- कर्मचारी काम छोड़ कर भागे नहीं ः किसी-किसी संस्थान में व्यवसाय तो ठीक चलता रहता है, परंतु कर्मचारी स्थिर नहीं रह पाते और काम छोड़ कर भाग जाते हैं, जिससे व्यवसायी, अथवा उद्योगपति को काफी जटिल परेशानी आ सकती है। इस हेतु अपने व्यवसाय केंद्र या कारखाने में घर से आते हुए रास्ते में कोई कील पड़ी हुई मिल जाए और उस दिन शनिवार हो, तो कील उठा कर अपने साथ ले आएं तथा उस कील को पहले भैंस के मूत्र से धो लें।
जिस कमरे अथवा स्थान पर कर्मचारी काम करते हैं, उस स्थान में कहीं पर भी उस कील को ठोक दें। कील के प्रभाव से कर्मचारी भागने की जगह मन लगा कर काम करने लगेंगे। किसी व्यक्ति विशेष द्वारा परेशानी-नुकसान: यदि कोई महसूस करता हो कि किसी व्यक्ति विशेष के कारण उसको परेशानियां मिल रही हैं, तो शनिवार-मंगलवार के दिन सुबह उठ कर भोज पत्र पर काली स्याही से उसका नाम लिखें तथा श्मशान में स्थित किसी पीपल के पेड़ की जड़ में भोज पत्र को, गहरा गड्ढा खोद कर दबा आएं।
व्यक्ति विशेष कुछ ही दिनों में आपको परेशान करना छोड़ देगा। - विघ्न-बाधा निवारण हेतु: दुर्गा आराधना एवं दुर्गा सप्तशती पाठ से व्यक्ति, सभी विघ्न-बाधाओं से दूर रह कर सुख-समृद्धि प्राप्त करता है। परंतु हर व्यक्ति के लिए दुर्गा पाठ करवाना, कर पाना संभव नहीं है।
अतः ऐसे लोगों को दुर्गा सप्तशती क अंतर्गत विघ्न-बाधा निवारण मंत्र की 1 माला रोज अवश्य जपनी चाहिए। मंत्र इस प्रकार है: सर्वावाधा विनिर्मुक्तो धन-धान्य सुतान्वित। मनुष्योमत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः।। इस मंत्र के जाप से कारोबार में विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं। विशेष फल प्राप्ति हेतु मां दुर्गा के प्रति विश्वास जरूरी है तथा संभव हो सके, तो इसी मंत्र से काले तिल, घृत का हवन करें।
- बच्चों के अक्सर बीमार होते रहने पर: कभी-कभी बीमारी घर से निकलती ही नहीं है। यह स्थिति तब और भी जटिल हो जाती है, जब किसी का बालक बार-बार बीमार होता रहता है तथा अच्छे डाॅक्टरों से दवा-उपचार आदि करवाने पर भी विशेष लाभ नहीं मिल पाता है।
ऐसी स्थिति में मंगलवार के दिन किसी सुनार को अष्ट धातु का कड़ा बालक के नाप के अनुसार बनाने को दें तथा उस कड़े को शनिवार के दिन घर ले कर आएं। कड़े को गंगा जल से धो कर शुद्ध करें तथा उस कड़े में थोड़ा सा सिंदूर लगा दें। कड़े को अपने सामने रख कर यथाशक्ति हनुमान चालीसा, अथवा बजरंग बाण का पाठ करें। इसके बाद उस कड़े को बालक के दाहिने हाथ में पहना दें। हनुमान जी की कृपा से बालक शीघ्र स्वस्थ हो जाएगा।