श्वांस, अस्थमा व कफ विकार रोग को दूर करने हेतु:
- रोज सोने से पहले लौंग को भूनकर खाने से श्वांस, अस्थमा में विशेष लाभ होता है। नजला
-जुकाम में भी लाभ मिलता है।
- लौंग रक्त के श्वेत कणों को बढ़ाता है। श्वेत कण ही विभिन्न रोगों के जीवाणुओं को नष्ट करता है। इसके सेवन से मूत्र संबंधी विकार भी दूर होते हैं।
कालसर्प योग निवारण के उपाय:
- प्रत्येक पुष्य नक्षत्र में शिव जी पर जल तथा दूध चढ़ायें व रुद्र का पाठ तथा अभिषेक करें।
- प्रत्येक सोमवार को दही से महादेव पर ‘‘ऊँ हर हर महादेव’’ कहते हुए अभिषेक करना चाहिए।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप नित्य करें व पंचदशी यंत्र की पूजा-अर्चना नित्य करें व निम्न मंत्र जाप करें: मंत्र- ऊँ नमः शिवाय।
- राहु-केतु की वस्तुओं का दान करें जैसे- सोना, काले तिल, नीला वस्त्र, नारियल। - राहु रत्न गोमेद पहनें।
- कुल देवता की पूजा करें।
- चांदी का नाग बनवाकर अंगुली में धारण करें।
- शिवलिंग पर तांबे का सर्प अनुष्ठान पूर्वक चढ़ायें।
- तांबे के लोटे में नाग के जोड़े बहते पानी में चढ़ायें।
- राहु के मंत्र का जाप करें तथा श्री कालसर्प मंत्र का प्रतिदिन ऊँ क्रौं नमो अस्तु सर्पेभ्यो कालसर्प शांति कुरु कुरु स्वाहा मंत्र का जाप करें।
दुर्घटना के बचाव में उपाय:
- जिस व्यक्ति की जन्मपत्री में सड़क दुर्घटना के योग बनते हैं वह अपने अशुभ समय में नियमित रक्तदान करता रहे।
- ऊँ नमः शिवाय का जाप करके यात्रा आरंभ करें।
- पूजा के बाद कलाई पर बांधी गई मौली को न खोलें।
- लाल कपड़े में आठ छुआरे बांधकर थैली में रखकर सदा गाड़ी में रखें।
शीघ्र विवाह हेतु:
- यदि कन्या के विवाह में विलंब हो रहा हो तो कन्या गुरुवार को पीले वस्त्र तथा शुक्रवार को सफेद वस्त्र पहनें। यह प्रयोग चार सप्ताह तक करें। विवाह के अच्छे प्रस्ताव आने लगेंगे। घर में शिवजी के ‘‘ऊँ शिवाय नमः’’ मंत्र का जाप करें।
- जब कन्या के परिजन वर पक्ष के घर वार्तालाप हेतु जा रहे हांे तब कन्या अपने सिर के बालों को खोले रखें।