कुछ उपयोगी टोटके कुछ विशेष मंत्रों के जप तथा कुछ चैपाइयों के पाठ से रोगों, क्लेशों तथा अन्य विघ्न-बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यहां ऐसे ही कुछ मंत्रों और रामायण की कुछ चैपाइयों का विवरण प्रस्तुत है, जिनके नियमित जप तथा पाठ से वांछित फल की प्राप्ति हो सकती है। नजर कामण शांति करण मोर के पंख से 11 बार झाड़ा लगा दें। (ग्रहण के समय निम्नोक्त मंत्र जप कर सिद्ध कर लें।) मंत्र - ¬ नमो सत्नाम आदेश गुरु को ¬ नमो नजर जहां पर पीर न जानी बोले छल सों अमृत बानी कहो नजर कहां ते आई यहां की ढेरि तोहि कौंन बताई। कौन जात तेरी को ढाम, किसी बेटी कहो तेरो नाम। कहां से उड़ी कहां को जादा। अब ही बस करले तेरी माया। मेरी बात सुनो चिŸा लगाय जैसे होय सुनाऊं आय। तेलन तमोलन चुहड़ी चमारी कायथनी खतरानी कुम्हारी महतरानी राजा रानी। जाको दोष ताहि सिर पर पड़े। हनुमंतवीर नजर से रक्षा करे। मेरी भक्ति गुरु की शक्तिफुरो मंत्र ईश्वरो वाचा। विघ्न बाधाओं से मुक्ति हेतु रामायण की कुछ विशेष चैपाइयों का पाठ करना चाहिए, जो इस प्रकार हैं। नजर दोष से मुक्ति के लिए: श्याम गौर सुंदर दोऊ जोरी। निरखहिं छवि वृत तोरी।। भूत भगाने के लिए: प्रनवऊं पवन कुमार खल वन पावक ज्ञान धन जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर। कठिन क्लेश से मुक्ति के लिए: हरन कठिन कलि कलु कलेसू। महा मोह निसि दलन दिनेसू।। दरिद्रता दूर करने के लिए: अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के। कामद धन दारिद दवारिके ।। शीघ्र विवाह के लिए: तब जनक परइ वशिष्ठ आयुस ब्याह साज संवारि के। मांडवी श्रुत कीरत उरमिला कुंअरि लई हंकारिके।। साधना में रक्षा मंत्र चारों ओर खींचना जिसे लक्ष्मण रेखा कहा जाता है। ‘‘माममिरक्षय रघुकुल नायक। घृत वर चाप रुचिर कर सायक।। मानसिक पीड़ा दूर करने करे लिए ः हनुमान अंगद रन गाजे। हांक सुनत रजनीचर भागे।। अकाल मृत्यु बचाव के लिए: नाम पहारु दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट। लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहिं वाट।। कन्या के विवाह हेतु: जै जै जै गिरिराज किशोरी जय महेश मुख चंद्र चकोरी। विचार शुद्धि के लिए: ताके जुग पद कमल मनावऊं। जासु कृपा निरमल मति पावऊं।। विविध रोगों से रक्षा के लिए: दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज्य नहिं काहहिं ब्यापा।।