संपूर्ण व्यापार वृद्धि रुद्राक्ष कवच: यह संपूर्ण व्यापार वृद्धि कवच एकमुखी रुद्राक्ष, चैदहमुखी रुद्राक्ष एवं गणेश रुद्राक्ष के संयुक्त मेल से बनाया गया है। इस कवच को श्रद्धा विश्वास पूर्वक धारण करने से व्यापार में वृद्धि होती है।
धारण विधि: बृहस्पतिवार को कवच का पंचामृत, धूप, दीप आदि से पूजन करके गले में धारण करें तथा निम्न मंत्र का एक माला जप नित्य करें।
मंत्र: ¬ श्रीं ह्रीं श्रीं ऐश्वर्च लक्ष्म्यै नमः।
बाधा मुक्ति रुद्राक्ष कवच: यह कवच तेरहमुखी, पांचमुखी और गणेश रुद्राक्ष के संयुक्त मेल से विकसित किया गया है। इसके श्रद्धा भाव पूर्वक धारण से जीवन में आने वाली सभी विघ्न बाधाएं दूर होती हैं जिससे जीवन में उन्नति होती है।
धारण विधि: मंगलवार को गंगाजल से अभिषिक्त करके गले में धारण करें एवं निम्न मंत्र का नित्य एक माला जप करें।
मंत्र: ¬ ह्रीं नमः शिवाय
शनि दोष निवारण रुद्राक्ष कवच: यह कवच सातमुखी व नौमुखी रुद्राक्षों के संयुक्त मेल से निर्मित किया गया है। विशेषकर जिन व्यक्तियों की शनि की महादशा, साढ़ेसाती या ढैया चल रही हो वे इस कवच को धारण कर सकते हैं। इसे धारण करने से शनि दोष का शमन होता है।
धारण विधि: शनिवार को कवच का शुद्धीकरण करके गले में धारण करें तथा निम्न मंत्र का 108 बार नित्य जप करें।
मंत्र: ¬ नमः शिवाय
विद्या प्रदायक रुद्राक्ष कवच: यह विद्या प्रदायक कवच चारमुखी, छहमुखी एवं दसमुखी रुद्राक्षेंा के संयुक्त मेल से विकसित किया गया है। इस कवच को धारण करने से व्यक्ति विद्या के क्षेत्र में विशेष उन्नति करता है।
धारण विधि: इस कवच को बृहस्पतिवार को गंगा जल अथवा पंचामृत से शुद्ध करके गले में धारण करें तथा निम्न मंत्र का नित्य एक माला जप करें।
मंत्र: ¬ ऐं नमः शिवाय
पारिवारिक सुख रुद्राक्ष कवच: यह पारिवारिक सुख रुद्राक्ष कवच गौरी शंकर रुद्राक्ष, दोमुखी रुद्राक्ष एवं ग्यारह मुखी रुद्राक्ष के संयुक्त मेल से बनाया गया है। इसे धारण करने से जीवन में सदा सुख शांति बनी रहती है।
धारण विधि: इस कवच को शुक्रवार अथवा बृहस्पतिवार को पंचामृत से अभिषिक्त करके धारण करें एवं निम्न मंत्र का नित्य 108 बार जप करें।
मंत्र: ¬ शिव शक्तिभ्यां नमः
स्वास्थ्यवर्धक रुद्राक्ष कवच: यह स्वास्थ्यवर्धक कवच एकमुखी,दोमुखी एवं आठमुखी रुद्राक्षों के संयुक्त मेल से बनाया गया है। इस कवच को धारण करने से शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।
धारण विधि: इस कवच को गंगाजल से शुद्ध करके श्रद्धा भाव से गले में धारण करें तथा निम्न मंत्र का नित्य 108 बार जप करें।
मंत्र: ¬ हौं जूं सः माम पालय पालय सः जूं हौं ¬¬
कालसर्प दोष शांति रुद्राक्ष कवच: यह काल सर्प, शांति कवच आठ मुखी, एकमुखी व पांचमुखी रुद्राक्षों के संयुक्त मेल बनाया गया है। विशेष रूप से जिन व्यक्तियों की कुंडली में कालसर्प योग बन रहा हो वे इस कवच को धारण कर सकते हैं। इसे धारण करने से कालसर्प योग के अशुभ प्रभाव से रक्षा होती है।
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