कुछ उपयोगी टोटके छोटे-छोटे उपाय हर घर में लोग जानते हैं, पर उनकी विधिवत् जानकारी के अभाव में वे उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं। इस लोकप्रिय स्तंभ में कुछ अनुभूत सच्चाईयों और उपयोगी टोटकों की विधिवत् जानकारी दी जा रही है। कटु सत्य सच्ची बात अच्छी नहीं लगती और अच्छी लगने वाली बात कभी सच्ची नहीं होती है। अच्छाई कभी झगड़ा नहीं कराती है और झगड़ा कभी अच्छा नहीं होता है। बुद्धिमान कभी ज्यादा बकवास नहीं करते और ज्यादा बकवास करने वाले कभी बुद्धिमान नहीं होते। आलस्य अभावों और कष्टों का पिता है आलस्य में जीवन बिताना आत्म हत्या के समान है। गरीब की सबसे बड़ी पूंजी उसका आत्म विश्वास है। अभिमान करना तो अज्ञानी का लक्षण है। शर्म की अमीरी से तो इज्जत की गरीबी अच्छी। जब अपने आप में ही विश्वास न हो तो अपनी हार निश्चित है। स्वच्छता और श्रम मनुष्य के सर्वोŸाम वैद्य हैं। हे मनुष्य, तेरा स्वर्ग तेरी मां के चरणों में है। जो एक बार विश्वास खो दे, फिर कभी उसका विश्वास न करो। जो खुशी तुम्हें कल दुःखी करने वाली है, उसे आज ही त्याग दो। जीने के लिए खाना अच्छा है, परंतु खाने के लिए जीना महापाप है। श्री दुर्गासप्तशती के कुछ सिद्ध सम्पुट मंत्र विपŸिा नाश हेतु शरणागत् दीनार्तपरित्राणा परायण’े सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते। विपŸिा नाश व शुभ प्राप्ति हेतु करोतु सा नः शुभ हेतुरीश्वरी शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापदंः भयनाशनार्थ सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते। भयेम्यस्त्राहि नो देवि, दुर्गे नमोऽस्तु ते।। एतŸो वदनं सौम्पं नोचलनत्रपभूषितम्। पातुः नः सर्वभीतिम्यः कात्यायनि नमोऽस्तुते।। ज्वालाकरालमृत्युग्रम् महिसासुर सूदनम्। त्रिशूलेपातु नो दे भतेर्मद्रकालि नमोऽस्तुते।। पाप नाशनार्थ हिनस्ति दैत्ंयतेजांसि स्वनेनापूरिता जगत। सा घंटा पातु नो देवि पापेम्योऽनः शतानिव।। रोगनाशनार्थ रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा। तु कामान् सकलानभीष्टान् त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रितां ह्याश्रयतां प्रपान्ति। महामारी नाशनार्थ ऊँ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गाक्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।। आरोग्य व सौभाग्य प्रदाता देहिसौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।