ससुराल में सुखी रहने के लिये
- यदि कन्या 7 साबुत हल्दी की
गांठें, पीतल का एक टुकड़ा, थोड़ा
सा गुड़ लेकर ससुराल की ओर फेंक
दे तो वह कन्या ससुराल में सुखी
रहती है।
- कन्या का जब विवाह हो चुका हो
और वह विदा हो रही हो तो एक
लोटे में गंगा जल, थोड़ी सी हल्दी,
एक पीला सिक्का डालकर कन्या के
सिर के ऊपर से 7 बार वार कर
उसके आगे फेंक दें। वैवाहिक जीवन
सुखी रहेगा।
- साबुत काले उड़द मंे हरी मंेहदी
मिलाकर जिस दिशा में वर-वधू का
घर हो उस ओर फेंके, परस्पर प्यार
बढ़ेगा।
रोग मुक्ति के लिए
सूर्य जब मेष राशि (13 से 15
अप्रैल मध्य) में प्रवेश करे तो नीम
की कोपलें, गुड़ व मसूर के साथ
पीस कर खाने से वर्ष भर रोग नहीं
होते हैं।
यदि कष्टकारी गुदा रोग हो अथवा
खूनी बवासीर हो तो धतूरे की जड़
को कमर में बांधें अथवा माहेमरीयम
नाम का रत्न धारण करें। यह रोग
दूर हो जायेगा।
यदि पेट में कोई विकार हो तो
सिरहाने तांबे के पात्र में जल भर कर
उसमें पांच मुखी रुद्राक्ष के पांच दाने
डालें। प्रातः उस जल को पी लें। यह
नियम रोज करें। पेट के विकार दूर
हो जायेंगे।
पैतृक संपत्ति पाने के लिये
सोमवार के दिन अच्छे मुहूर्त
में यमघ्ंाटक, राहुकाल छोड़कर
चितकबरी कौड़ी को पीस लें। इस
पिसी हुई कौड़ी को जिससे संपत्ति
लेनी हो उसके घर के मुख्य द्वार पर
छिड़क दें। कम से कम 7 बार करें।
बृहस्पतिवार को पीपल के पांच
पत्ते लेकर पीले चंदन से रंग कर
शुक्ल पक्ष को बहते हुये जल में
प्रवाह कर दें। गुरु पुष्य नक्षत्र हो तो
बहुत अच्छा है और लगातार करने से
पैतृक संपत्ति मिल जायेगी।
यदि पैतृक संपत्ति या भवन सुख
नहीं मिल रहा हो तो अमावस्या को
किसी भूखे को आदरपूर्वक भोजन
करायें। गाय को गुड़ खिलायें। यह
शुक्रवार और रविवार को करना है।
छः मास में परिणाम अच्छा मिलेगा।
गोमती चक्र के सामान्य उपाय
8 गोमती चक्र लेकर बुधवार को
दो-दो गोमती चक्र अपने सिर पर
से घुमाकर चारों दिशाओं में फेंक दें।
इस क्रिया से तांत्रिक प्रभाव समाप्त
होगा।
कोर्ट कचहरी में मुकदमा चल
रहा हो तो कोर्ट जाने से पहले पांच
गोमती चक्र अपनी जेब में रखकर
जायें। जाने से पहले दायां पैर घर
के बाहर रखें, पूरी सफलता मिलेगी।
रोग ठीक न हो रहा हो गोमती
चक्र चांदी की तार में पिरोकर पलंग
के सिरहाने बांध दें। रोग समाप्त
होने लगेगा।
व्यापार में सफलता के लिये
थोड़ा सा कच्चा सूत लें। उसे केसर
से रंग लें। इस रंगे हुये सूत को 11
बार ‘श्री हनुमते नमः’ का पाठ करके
व्यापारिक स्थान पर बांध दें। व्यापार
चलने लगेगा। नौकरी वाला व्यक्ति
इसे अपनी दराज में रख लें, नौकरी
में उन्नति होने लगेगी।
सोमवार को शिव-मंदिर में जाकर
दूध-जल शिवलिंग पर चढ़ायंे तथा
रुद्राक्ष की माला से ‘ऊँ सोमेश्वराय
नमः’ का जाप 108 बार करें (अर्थात
एक माला)। पूर्णमासी को जल में
दूध मिला कर चंद्रमा को अघ्र्य दें
तथा व्यवसाय में उन्नति की प्रार्थना
करें। चमत्कारी लाभ मिलेगा।
बृहस्पतिवार को पीले रंग का
कपड़ा लेकर मंदिर जायें, जहां
तुलसी हो उसके आस-पास की
घास तोड़कर पीले कपड़े में बांधकर
वापिस घर ले आयें और इसे घर
में या व्यापार स्थल पर रखें बरकत
शुरू हो जायेगी।
यदि किसी के साथ बार-बार
दुर्घटना अधिक होती है तो वह
शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को
400 ग्राम दूध से चावल को धोकर
तीव्र प्रवाह के जल में प्रवाह करें।
यह सात मंगलवार करें। दुर्घटना
नहीं होगी।