छोटे-छोटे उपाय हर घर में लोग जानते हैं, पर उनकी विधिवत् जानकारी के अभाव में वे उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं। इस लोकप्रिय स्तंभ में उपयोगी टोटकों की विधिवत् जानकारी दी जा रही है।
संतान प्राप्ति हेतु
- यदि बांझ स्त्री है और उसके कोई संतान नहीं हुई है, तो पलाश (ढाक) के पांच कोमल पŸो किसी औरत के दूध में पीसें और उसे मासिक धर्म के चैथे दिन स्नान आदि से निवृŸा होकर खा लेगी तो अवश्य ही संतान उत्पन्न होगी।
- उक्त मंत्र के जाप से तथा भोज पत्र पर अष्टगंध, श्वेत चंदन, लाल चंदन, केसर, कस्तूरी, गोरोचन, कपूर, अम्बर इन्हें ताबीज में भरकर बाजू में, गले में या कमर में बांध लेने से भी बच्चा उत्पन्न हो जाते हैं। मंत्र- ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय। देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते। देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः।। उक्त मंत्र जाप भगवान कृष्ण के बालरूप का फोटो रखकर धूप दीप से पूजन करके प्रतिदिन कम से कम 2-2 माला का जप प्रातः- सायं करते रहना चाहिए अवश्य पुत्र उत्पन्न होगा।
भूत ज्वर
- प्राय देखा जाता है कि चैराहों पर टोटका मिलता है जिसमें फल, फूल, बर्तन आदि में कुछ सामान रखा होता है अथवा लाल मिर्च, राई व मिठाई भी रखी होती है। यह शक्तिशाली टोटका है तथा इसे कभी नहीं लांघना चाहिए। यदि गलती से कोई लांघ जाता है तो किसी दूसरे की बजाय तुम्हारे ऊपर आ जाता है। अतः इनके पास से भी नहीं गुजरें।
उपाय: पीले रंग के धागे में लहसुन की कलियां छीलकर पिरो दें और गले में धारण कर लें। ऊपरी शक्ति आपके शरीर से उतर कर कहीं अन्यंत्र स्थान पर चली जाएगी।
- ऊँ नमः शिवाय लिखकर दाहिने हाथ में बांध लेने मात्र से ही भूत-प्रेत का प्रकोप समाप्त हो जाता है। स्वस्थ हो जाने पर गंडा को खोलकर किसी बहते पानी या तालाब में डाल देना चाहिए।
- अपामार्ग की जड़ को सूती धागे में लपेटकर भुजा पर बांध लेने से भी भूत-प्रेत की बाधा चली जाती है।
- जो कन्या ऋतुमयी न हुई हो उसके हाथों से रोगी पुरुष या स्त्री या बालक है तो उसकी दाहिनी भुजा में सफेद सूत में लिपटी हुई सहदेई की जड़ को बंधवा लेने से भूत-प्रेत की बाधा समाप्त हो जाती है।
मिरगी के दौरे दूर करने हेतु
- सूअर ने पेशाब जहां पर किया है,उस स्थान से मिट्टी को खोदकर ले आयें तथा जिसको दौरा पड़ता है उसके पास रखने से दौरे समाप्त हो जाते हैं।