टैरो कार्ड प्रयोग विधि फ्यूचर पाॅइंट टैरो एक प्राचीन ध्यानस्थ साधना है, जिससे साधना करने वाला चेतना के ऊपरी सतहों तक पहुंच सकता है। टैरो के पŸाों के रहस्य में ज्योतिष, अंक ज्योतिष, प्रतीकवाद तथा गुह्य विद्या का मिश्रण है, जिससे भूत, भविष्य तथा वर्तमान में गहरी पहुंच की क्षमता प्राप्त होती है। टैरो के पŸाों का इस्तेमाल भविष्य कथन, चिकित्सा तथा परामर्श देने के लिए किया जा सकता है। इन पŸाों से भूत, वर्तमान, भविष्यफल, कारण तथा कालादि का गंभीर ज्ञान भी होता है और इनका उपयोग फलादेश के लिए भी किया जा सकता है। आमतौर पर टैरो के हर पŸो का प्रतिनिधित्व एक चित्र करता है, जिसका, भविष्य कथन हेतु, अलग-अलग उपयोग किया जाता है और क्रम में इस्तेमाल किये जाने पर ये पŸो एक अज्ञात कहानी सामने लाते हैं या फलादेश में सहयोग देते हैं। फैलाव: टैरो पŸाों के कई तरह के फैलाव होते हैं, जिनमें से किसी एक का चयन प्रयोजन व आवश्यकता के अनुसार किया जा सकता है। एक ही पŸाा: इसका इस्तेमाल विशेष कर ऐसे प्रश्नों के लिए किया जाता है, जिनका जवाब ‘हां’ या ‘नहीं’ में दिया जा सकता है। इसके लिए समूह में से एक पŸाा लिया जाता है, जिससे ‘हां’ या ‘नहीं’ में सीधा जवाब प्रस्तुत किया जा सकता है। तीन पŸाों का फैलाव: इस फैलाव द्वारा अधिकतर प्रश्नकर्Ÿाा पर ध्यान लगाया जाता है, जैसे वह क्या सोचता है और उसकी परिस्थितियां कैसी हैं? उसके लिए कौन-कौन से विकल्प उपलब्ध हैं? एक खास समाधान चुने जाने पर वह उसके अनुरूप स्वयं को ढाल सकेगा या नहीं? सेल्टिक क्राॅस फैलाव: इसके लिए 10 पŸाों का उपयोग किया जाता है। इस फैलाव का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। यह प्रश्नकर्Ÿाा की परिस्थितियों, अवस्था, विभिन पक्षों के कारण तथा प्रभाव, उसका व्यक्तित्व आदि तथा अंततः भविष्यफल का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है। ज्योतिषीय फैलाव: यह 12 पŸाों का फैलाव है और प्रत्येक पŸाा ज्योतिष के 12 भावों का प्रतिनिधित्व करता है और व्यक्तित्व, धन, सामाजिक जीवन, संपŸिा, विद्या, शत्रु, वैवाहिक जीवन, आयु, भाग्य, व्यवसाय, आय व व्यय के समस्त पक्षों पर विस्तृत विश्लेषण प्राप्त किया जा सकता है।