छोटे-छोटे उपाय हर घर में लोग जानते हैं, पर उनकी विधिवत् जानकारी के अभाव में वे उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं। इस लोकप्रिय स्तंभ में उपयोगी टोटकों की विधिवत् जानकारी दी जा रही है। संकट से रक्षा के लिए किसी विशेष आपदा और संकट पड़ने पर सुंदर कांड का पाठ ‘संकट से हनुमान छुड़ावे मन कर्म वचन ध्यान जो लावे’ के संपुट के साथ प्रतिदिन करने से चालीस दिन के अंदर ऐसी आपदा और संकट का नाश अवश्य होता है। द्वादशाक्षर मंत्र हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्’ एक सर्वसिद्धदायक तांत्रिक मंत्र है, जिसका उपयोग विभिन्न बाधाओं के निवारणार्थ मंत्र के रूप में किया जा सकता है। शत्रुओं के नाश के लिए सकलशत्रुसंहारणाय हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् स्वाहा। भूत-प्रेत आदि के निवारण हेतु सकलभूत-पे्रतादिनिवारणाय हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् स्वाहा। विघ्न बाधाओं के निवारण हेतु सकलविघ्ननिवारणाय हनुमते रुद्रात्मकाय हं फट् स्वाहा। दुष्टों के नश और समूल संहार हेतु दनुजवनकृशानुं सकलदुष्टसंहारणाय हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् स्वाहा। दीर्घायु की कामना हेतु नवजात शिशु की दीर्घायु हेतु, या बालक के जन्म दिन पर दीर्घायु की कामना हेतु, निम्नांकित संपुट के साथ सुंदर कांड, या श्री रामचरित मानस के पाठ से भगवत कृपा से बालक सर्वथा दीर्घायु एवं सर्व गुणसंपन्न होता है: अजर अमर गुण निधि सुत होहू। करहु बहुत रघुनायक छोहू।। कन्या के विवाह हेतु मां-बाप अपनी कन्या के विवाह के लिए प्रायः चिंतित रहते हैं। यह चिंता और भी बढ़ जाती है, जब वह कन्या मंगली होती है। स्वयं कन्या या कन्या के पिता द्वारा यदि संकल्प एवं अनुष्ठान सहित निम्नांकित मंत्र का जाप एवं माला नित्य प्रातः किये जाएं, तो एक बृहस्पति वर्ष में विवाह होना निश्चित है। ¬ भवाय नमः कामाय नमः सुशास्त्राय नमः मन्मथाय नमः हरये नमः हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् स्वाहा। सब प्रकार सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य एवं कार्यसिद्धि हेतु निम्नांकित अचूक मंत्र का जाप एक हनुमान जन्मोत्सव से आरंभ करें, दूसरा जन्मोत्सव आते-आते लाभ स्वयं दृष्टिगत होगा। अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् स्वाहा। दुर्गम कार्य को सरल बनाने हेतु दुर्गम से दुर्गम कार्य को सरलता से संपन्न कराने के लिए और कार्यसिद्धि का मार्ग प्रशस्त करने हेतु निम्नांकित मंत्र का जाप अवश्य ही फलदायी होगा। दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते, हनुमते रुद्रात्मकाय हं फट् स्वाहा