प्रेत बाधाओं से बचने का उपाय
प्रायः आपने सुना होगा कि अमुक
प्राणी अथवा स्त्री, युवा युवतियों पर
भूत-प्रेत की छाया है। यह सत्य है
आपको विश्वास आये या न आये
परंतु जब आत्माएं किसी को अपने
चंगुल मंे जकड़ लेती हंै तो बड़ी
कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।
यह तो सत्य है कि शरीर का ही
अंत होता है जीवात्मा का नहीं। जो
मकान खंडहर हो जाते हैं, तालाबों के
किनारों पर अथवा जंगल में बरगद
के पेड़ पर इनका डेरा मिलेगा।
भूतप्रेत, जिन्न, चुडै़ल व ब्रह्म राक्षस
आदि विनाशकारी आसुरी शक्तियां हैं
जो प्राणियों के पीछे लग जाती हैं।
बहुत सी आत्माएं तो अपना पुराना
बदला भी लेती हैं। उस घर पर
अचानक आक्रमण करती रहती हैं।
घर वालों को हानि पहुंचाना, बनते
हुए कामों को बिगाड़ना आदि
समस्याएं उत्पन्न करती हैं।
उपाय:
शनिवार के दिन दोपहर
को सवा दो किलो बाजरे का दलिया
तैयार करके उसमें गुड़ मिला दें।
इस दलिया को मिट्टी की एक हाँडी
में डालकर सूर्यास्त के समय उस
हाँडी को रोगग्रस्त पुरूष अथवा स्त्री
पूरे शरीर पर बाएं से दायें सात बार
घुमाकर किसी चैराहे पर रख दें।
आते समय पीछे मुड़कर न देखें।
यदि कोई मिल जाय व पूछना चाहे
तो उससे बात न करें। यह क्रिया
करते समय किसी को सामने नहीं
करके धूप देकर सीधे हाथ में बांध
दें। ऊँ हं हनुमते नमः मंत्र से जाप
करने से ऊपरी बाधा से मुक्ति मिल
जायेगी।
ऊँ नमो भगवते रुद्राय नमः
कोशेश्वरस्य नमो ज्योति पतंगाय
नमो रुद्राय नमः सिद्धि स्वाहा।
उपरोक्त मंत्र का स्नान करके
शु़द्ध कपड़े पहनकर 1 माला का
जाप प्रातः-सायं करने से प्रेतबाधा
से मुक्ति मिल जाती है। हनुमान
चालीसा का पाठ बजरंग बाण सहित
करने से घर से ऐसी आत्माएं चली
जाती हैं। उपरोक्त मंत्र से हनुमान
जी का हवन भी करें। साथ ही
गायत्री मंत्र से भी हवन करें। घर में
सुख शांति हो जायेगी।
धूनिया:
प्रेतात्माओं को घर से
भगाने के लिए घर में प्रतिदिन सुबह
शाम धूनी दें।
गाय के उपलों पर कोपलों की आग
बनाकर उसपर लोहबान, गुग्गल-
लाख दंत सर्प की कंेचुली, पीड़ित
व्यक्ति या महिला के सिर का बाल
लेकर सबको पीसकर तब अग्नि पर
डालकर भुक्त भोगी को सूंघाते रहना
चाहिए।
- अश्विनी नक्षत्र में घोड़े के पैरों के
नाखून को अग्नि में जलाकर धूनी दें
उक्त मंत्र बोलते हुए-
मंत्र - ऊँ नमः श्मशान वासिने
भूतादीनां कुरू कुरू स्वाहा। उक्त
मंत्र को सिद्ध कर लेना चाहिए। शीघ्र
लाभ हो जाएगा।