ग्रहों की गोचर स्थिति सूर्य 17 सितंबर को 6 बजकर 11 मिनट पर सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश करेगा। मंगल 5 सितंबर को 2 बजकर 33 मिनट पर तुला राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। बुध 21 सितंबर को 2 बजकर 13 मिनट पर कन्या राशि से तुला राशि में प्रवेश करेगा। गुरु मासभर कर्क राशि में गोचर करेगा। शुक्र 1 सितंबर को 3 बजकर 14 मिनट पर कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करेगा। 25 सितंबर को शुक्र 8 बजकर 2 मिनट पर सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश करेगा। शनि मासभर तुला राशि में गोचर करेगा। राहु मासभर कन्या व केतु मासभर मीन राशि में गोचर करेंगे।
1 सितंबर से 5 सितंबर तक 1 सितंबर को बाजार की स्थिति कुछ ठीक रहेगी। 2 सितंबर से 5 सितंबर तक बाजार में हल्के उतार-चढ़ाव के साथ स्थिति अच्छी बनी रह सकती है। इस सप्ताह बैंकिंग, चीनी, मनोरंजन, वाहन तकनीकी जमीन जायदाद, इस्पात क्षेत्रों में तेजी रहेगी। ऊर्जा, सरकारी, सीमेंट, फार्मास्यूटिकल, निवेश, दूरसंचार, रसायन क्षेत्रों में मिलाजुला झुकाव रहेगा। 8 सितंबर से 12 सितंबर तक 8 सितंबर को बाजार की स्थिति अच्छी बनेगी। 9 सितंबर को बाजार समान्तर रूप से व्यापार करेगा।
10 सितंबर को बाजार में मंदी के संकेत मिलते हैं। 11 व 12 सितंबर को भी बाजार में मंदी ही रहेगी। इस सप्ताह बैंकिंग, निवेश, ऊर्जा, सरकारी, सीमेंट, फार्मास्यूटिकल, तकनीकी, जमीन जायदाद, इस्पात सेवा क्षेत्र व रसायन क्षेत्रों में मंदी रहेगी। दूर संचार, चीनी, मनोरंजन, वाहन क्षेत्रों की स्थिति कुछ अच्छी रहेगी। 15 सितंबर से 19 सितंबर तक 15 सितंबर को बाजार पर विदेशी प्रभाव ज्यादा देखने को मिलेगा व इसी वजह से बाजार में अस्थिरता का रूख बनेगा और इस सप्ताह बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी।
इस सप्ताह बैंकिंग, सीमेंट, फार्मास्यूटिकल, ऊर्जा, सरकारी, तकनीकी, जमीन जायदाद, इस्पात,दूरसंचार, सेवा क्षेत्रों पर दबाव बनेगा। चीनी, मनोरंजन, वाहन क्षेत्रों की स्थिति कुछ अच्छी बनेगी। 22 सितंबर से 26 सितंबर तक 22 सितंबर को बाजार में मंदी के संकेत मिलते हैं।
23 सितंबर को भी बाजार में मंदी रहेगी। 24 सितंबर से 26 सितंबर तक बाजार में उतार-चढ़ाव के साथ मंदी बनी रहेगी। इस सप्ताह बाजार में मंदी का दबाव ज्यादा होने की वजह से लगभग सभी क्षेत्रों में मंदी का रूख ही रहेगा।
29 सितंबर से 30 सितंबर तक 29 सितंबर को बाजार में पिछले सप्ताह जो मंदी का रूख बना है वह मास के अंत तक बना रहेगा और सभी क्षेत्रों पर दबाव ही रहेगा।