शनिवार व्रत विधि
शनिवार व्रत विधि

शनिवार व्रत विधि  

जे.के. शर्मा
व्यूस : 15641 | नवेम्बर 2014

- शनि व्रत शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार से किया जा सकता है।

- सूर्याेदय से पहले या अधिकतम प्रातः 9 बजे तक तांबे के कलश में जल में थोड़ी सी शक्कर और दूध मिला कर पश्चिम दिशा में मुंह कर के पीपल के पेड़ को अघ्र्य देना चाहिए।

- इस दिन नीले, बैंगनी तथा काले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए।

- भोजन सूर्यास्त से 2 घंटे बाद करना चाहिए।

- व्रतों की संख्या 7, 19, 25, 33, 51 होनी चाहिए।

- खाने में नमक वर्जित रखें तथा मौन व्रत रखें तो श्रेष्ठ रहेगा।

- मछलियों को इस दिन दाना देना अति श्रेष्ठ है।

- लोहे की नाल (काले घोड़े) की अंगूठी पहनना भी शुभ होता है।

- कम से कम एक ऐसा पौधा व्रत के दिन अपने हाथ से लगाएं जिसपर काले, नीले या बैंगनी पुष्प आते हों।

- शनि व्रत से कुछ सीमा तक राहु दोष भी दूर होता है।

- आकाश मंडल का अवलोकन शनि ग्रह को संतुलित करने में मदद करता है।

- ऋणग्रस्त व्यक्ति के लिए इस दिन काली गाय जिसके सींग न हों तथा जो बिनब्याई हो, को घास खिलाना अति शुभ माना गया है।

- श्रेष्ठ रत्न विशेषज्ञ की राय से शनि रत्न नीलम, मध्यमा उंगली या लाॅकेट में बनवा कर, गले में धारण करना चाहिए।

- इस दिन बजरंगबली की आराधना तथा उनके सामने सरसों या तिल के तेल का दीपक पश्चिम दिशा में लौ कर के जलाना शुभ माना गया है। दीपक मिट्टी या फिर पीतल का श्रेष्ठ है।

- अंतिम व्रत के दिन उद्यापन में संक्षिप्त हवन करना श्रेष्ठ है। हवन में शमी वृक्ष की लकड़ी प्रयुक्त की जानी चाहिए।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.