व्यापार में निर्यातकों की तरक्की का उपाय - जिन व्यापारियों का निर्यात का काम है उनको चाहिए कि एक चांदी की अंगूठी धारण करें। प्रातः काल सोमवार को अंगूठी को गंगाजल में धोकर इसको गाय के कच्चे दूध में डुबाएं। तुलसी के पत्ते थोड़ी शक्कर व सफेद फूल को डालकर शुद्ध कर लें व धूप देकर अंगूठी को पहन लें।
इसके बाद व्यापार उन्नति के शिखर पर स्वयं आपको चढ़ता हुआ प्रतीत होगा। इसी में जो व्यापारिक स्थल है कच्चा सूत लेकर उसको शुद्ध केसर में रंग लें तथा उसे सुखा कर व्यापार स्थल पर बांध दें तथा यह मंत्र बोलें- मंत्र: ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं नमो भगवती माहेश्वरी अन्नपूर्णा स्वाहा। इसको प्रातः सायं 21-21 बार जाप करते रहें। जितना अधिक जाप करेंगे लाभ भी उतना ही अधिक होता है। शक्ति साधना के बाद लक्ष्मी साधना ही मुख्य है। यह स्पष्ट कह दिया है हे ! दरिद्रते तेरा अभिन्न मित्र अकाल है।
जहां पर तू रहती है वहां तेरा मित्र अकाल स्वयं आ जाता है। अतः लक्ष्मी माता से यह प्रार्थना करनी चाहिए हे! माते इस दरिद्रता को तथा अपने सेवक दरिद्र को सदा मुझ से दूर रखो तभी मैं तथा मेरा परिवार सुखी रह पायेगा। डाभरी मंत्र का चमत्कार उक्त मंत्र को ग्रहण में सवा लाख का जाप कर इसको सिद्ध कर लें फिर ताजे जल में गंगाजल डालकर इसको 31 बार अभिमंत्रित कर लें फिर इसको मकान, दुकान, प्रतिष्ठान व कंपनी आदि में छिड़काव करने से समस्त दोष मिट जाते हैं।
मंत्र: जय भवानी महाकाली, रक्षा करे चारों दुपारी कौड़ी खेल जग नगर मोहो राजा मोहो खरीदार मोहो, आसन बैठा जोगी मोहो। सकल संसार हथेली बसे हनुमन्त भैरव बसे लिलार। मेरी भक्ति गुरु की शक्ति बाबा गोरखनाथ की दुहाई पुरो मंत्र ईश्वरो वाचा। यह बहुत ही उपयोगी मंत्र है इसमें वशीकरण भी है जो सामने बैठने वाले पर हो जाता है।
धन लाभ का एक विशेष लाभकारी उपाय शनिवार को दोनों समय जब मिल रहे हों अर्थात् गोधूलि बेला उड़द के दो बड़े साबुत दाने लेकर उनपर थोड़ी दही, सिंदूर छिड़क कर पीपल के पत्ते पर रख कर पीपल की जड़ में रख दें। यह 21 दिन तक करें। आते समय मुड़ कर नहीं देखना चाहिए।