वैजयंती माला: यह माला वैजयंती के बीजों से निर्मित की जाती है। इस माला का प्राचीनकाल से विशेष महत्व रहा है, स्वयं भगवान विष्णु भी इस माला को धारण करते हैं। इसको धारण करने से नई शक्ति तथा आत्म-विश्वास में वृद्धि होती है। मानसिक शांति प्राप्त होती है जिससे व्यक्ति अपने कार्य क्षेत्र में मन लगाकर कार्य करता है। इस माला को किसी भी सोमवार अथवा शुक्रवार को गंगाजल से या शुद्ध ताजे जल से धोकर धारण करना चाहिए।
स्पेशल रुद्राक्षमाला: यह स्पेशल रुद्राक्ष माला विशेष उच्च क्वालिटी के छोटे दानों के रुद्राक्ष से निर्मित की जाती है। शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष के छोटे दाने अधिक शुभकारक तथा प्रभावशाली होते हैं। इसी कारण रुद्राक्ष के बड़े दानों की अपेक्षा इनका अधिक महत्व है। इस माला को धारण करने से मानसिक रोग, हृदय संबंधी रोगों से रक्षा होती है। इस माला को सोमवार के दिन गंगा जल या कच्चे दूध से शुद्ध करके 11 बार ऊँ नमः शिवाय मंत्र बोलकर धारण करें।
सफेद चंदन माला: चंदन लाल एवं सफेद दोनों रंगों में पाया जाता है। सफेद चंदन लाल चंदन की अपेक्षा अधिक शुभ माना जाता है। इस माला पर गायत्री मंत्र को जप करने से शीघ्र फल प्राप्त होता हैं। इसको गले में धारण करने से विद्या तथा लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। किसी भी बृहस्पतिवार को इस माला को गंगाजल से शुद्ध करके धारण करना चाहिए।
हरिद्रा गणपति: हरिद्रा गणपति हरिद्रा की गाठं (जड)़ स े निर्मित किये जाते हैं। हरिद्रा विशेष शुभता की प्रतीक हैं। गणेशजी स्वयं ऋद्धि-सिद्धि दाता तथा समस्त मंगलों के प्रतीक हैं जिसके फलस्वरूप हरिद्रा गणपति की पूजा से विशेष शुभ फल की प्राप्ति होती है इनकी घर में पूजा करने से सुख, शांति बनी रहती है। इस मूर्ति को बृहस्पतिवार के दिन जल में हल्दी मिलाकर स्नान कराकर धूप, दीप से पूजन करके घर में स्थापित करें।
हकीक माला: हकीक की माला को धारण करने से मान-सम्मान में वृद्धि होती है, आकर्षण में वृद्धि होती है। हकीक अलग-अलग रंगों में पाया जाता है। इसकी माला को रंगों के आधार पर ग्रहों की शांति के लिए भी धारण किया जाता है। इस माला को सोमवार या शुक्रवार के दिन धारण करना चाहिए।
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