन बदलें। खिड़कियाँ साफ रखें। शीशे टूटे हों तो तुरन्त बदलवाएं। घर या केबिन के द्वार को खोलते या बन्द करते समय आवाज हो तो उसे तुरन्त ठीक करवायें।