गणेश के पुत्र - गणेश के पुत्रों के नाम हैं- ‘क्षेम’ एवं ‘लाभ’। इसका रहस्य यह है कि साधना-क्षेत्रों में सनातन क्षेम एवं सनातन लाभ प्राप्त करने के लिए गणेश अर्थात् शिव पुत्र (शिवत्व-प्राप्त) बनना ही पड़ेगा; अन्यथा ‘क्षेम’ एवं ‘लाभ’ की प्राप्ति संभव नहीं है। गणेश की पराजय - शिव-गणेश संग्राम में गणेश जी की पराजय का रहस्यार्थ यह है कि अकेली ‘शक्ति’ या उसका एक-एक तेजोंश शिव से पृथक् रहकर पूर्ण विजय नहीं हो सकता है। शक्ति शिव से रहित होने पर निराधार हो जाती है। शिव पुत्र की मृत्यु एवं शिव पश्चाताप यह द्योतित करता है कि शिव भी शक्ति से रहित होकर जो कार्य करंेगे, वह अपूर्ण एवं अनर्थकारी होगा। (अर्थात् शक्ति से रहित शिव भी पूर्ण है।) मत्स्येंद्रनाथ ने ठीक ही कहा है-