यदि मंगल ठीक न हो - जिनका मंगल का दिन भी ठीक नहीं रहता, अक्सर नकारात्मक विचार आते रहते हों, मन दुखी रहता हो, बृहस्पतिवार को भी किसी से नोंक झोंक होती रहती हो, झगड़े होते रहते हों, वे जन्मपत्री के अनुसार उपाय करें। मकान किराये पर देना हो - मकान किराये पर लगाना हो, तो उसका ग्राउंड फ्लोर ही किराये पर लगाएं, स्वयं प्रथम तल पर रहें। आपको किरायेदार से कभी कोई तकलीफ नहीं मिलेगी। संबंध भी सौहार्दपूर्ण रहेंगे व जरूरत पड़ने पर वह आराम से मकान खाली कर देगा।
दीप से न जलाएं धूप - दीपक जलाकर उसी से धूप या अगरबत्ती कभी भी नहीं जलानी चाहिए। इससे घर में दरिद्रता प्रवेश करती है। ऐसा करने से पैसों में बरकत नहीं होती, खर्च आमदनी से ज्यादा होता है, कर्ज बढ़ता जाता है।
सास-बहू में अनबन - सास व बहू में आपसी संबंध कटु होने पर चांदी का चैकोर टुकड़ा सदैव अपने पास रखें। हल्दी या केसर की बिंदी माथे पर लगाएं। शुक्ल पक्ष के प्रथम बृहस्पतिवार से बिंदी लगाना शुरू करें। गले में चांदी की चेन धारण करें। किसी से भी कोई वस्तु मुफ्त न लें। मंगलवार को मंदिर के बाहर बैठे गरीबों को सूजी का हलवा स्वयं बांटें। आप देखेंगे कि स्थितियां किस प्रकार अनुकूल होने लगती हैं। संपत्ति प्राप्ति हेतु - संपत्ति प्राप्त करने के लिए दायीं कलाई पर पंडित जी से लाल मौली बंधवा लें। चांदी की चेन गले में पहनें।
सुबह जब उठें, सबसे पहले जरा सा शहद खाएं। भगवान हनुमानजी का पूजन करें, मंगलवार को उनका व्रत रखें। सूर्यास्त के बाद मीठा प्रसाद आदि बांटें। आठ किलो साबुत उड़द केवल एक बार किसी बहते पानी में बहा दें और श्रद्धापूर्वक संपत्ति प्राप्ति की कामना से प्रार्थना करें।
गृह शांति हेतु - घर में वातावरण को शांतिमय बनाने के लिए एक कप दूध में मीठा मिला कर वट वृक्ष की जड़ में प्रतिदिन अर्पित करें और उस स्थान की जरा सी गीली मिट्टी लेकर माथे पर या नाभि पर लगा लें। यह क्रिया सोमवार से शुरू करें और 43 दिन तक प्रतिदिन करते रहें, लाभ होगा।
सूर्यास्त के पश्चात मंगलवार को गरीबों को सूजी का हलवा खाने को दें। शुभ मुहूर्त में चांदी की अंगूठी में श्रीयंत्र धारण करें- पुरुष दायें हाथ की तर्जनी में और स्त्रियां बायें हाथ की तर्जनी में। प्रतिदिन प्रातः उसके दर्शन करें, लाभान्वित होंगे।
तनाव दूर करने के लिए - वैवाहिक जीवन में तनाव दूर करने के लिए अपने शयनकक्ष में मोर पंख रखें। रसोई में दूध उबालते वक्त यह ध्यान रहे कि वह उबल कर अग्नि में न गिरे। स्त्रियां चांदी की नोज रिंग पहनें, तनाव धीरे-धीरे दूर होने लगेगा।
कर्ज से मुक्ति के लिए - यह प्रयोग शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू करना चाहिए। एक ‘हत्थाजोड़ी’ लें। उस पर नीले रंग का धागा 100 बार लपेटें। धागा दीनता और ऋण से मुक्ति की प्रार्थना करते हुए लपेटें। इसके पश्चात् धूप, दीप जला लें। दीप साबुत चावल की ढेरी पर रख कर जलाएं। अब ¬ गं ऋणहर्तायै नमः मंत्र का शुद्धता से 28 बार जप करें।
पीले रंग के थोड़े से चावल लें और ‘हत्थाजोड़ी’ पर थोड़ा-थोड़ा चढ़ाते हुए ऊपर लिखे मंत्र का 35 बार जप करें। इस प्रकार 9 दिन तक प्रतिदिन यह पूजा करें। नवमी की रात को जमीन में ‘हत्थाजोड़ी’ को थोड़ा गहरे तक दबा दें। और ऊपर से एक भारी पत्थर रख दें।
यदि ऐसा करने में कोई परेशानी हो, तो किसी पवित्र स्थान की छत पर फेंक दें। प्रक्रिया गुप्त रखें। चुपचाप घर आ जाएं। पलट कर न देखें। रोग दूर करने के लिए - कई बार बहुत उपचार करने पर भी रोग दूर नहीं होते। कोई न कोई रोग बना ही रहता है।
ऐसी स्थिति में बीमार व्यक्ति को अपने वजन के बराबर गेहूं या गेंहू के दलिये का दान, रविवार के दिन, जरूरतमंद लोगों को करना चाहिए तथा प्रतिदिन गाय को रोटी पर थोड़ा सा गुड़ रख कर खिलाना चाहिए। साथ ही एक उच्च कोटि का फिरोजा पहनना चाहिए।