मंत्र के अनुसार मालाओं का चुनाव आचार्य रमेश शास्त्राी श्रीमद भागवद्गीता के दसवें अध्याय में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि हे! अर्जुन मैं संपूर्ण यज्ञों में जप नामक यज्ञ हूं - ”यज्ञानां जपयज्ञोऽस्मि“। श्रद्धा विश्वासपूर्वक अपने इष्ट देवता के मंत्र का अथवा कामना के अनुसार अन्य मंत्रों का किया गया जप अवश्य फलदायी होता है। जप के अनुसार यदि माला भी जप के अनुकूल हो तो अभीष्ट फल की प्राप्ति शीघ्र होती है। रुद्राक्ष माला यह माला सामान्यतः सभी मंत्रों के जप के लिए उपयोगी मानी गई है। रुद्राक्ष की छोटे दानों की माला अधिक शुभ मानी जाती है। जितने बड़े दानों की माला होती है उतनी ही वह सस्ती भी होती है। स्फटिक माला इस माला पर सरस्वती मंत्र का जप करने से सिद्धि शीघ्र प्राप्त होती है तथा मां सरस्वती की कृपा से विद्या, बुद्धि बढ़ती है। इस मंत्र के अतिरिक्त इस माला पर शुक्र ग्रह के मंत्र का जप भी कर सकते हैं। तुलसी माला इस माला पर भगवान विष्णु, राम, कृष्ण और गायत्री देवी के मंत्रों का जप करने से शुभ फल की प्राप्ति शीघ्र होती है। लाल चंदन माला इस माला पर भगवती दुर्गा देवी के मंत्र का जप करने से देवी शीघ्र प्रसन्न होती हैं और साधक को धन और यश की प्राप्ति होती है। मूंगा माला मूंगे की माला पर विशेष रूप से हनुमान जी तथा गणेश जी के मंत्र का जप करने से मंत्र की सिद्धि शीघ्र होती है। इसके अलावा इस पर मंगल ग्रह के मंत्र का जप बहुत शुभ माना जाता है।