सुलेमानी पत्थर ग्रंथों के दिव्य प्रभाव से संबंधित होता है। यह पत्थर व्यक्ति में शत्रुता एवं घृणा के भाव को समाप्त करता है। बच्चों को सुरक्षा की दृष्टि से पहना सकते हैं। रक्त शोधन व स्वस्थ रखने में भी इस पत्थर को लाॅकेट के रूप में धारण करते हैं। प्राचीन समय में त्वचा संबंधी रोगों से रक्षा के लिए इसे उपयोग में लाया जाता है। विभिन्न रंगों व आकार-प्रकार के सुलेमानी पत्थरों का विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है। यहां कुछ प्रमुख प्रकार एवं विशेषतायें इस प्रकार हैं।
पट्टीदार सुलेमानी: पट्टीदार सुलेमानी से सुरक्षा होती है, शरीर में ऊर्जा का संग्रह, तनाव भरी स्थितियों में राहत देता है। काला सुलेमानी: काला सुलेमानी पत्थर रक्षात्मक दृष्टि से उपयोगी होता है। इसे प्रतियोगिता आदि में सफलता प्राप्त होती है। सफेद काला सुलेमानी: इसे लाकेट के रूप में शारीरिक खतरों से सुरक्षा की दृष्टि से धारण किया जाता है। नीला जालीदार सुलमानी: खुशहाली एवं शक्ति के लिए नीला जालीदार सुलमानी को उपयोग में लाया जाता है। तनाव से मुक्ति के लिए उसे हाथ की मृट्ठी में रखा जाता है। भूरा सुलमानी: वैभव व सफलता के लिए इसे उपयोग में लाया जाता है।
वह बुरी नजर से बचने के लिए पहना जाता है। हरा सुलमानी: हरे सुलमानी का उपयोग आंखों को नीरोग रखने के लिए किया जाता है। प्राचीन काल की स्त्रियां बांझपन से बचने के लिए इसके जल को पीती थीं। झांईदार सुलमानी: झांईदार सुलेमानी की दीर्घ जीवन, खुशहाली तथा वैभव से संबंधित अनुष्ठानों में प्रयोग होता है। लाल सुलेमानी: लाल सुलेमानी शांति वृद्धि के लिए काम में लिया जाता है। इसे धारण से रक्त स्वस्थ होता है। लाल सुलेमानी से कीड़े मकोड़े के दंश से रक्षा होती है।
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