दक्षिणी भागों के ऊॅंचे व समरूप होने का महत्व
दक्षिणी भागों के ऊॅंचे व समरूप होने का महत्व

दक्षिणी भागों के ऊॅंचे व समरूप होने का महत्व  

गोपाल शर्मा
व्यूस : 2459 | नवेम्बर 2014

अभी अगस्त 2014 में पंडित जी अमेरिका के विभिन्न शहरों में वास्तु परीक्षण के लिये गये थे। उनमें से सैन रैमोन कैलीफोर्निया म े ं रहन े वाल े एक व्यवसायी फिलिप के घर के वर्तमान तथा संशोधित नक्शे फ्यूचर समाचार के प्रबुद्ध पाठकों के लाभार्थ यहां दिये जा रहे हैं। वास्तु परीक्षण के उपरान्त पाये गये दोष/प्रभाव: - म ेहमाना े ं का कमरा/स्टडी रुम दक्षिण प ूर्व /दक्षिण म े ं बढ़ा हुआ था।

यह दोष घर में अनावश्यक खर्चे भागदौड़ व चिंताओं का कारण बनता है। आग लगने व एक्सीडेन्ट होने की संभावना बनी रहती है। इस दोष के कारण परिवार में अस्वस्थता व धन हानि होती रहती है। घर में लड़के का रहना कम होता है। किसी न किसी कारणवश लड़का घर से बाहर ही रहता ह ै। ग ृहस्वामी का े मानसिक असंतोष बना रहता है।

- इस हिस्से में पहुंचने के लिये सीढि ़या े ं द्वारा नीच े उतरकर पहुंचा जा सकता था अर्थात् यह दक्षिण/दक्षिण-पूर्वी भाग अपेक्षाकृत काफी नीचा भी हो गया था।

- इसी तरह गैराज भी अपेक्षाकृत नीचा बना ह ुआ था इस कारण दक्षिण-पश्चिमी भाग ें नीचापन व बढ़ोत्तरी होने का दोष भी हो गया था। यह गंभीर दोष भारी धन हानि, कर्ज व मुकदमेबाजी का सामना करवा देता है। डर, भय, दिमागी उलझनों का जीवन में प्रवेश होकर खुशी गायब सी हो जाती है।

- उत्तर-पूर्व में मुख्य शयनकक्ष में शौचालय था जो कि भारी खर्च व मानसिक अशांति के अतिरिक्त आपसी मेलजोल की कमी इंगित करता है। - उत्तर-पश्चिम कोण कटा था जिससे शत्रुता, शुभकार्यों में विलम्ब व परिवार की लड़की के जीवन में प्रसन्नता का अभाव बना रहता है।

- लड़का काॅलेज में पढ़ रहा था तथा लड़की कार्य कर रही थी। लड़के को उत्तर-पश्चिमी कमरा तथा लड़की को दक्षिणी हिस्से वाला मेहमानों का कमरा दिया हुआ था। इसी कारण लड़की के विवाह में विलम्ब हो रहा था तथा लड़का घर के नजदीक ही दूसरे घर में किराये पर रह रहा था सिर्फ सप्ताहांत ही मिलने आता था।

इस मैक्सीकन अमेरिकन दंपत्ति को नक्शे के अनुसार निम्नलिखित सुझाव दिये गये:

- वायव्य में मेटल का परगोला बनवाना, दक्षिणी हिस्से को भरकर समान तल पर लाना, गैराज को घर से अलग करना व मेहमानों के कमरे का लिंक घर से अलग करना।

- लड़की को वायव्य का कमरा देना।

- लड़के को दक्षिणी हिस्सा देना।

- उत्तर-पूर्वी स्थान (ईशान) जो पूजा का स्थान माना जाता है क्योंकि समस्त अच्छी ऊर्जायें वहीं से प्रवेश करती हैं, वहां से शौचालय उत्तरी दिशा में बदलना।

अपने कई दशकों के अनुभव व गहन अध्ययन, मनन व ज्ञान के आधार पर पंडित जी ने उन्हें विश्वास दिलाया कि उपरोक्त सुझावों को अविलम्ब कार्यान्वित करने से यह प्राचीन भारतीय ऋषि मुनियों (वैज्ञानिकों) का ज्ञान समस्त परिवार के जीवन में आशानुसार सुधार, स्वास्थ्य, धन व खुशी लबालब भरने में अत्यंत प्रभावी सिद्ध होगा।

प्रश्न: पंडित जी हमने नये घर के ईशान में मुख्य द्वार तथा उसी के समीप मन्दिर बनवाया है, काफी बड़ी-बड़ी संगमरमर की मूर्तियां रखी हैं परन्तु कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। आपसे प्रार्थना है मेरे घर का नक्शा देखकर परामर्श दें कि मेरी आर्थिक स्थिति एवं पारिवारिक समस्याओं का कारण कोई अन्य वास्तु दोष तो नहीं रह गया है।

अगर है तो उचित मार्गदर्शन करने की कृपा करें। सुनील प्रकाश, दिल्ली उत्तर: आपक े घर में उत्तर-पूर्व की सीढि ़या े ं का होना भयंकर वास्तु दोष है। अतः उत्तर प ूर्व की सीढि ़या े ं क ा े त ु ड ़ व ाक र पश्चिम की तरफ स्थानांतरण करना श्रेष्ठ रहेगा।

मंदिर से बड़ी मूर्तियों को हटा दें क्योंकि यह स्थान हल्का होना चाहिए आ ैर यदि मंदिर वहीं चाहते हैं तो बाथरुम का प्रयोग न करें एवं केवल छोटी मूर्तियां या तस्वीरें लगायें अन्य था मन्दिर किसी और जगह पर स्थाना ंतरित कर द े ं। उत्तर पश्चिम की बालकनी में दरवाजे एवं खिडकियां खोल कर रखें जिससे घर में रोशनी एवं हवा का आवागमन हो सके।

जीवन में जरूरत है ज्योतिषीय मार्गदर्शन की? अभी बात करें फ्यूचर पॉइंट ज्योतिषियों से!



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.