उपरत्न: गुण एवं पहचान गोपाल राजू रत्न न केवल आभूषणों की ही शोभा बढ़ाते हैं बल्कि इनमें दैविक शक्ति भी विद्यमान होती है। रत्नों की संख्या काफी बड़ी है। परंतु 84 रत्नों को ही मान्यता प्राप्त है। 9 मुख्य रत्न क्रमशः, माणिक्य, मोती, मूंगा, पन्ना, पुखराज, हीरा, नीलम, गोमेद और लहसुनिया नवरत्न की श्रेणी में प्रतिष्ठित हैं। इन नवरत्नों के अलावा जो रत्न हैं उन्हें उपरत्न कहा जाता है। कठोरता, टिकाउपन, चमक दमक, पारदर्शिता में ये उपरत्न पीछे नहीं हैं। विभिन्न उपरत्नों की पहचान इस प्रकार है।
1. सुनहला: सुनहरे रंग वाला यह रत्न पारदर्शी होता है।
2. कटैला: यह पारदर्शी और हल्के बैंगनी रंग का होता है।
3. स्फटिक: सफेद बिल्लौर ही स्फटिक कहलाता है।
4. दाना-ए-फिरंग: यह हरे रंग का रत्न है।
5. फिरोजा: यह अपारदर्शी रत्न आसमानी रंग का होता है।
6. जबरजद: आभायुक्त यह रत्न हरे रंग का होता है।
7. तुरमुली: यह विभिन्न रंगों में मिलता है।
8 ओपल: यह प्रायः श्वेत वर्ण का होता है और इसमें रंग -बिरंगे चकत्ते होते हैं।
9. संग सितारा: गेहुएं रंग का यह अपारदर्शी रत्न सुनहरे रंगों से युक्त होता है।
10. जिरकाॅन: यह प्रायः श्वेत वर्ण का होता है। यह अन्य रंगों में भी उपलब्ध होता है।
11. माह -ए-मरियम: यह मटमैले से रंग का होता है। इस पर पीले रंग की आड़ी-तिरछी रेखाओं का जाल सा होता है।
12. गन मेटल: यह काले रंग का चमकदार रत्न है। यह शनि का उपरत्न है।
13. लाजवर्त: यह नील वर्ण का होता है। इसकी सतह पर चांदी और स्वर्ण के रंग के धब्बे स्पष्ट देखे जा सकते हैं। यह शनि का उपरत्न है।
14. तामड़ा: यह गहरे लाल रंग का तथा कालापन लिए होता है। यह माणिक्य का उपरत्न है।
15. चंद्रकांत मणि: गोदंती नाम से प्रचलित यह मणि मोती का उपरत्न है।
16. मकनातीस: यह काले रंग का चमकदार पत्थर है, इसे चुंबक भी कहते हैं। यह शनि का उपरत्न है।
17. काला स्टार: काले रंग के इस पत्थर की सतह पर चमकीला सा तारा स्पष्ट दिखाई देता है। यह शनि का उपरत्न है।
18 टाइगर: इस रत्न की सतह पर शेर की खाल की तरह पीली तथा काली धारियां होती हैं।
19. मरगज: यह हरे तथा नीले रंग का रत्न होता है। इसे बुध तथा शनि का उपरत्न माना जाता है।
20. आॅनेक्स: यह हरे तथा नीले रंग में मिलता है। यह भी शनि तथा बुध का उपरत्न है।
21. अकीक: यह विभिन्न रंगों में मिलता है। रंगानुसार यह विभिन्न राशियों पर उपरत्न के रूप में धारण करवाया जाता है।
22. सुलेमानी: काले रंग के इस उपरत्न पर सफेद रंग की धारियां होती हैं। यह शनि के उपरत्न के रूप में प्रयोग किया जाता है।
23. यमनी: लाल आॅनेक्स को भी यमनी अकीक कहा जाता हैं यह लाल रंग का होता है। मंगल के उपरत्न के रूप में यह धारण करवाया जाता है।
24. बेरूज: यह हल्के रंग का होता है। यह पन्ने का उपरत्न है।
25. धुनैला: यह सुनहरे तथा धुएं के मिश्रित रंग का होता है। यह पुखराज का उपरत्न है।
26. सजरी अथवा शजर : यह भी अकीक की श्रेणी का उपरत्न है तथा विभिन्न रंगों में मिलता है। रंगानुसार राशि द्वारा इसका उपयोग किया जाता है।
27. हालदिली अथवा हालन : यह सफेद तथा हरे रंग के मिश्रित रंगों का उपरत्न है। यह दिल को पुष्ट बनाता है।
28 अलेक्जैंडर: यह जामुनी रंग का उपरत्न है तथा नीलम के उपरत्न के रूप में प्रयोग किया जाता है।
