छोटे-छोटे उपाय हर घर में लोग जानते हैं, पर उनकी विधिवत् जानकारी के अभाव में वे उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं। इस लोकप्रिय स्तंभ में उपयोगी टोटकों की विधिवत् जानकारी दी जा रही है।
रामचरित मानस द्वारा मंत्रोपचार करने हेतु निम्न चैपाइयों का पाठ करें।
आभूषण प्राप्ति के लिये
रामचरित चिन्तामनि चारू ।
सन्त सुमति तिय सुभग सिंगारु।।
संसार के सभी कार्य सुगम बनाने के लिये
सुनि सेवक सुरतरू सुरधेनू।
विधिहर हरिबंदित पदरेनू
रक्षा रेखा
मंत्र सिद्ध करने के लिए किसी संकटपूर्ण जगह पर रात व्यतीत करने के लिये अपने चारों ओर जल या शुद्ध कोयले से रक्षा रेखा खींच लेनी चाहिए। लक्ष्मण जी ने सीताजी की कुटी के आस-पास जो रक्षा रेखा खींची थी उसी लक्ष्य पर निम्नलिखित रक्षा मंत्र बनाया गया है। इसे एक सौ आठ आहुतियों द्वारा सिद्ध कर लेना चाहिए। रक्षा रेखा का मंत्र एक बार सिद्ध कर लेने पर वह जीवन भर के लिए हो जाता है। इसे पुनः सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है।
रक्षा रेखा मंत्र
माम भिरक्षय रघुकुल नायक
घृत वर चाप रूचिर कर सायक।।
विपत्ति नाश के लिये
राजिव नयन धरें धनु सायक
भगत विपति भंजन सुख दायक।।
संकट नाश के लिये
जो प्रभु दीन दयाल कहावा।
आरति हरन वेद जस गावा।
जपहिं नाम जन आरत भारी।
मिटहिं कुसंकट होंहि सुखारी
दीन दयाल विरिदु संभारी।
हरहु नाथ मम संकट भारी।
विघ्न विनाश के लिये।
सकल विघ्न व्यापहि नहि तेही।
राम सुकृपा विलोकहिं जेही।।
खेद नाश के लिये
जब ते रामु व्याह घर आये।
नव नित मंगल मोद बधाये।।
महामारी हैजा और मरी का प्रभाव न पड़े इसे दूर करने के लिये
जय रघुवंश बनज बन भानु।
गहन दनुज कुल दहन कृसानू।।
विविध रोगों व उपद्रवों की शांति के लिये
दैहिक दैविक भौतिक तापा।
राम राज नहिं काहुहि व्यापा।।
मस्तिष्क की पीड़ा दूर करने के लिये
हनुमान अंगद रन गाजे।
हांक सुनत रजनीचर माजे।
विष नाश के लिये
नाम प्रभाव जान सिव नीको।
कालकूट फलु दीन्ह अमी को।।
अकाल मृत्यु निवारण के लिये
नाम पाहरू निसि ध्यान तुम्हार कपाट।
लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहि वाट।।
भूत को भगाने के लिये
प्रनवउ पवन कुमार खल वन पावक ग्यान घन।
जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर।।
नजर झाड़ने के लिये
स्याम गौर सुंदर दोऊ जोरी।
निरखहिं छवि जननीं तृन तोरी।।