अगर आपके कार्य बहुत समय से असफल हो रहे हैं तो ये टोटके करें- लाभ होगा।
रविवार के दिन सुबह 11 बजे से पहले सूर्य देव को नमस्कार करें और कच्चे धागे में ‘ऊँ गं गणपतये नमः’ पढ़ते हुए दूर-दूर पर सात गांठ लगाएं, फिर धागे को तांबे या चांदी के ताबीज में भरकर अपनी कमीज की सामने वाली जेब में रख लें, फिर आपके कार्य अधिकतम सफल होंगे,विघ्न-बाधाआंे से मुक्ति मिलेगी।
बेरोजगारी दूर करने का टोटका: सोमवार के दिन रात 12 बजे से पहले एक दाग रहित बड़ा नीबू लें और अपने सिर से सात बार वारकर उसके चार टुकड़े कर चैराहे पर चारों रास्तों पर जोर से दूर-दूर फेंक दें। बेरोजगारी की समस्या, काम न मिलने की समस्या समाप्त होगी।
बीमारी से मुक्ति नहीं मिल रही हो या दवा असर नहीं कर रही हो: पुष्य नक्षत्र में सहदेवी की जड़ लाकर अपने पास रखें। बीमारी से मुक्ति मिलेगी।
बच्चे की स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए: शनिवार को रात बारह बजे बच्चे की शिखा के स्थान पर से चार बाल काटकर एक पुड़िया में रख लें, ऐसे शनिवार से अगले शनिवार तक करें, फिर रविवार के दिन इन सभी बालों को इकट्ठा कर चैखट पर रखकर जला दें और पैर की एड़ी से रगड़ दें। ये क्रिया बच्चे की मां करे तो ज्यादा अच्छा, इससे बच्चे की स्मरण शक्ति कुशाग्र हो जाएगी। साथ ही बच्चे से इस मंत्र का जप भी 21 बार नित्य करवाते रहें।
ऊँ ह्रीं ऐं सरस्वत्यै नमः।
ऊपरी बाधा से मुक्ति: किसी चैराहे पर अभिचार कर्म की सामग्री लांघने पर किसी प्रकार की शैतानी बाधा का शिकार हो जाएं तो ये उपाय करें-
शुक्रवार के दिन गाय के गोबर का उपला लेकर उसको जलाकर उसकी राख में पानी मिलाकर लड्डू बनाएं, उसमें एक रुपये का सिक्का तथा लोहे की एक छोटी कील घुसाकर रोली से उस पर सात बिंदी लगा दें। अब इस गोले को बीमार व्यक्ति के ऊपर से सात बार घुमाकर रात बारह बजे से पहले किसी चैराहे पर रख आएं। आते-जाते समय किसी से बात न करें, न पीछे, मुड़कर देखें। इस क्रिया से बीमार व्यक्ति स्वस्थ हो जाएगा।
प्रेत बाधा दूर करने का टोटका: होली, दिवाली या ग्रहण की रात्रि में इस मंत्र की 11 माला जप कर मंत्र सिद्ध कर लें फिर इसे उपयोग में लाएं।
‘ऊँ नमः श्मशानवासिने भूतादीनां पलायनं कुरु कुरु स्वाहा।’
इस मंत्र से 108 बार लहसुन और हींग को पीसकर अभिमंत्रित करके रोगी को सुंघाने मात्र से या आंख में अंजन करने से प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है।