29. लालड़ी: गुलाबी रंग का यह रत्न सूर्य का उपरत्न है।
30. रोमनी: यह लाल तथा कुछ-कुछ कालापन लिए होता है। यह सूर्य तथा मंगल का उपरत्न है।
31. नरम: यह लाल में कुछ-कुछ पीलापन लिए होता है। यह माणिक्य का उपरत्न है।
32. लूधिया अथवा लूधना : यह लाल रंग का उपरत्न है।
33. सिंदूरिया: यह गुलाबी रंग में कुछ-कुछ सफेदी लिए होता है।
34. नीली: नीलम का हम शक्ल यह रत्न नीलम का उपरत्न है।
35. पितौनिया: हरे से रंग के इस पत्थर पर लाल रंग के धब्बे होते हैं।
36. बांसी: हल्के हरे रंग का यह रत्न पन्ने का उपरत्न है।
37. द्रर्वेनक अथवा दूर-ए-नजफः यह कच्चे धान के रंग सा उपरत्न होता है।
38. आलेमानी: यह सुलेमानी अकीक की श्रेणी का उपरत्न है। भूरे रंग पर इसमें काली धारियां होती हैं।
39. जजेमानी: यह भूरे से रंग का रत्न है। इस पर क्रीम रंग की धारियां होती हैं।
40. सीवार: यह हरे रंग का होता है तथा इसमें भूरे रंग की धारियां होती हैं।
41. तुरसावा: यह गुलाबी तथा पीला रंग मिश्रित उपरत्न है।
42. अह्ना: यह गुलाबी से रंग का होता है।
43. आबरी: यह काले रंग का होता है।
44. कुदूरत: यह काले रंग का सफेद और पीले धब्बेदार होता है।
45. कसौटी: यह काले रंग का होता है। इससे असली सोने की परख होती है।
46. कहरुवा अर्थात तृणमणि: यह लाल अथवा पीले रंग का होता है।
47. संगसन: यह सफेद तथा अंगूरी रंग का होता है।
48. लारु: यह मकराने पत्थर की श्रेणी का उपरत्न है।
49. संगमरमर: यह विभिन्न रंगों में मिलता है।
50. दारेचना: कत्थई रंग के इस पत्थर में पीले रंग के धब्बे होते हैं।
51.हकीक-कल -बहार: इसका रंग कुछ पीलापन लिए होता है।
52. हालन: यह गुलाबी से रंग का पत्थर है।
53. चित्ती: काले रंग के इस उपरत्न पर सुनहरी धारियां होती हैं।
54. झरना: यह मटमैले रंग का होता है।
55. संग बसरी: इससे सुरमा भी बनाया जाता है।
56. दांतला: यह सफेद तथा हरे रंग का होता है।
57. मकड़ा: हल्के काले रंग के इस पत्थर पर मकड़ी का जाला सा बना होता है।
58. संगिया: यह सेलखड़ी से मिलते जुलते रंग का होता है।
59. गुदड़ी: यह पीले रंग का होता है।
60. कांसला: यह सफेद तथा हरे रंगा का होता है।
61. सिफरी: यह पत्थर नीले तथा हरे रंग के मिश्रण सा होता है।
62. हरीद: यह काला तथा भूरापन लिए होता है।
63. हवास: यह कुछ कुछ सुनहरे से रंग का होता है।
64. सिंगली: यह लाल तथा कुछ-कुछ कालापन लिए होता है।
65. ढेडी: यह काले से रंग का पत्थर होता है।
66. गौरी: इस पत्ािर में अनेक रंगों की धारियां होती हैं।
67. सीया: यह काले रंग का पत्थर है।
68. सीमाक: यह कुछ पीलापन लिए हुए काले रंग का पत्थर है।
69. मूसा: यह सफेद तथा मटमैले रंग का पत्थर है।
70. पनघन: यह हरापन लिए हुए काले से रंग का पत्थर है।
71. अमलीया: यह हल्का कालापन लिए गुलाबी रंग का पत्थर है।
72. डूर: यह कत्थई रंग का होता है।
73. तिलियर: यह काले रंग का होता है तथा इस पर सफेद रंग के छींटे से होते हैं।
74. खारा: यह हरे से रंग का पत्थर है।
75. पाराजहर अथवा पायेजहर: यह सफेद रंग का पत्थर है।
76. मुबेन जफ: सफेद रंग के इस उपरत्न पर काली सी धारियां होती हैं।
77. सेलखड़ी: यह सफेद से रंग का चिकना पत्थर होता है।
78. जहरमोहरा: यह सफेद-काले से रंग का पत्थर है।
79. रवात: यह लाल रंग का पत्थर है।
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