संपूर्ण बाधा मुक्ति यंत्र पं. रमेश शास्त्री अनेक देवी-देवताओं के चिह्न, वृत्त, परिधि, भूपुर एवं उसकी दिशाएं; इस यंत्र के सामथ्र्य एवं शक्ति को प्रमाणित करते हैं कि जातक सात्विक, राजसिक, अथवा तामसिक हो, यह यंत्र उसकी इच्छा पूर्ति एवं विघ्न-बाधाओं को नष्ट करने के लिए निश्चय ही, अलग-अलग समयों में, भिन्न-भिन्न शक्तियों की उपासना का लाभ प्रदान करता है। इस यंत्र के सम्मुख किसी भी देवी, देवता, गुरु, ग्रह आदि की प्रसन्नता हेतु उपासना का प्रावधान प्रमाणित है। इस यंत्र की समस्त दिशाओं एवं विदिशाओं में भिन्न-भिन्न यंत्रों को स्थान दिया गया है, जिसके फलस्वरूप यंत्र की गुणवत्ता में वृद्धि हो जाती है। इसे सामान्य एवं असामान्य दोनों ही कार्यों एवं कामना सिद्धि के लिए उपयोग किया जा सकता है। इस यंत्र में दुर्लभ शक्ति पायी जाती है, जो अपना प्रभाव शीघ्र ही प्रदर्शित करती है। पूजन एवं स्थापना विधि: यंत्र को प्राप्त करने के पश्चात,् श्राद्ध पक्ष को छोड़ कर, किसी भी माह के शुक्ल पक्ष में सोम, गुरु, शुक्रवार में से किसी भी वार को, स्नानादि कर के, पंचामृत एवं गंगा जल से यंत्र को धो कर, यथाशक्ति गायत्री मंत्र का जप करते हुए, धूप, दीप आदि से सामान्य पूजन कर के, घर, व्यावसायिक स्थल, कार्यालय आदि के उत्तरी क्षेत्र में स्थापित करना चाहिए। यदि स्वतः ऐसा न कर सकें, तो यह काम किसी कर्मकांडी से भी कराया जा सकता है। एक बार विधिपूर्वक स्थापना करने के पश्चात् इसके सम्मुख प्रति दिन दीपक जलाना, पूजन, अथवा पं. रमेश शास्त्री पाठ-जप करना शुभ फल में हजारों गुना की वृद्धि करते हंै। पाठ-पूजा न करने पर भी यह यंत्र लाभ प्रदान करता है। इस यंत्र में सर्वथा यह विशेषता पायी जाती है कि यह प्रत्येक को लाभ प्रदान करता है तथा हानि की संभावना नहीं होती। यंत्र के सम्मुख, पुष्य नक्षत्र में, श्वेत पुष्पों की माला अर्पित कर के, इत्र एवं कपूर अर्पण करने से समाज से होने वाली बाधाओं पर विजय मिलती है। यंत्र के सम्मुख गुरुवार को गुरु पूजन करने से सम्मान-प्रतिष्ठा में होने वाली बाधा नष्ट होती है। ऊपरी बाधा, नजर, टोना, टोटका, भूत-प्रेत आदि की शांति एवं इनसे होने वाले कष्टों की सुरक्षा के लिए लोबान, गंधक, राई एवं काली मिर्च को, यंत्र के ऊपर से 7 बार फेर कर, घर के प्राणियों के पास रखने से ऊपरी बाधाएं नष्ट होती हैं। यंत्र के सम्मुख गजेंद्र मोक्ष का पाठ करने से जीवन की सभी बाधाओं पर विजय प्राप्त होती है। कोर्ट-कचहरी एवं कानूनी समस्याओं से बचने एवं सुरक्षित रहने तथा शत्रुओं पर विजय पाने के लिए यंत्र के सम्मुख हनुमान चालीसा, अथवा बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। पुत्र प्राप्ति, अथवा पुत्र का सुख पाने के लिए यंत्र के सम्मुख सूर्य के मंत्रों का जप करने से पुत्र बाधा नष्ट होती है। शत्रु से रक्षा एवं शत्रु को पराजित करने के लिए यंत्र के सम्मुख तेल का दीपक जला कर, उसमें राई डाल कर शत्रु संहार का स्मरण करना चाहिए। यदि किसी को अनिष्ट भय, चोर भय, दुर्घटना आदि का भय बार-बार सताये, तो इसके लिए इस यंत्र के सम्मुख नीबू में काजल के द्वारा त्रिभुज बना कर, नीबू के 4 टुकड़े कर के, किसी चैराहे पर डालने से अनिष्ट भय से बचा जा सकता है। यंत्र के सम्मुख सिद्ध कंुजिका मंत्र का जप करने से संपूर्ण बाधाएं नष्ट होती हंै। पितृ दोष की अशुभता को कम करने तथा इससे उत्पन्न सभी बाधाओं को नष्ट करने के लिए नव नाग स्तुति करनी चाहिए। अपने धर्म पालन एवं रक्षण में आने वाली बाधा के लिए जातक को यंत्र के सम्मुख तुलसी कवच का पाठ करना चाहिए। ज्ञान एवं अंतज्र्ञान वृद्धि संबंधी बाधाओं को नष्ट करने के लिए गोपाल हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। किसी विशेष मंत्र की सिद्धि में होने वाली बाधा से मुक्ति एवं सफलता के लिए यंत्र के सम्मुख दक्षिणामूर्ति स्तोत्र का पाठ करना लाभकारी है। यंत्र उपलब्धि: फ्यूचर पाॅइंट संस्था में यह यंत्र 2 आकारों में उपलब्ध है। ये स्वर्ण पाॅलिशयुक्त शुद्ध एवं प्रतिष्ठित रूप में उपलब्ध कराये जाते हंै, जो निश्चय ही जातक को लाभ प्रदान करते हंै। इसकी कीमत जानने के लिए पत्रिका के विज्ञापन पृष्ठों को देखें। संपूर्ण बाधा मुक्ति यंत्र संबंधी सावधानियां: यंत्र की पूजा-उपासना निरंतर न होने की स्थिति में मात्र बिल्व पत्र एवं पंचामृत अर्पण करने से यंत्र के देवता की तुष्टि होती है। यदि यंत्र अशुद्ध हो जाए, टूट जाए, अथवा चोरी हो जाए, तो शांति पाठ करने तथा केसर मिश्रित दूध से स्वच्छ कर के पुनः पूजन आदि करने से लाभ होता है। दीपावली के दिन मुख्य देवता के साथ यंत्र की पूजा भी करनी चाहिए।