तंत्र परिभाषा एवं कुछ महत्वपूर्ण प्रयोग
तंत्र परिभाषा एवं कुछ महत्वपूर्ण प्रयोग

तंत्र परिभाषा एवं कुछ महत्वपूर्ण प्रयोग  

व्यूस : 12366 | अकतूबर 2012
तंत्र परिभाषा एवं कुछ महत्वपूर्ण प्रयोग के. के. निगम शिव जी ने आयुर्वेद, पदार्थ विज्ञान, जीवन विज्ञान शास्त्र और कर्म योग के ज्ञान-विज्ञान पर आधारित जन कल्याण का मार्ग दिखाने वाली तंत्र विद्या का ज्ञान दŸाात्रेय जी को दिया। तंत्र की परिभाषा निम्नवत है- विभिन्न प्रकार की वस्तुओं (सामग्रियों) के मेल से निश्चित समय, स्थान, दिन, वार, तिथि एवं नक्षत्र के अनुसार कार्य का विधान ही तंत्र कहलाता है। ज्ञान-विज्ञान की भांति तंत्र विज्ञान भी असीमित है। तंत्र आराधना का मार्ग है, जबकि यंत्र व मंत्र साधना का मार्ग है। तांत्रिक तंत्र-शक्ति के बल पर ही किसी का हित-अहित करने में सक्षम होते हैं। तंत्र-विज्ञान को गुप्त विद्या या निगूढ़ विद्या का भी नाम दिया जाता है। तंत्र विज्ञान की महŸाा के कारण ही विभिन्न मताबलम्बियों ने अपनी विधि से तंत्र विधियों का निर्माण किया। भैरव भक्तों ने ‘‘भैरव तंत्र’’ देवी भक्तों ने ‘शाक्त तंत्र’ गणेशजी को मानने वालों ने ‘‘गणपत्य तंत्र’’ वैष्णव भक्तों ने ‘‘वैष्णव तंत्र’’ और मुस्लिमों ने मुस्लिम तंत्र शास्त्र की रचना की। तांत्रिक प्रयोग: पुत्र-प्राप्ति हेतु तंत्र: जिस दिन अश्विन नक्षत्र हो परंतु कोई अशुभ योग न हो, उस दिन सुबह बेल के कोमल पŸो तोड़कर ले आयें और फिर एक रंग वाली गाय के दूध में पीसकर गर्भधारण की इच्छा रखने वाली स्त्री को पिला दंे, इसके प्रभाव से पुत्र ही उत्पन्न होगा। समस्त कार्यों में सफलता हेतु तंत्र: शतभिषा नक्षत्र में लाल रंग की गुंजा की जड़ लाकर लाल कपडे में लपेटकर दाहिनी कलाई में धारण करने से समस्त कार्यों में सफलता मिलती है। शत्रु पर विजय प्राप्त करने हेतु तंत्र: मूल नक्षत्र में खजूर का बादा लाकर पीले कपड़े में लपेटकर, दाहिनी कलाई पर बांधने से हरदम शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। वास्तु दोष समाप्त करने हेतु तंत्र: घर या व्यापार - स्थल में वास्तु दोष हो, तो समृद्धि नहीं होती है। रोग, लड़ाई-झगड़े आदि में धन का नाश होता रहता है। इससे छुटकारे हेतु मंगलवार के दिन ढक्कन सहित एक चांदी की लुटिया में गंगाजल भरकर लुटिया के गर्दन पर पांच मूंगे के दाने, लाल धागे में पिरोकर बांध दें। फिर ढक्कन बंद कर लुटिया घर या व्यापार स्थल में उŸार की दिशा में स्थापित कर दें। लड़के-लड़की का विवाह न होने पर तंत्र: लड़के या लड़की का विवाह शीघ्र हो एवं उनका दाम्पत्य जीवन सुखी रहे इसके लिए कोई पुराना खुला ताला सात बार सिर से पैर तक उतारकर शुक्रवार की रात में चैराहे पर ले जाकर रख दें। घर वापस आते समय पीछे मुड़कर न देखें। विवाह शीघ्र हो जायेगा। पति-पत्नी में कलह शांत करने हेतु तंत्र: एक कागज के टुकड़े पर लाल रंग की कलम (पैन) से शुक्रवार के दिन पति या पत्नी का नाम लिखकर उसे शहद से भरी शीशी में डालकर ढक्कन लगाकर घर में किसी पवित्र स्थान पर रखें। कुछ ही दिनों में कलहपूर्ण वातावरण दूर होकर दाम्पत्य जीवन सुखमय हो जायेगा। शराब पीने की आदत छुड़ाने वाला तंत्र: शराब पीने वाले की बोतल में बची हुई शराब या उसकी जूठी शराब को एक बोतल में डालकर गड्ढा खोदें, फिर इस गड्ढे में बोतल डालते समय शराबी व्यक्ति का नाम लेकर कहें कि ‘हे पृथ्वी माता, (अमुक) व्यक्ति की शराब पीने की आदत छुड़ा दें।’ इस तंत्र के प्रभाव से शराबी व्यक्ति शराब पीना कम करते हुए कुछ समय में शराब पीना बिल्कुल बंद कर देगा। त्वचा रोग से छुटकारों के हेतु तंत्र: वांकुची के 51 बीजों को काले डोरे में पिरोकर गले में पहनने से समस्त त्वचा रोग व फोड़े-फुंसियों से मुक्ति मिल जायेगी।



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