राजनैतिक उथल-पुथल वाला वर्ष 2011
राजनैतिक उथल-पुथल वाला वर्ष 2011

राजनैतिक उथल-पुथल वाला वर्ष 2011  

अजय भाम्बी
व्यूस : 4646 | फ़रवरी 2011

राजनैतिक उथल-पुथल वाला वर्ष-2011 अजय भाम्बी स्वतंत्र भारत की कुंडली में इस समय सूर्य की महादशा चल रही है। राहु की अंतर्दशा 28 सितंबर 2011 तक चलेगी उसके बाद 16 जुलाई 2012 तक गुरु का अंतर चलेगा। फलस्वरूप आम आदमी में आक्रोश और विद्रोह देखने को मिलेगा और देश में एक ऐसा वातावरण व्याप्त हो जाएगा जो इससे पहले कभी नहीं था। यहीं से बदलाव का विगुल बजेगा। वर्ष 2010 में विश्व तो आर्थिक मंदी से जूझता रहा लेकिन भारत का आर्थिक सूचकांक लगभग 9 प्रतिशत के आसपास हो गया। 2010 का वर्ष राष्ट्रीय आर्थिक अवनति का भी प्रतीक रहा कॉमन वेल्थ गेम्स में जो भ्रष्टाचार हुए, वे अपने आप में एक मिसाल हैं।

प्रश्न यह है कि भारत की कुंडली देश की जनता को कहां ले जाना चाह रही हैं और क्या इनके मंसूबे हैं और सरकार का गुप्त एजेन्डा क्या है? यह देश की कुंडली के माध्यम से आपको बताते हैं। आने वाले वर्षों में देश की जनता क्या सबक सिखाने वाली है, इसकी भी विस्तार से बात करेंगे। 15 अगस्त 1947 की रात्रि 12 बजे की स्वतंत्र भारत की कुंडली निम्न प्रकार है। लग्न वृष, वृष में राहु, द्वितीय में मंगल, तृतीय में पांच ग्रह - सूर्य, शनि, शुक्र, बुध और चंद्र, छठे में गुरु और सप्तम में केतु स्थित हैं। देश की कुंडली में सूर्य की 6 वर्षीय महादशा 9/09/2009 से चल रही है। यह दशा अभी 2015 तक चलना बाकी है। सूर्य और उसके साथ समस्त चार ग्रह उपचय भाव में बैठे हैं।

यह राजयोग है। इस योग का व्यक्ति या देश तब तक पूरी तरह जाग्रत नहीं होता जब तक वह अवहेलना, अपमान, पीड़ा, दुख, त्रासदी के दौर से न गुजरे और इस सबको झेलते हुए जब वह अलग - थलग पड़ जाता है, तब उसे पहली बार अपने होने का अहसास होता है या उसकी 'चेतना' जाग्रत होती है। धीरे - धीरे इस देश और इसके नागरिकों की आहत चेतना जाग्रत हो रही है। अभी देश और देश के नागरिकों की 'आत्मा' पर अभी और कुठाराघात और कोड़े पड़ने बाकी हैं।

जब तक देश और उसके नागरिक निकृष्ट अवस्था तक नहीं पहुंच जाते तब तक उन्हें अपने 'आत्म सम्मान' का अहसास नहीं होता देश और इसका एक - एक आहत नागरिक इस दशा के दौरान न केवल जाग्रत होगा बल्कि देश के 'राष्ट्रीय चरित्र' में एक आमूलचूल बदलाव होगा। भारतवर्ष एक जवान देश है क्योंकि 50 प्रतिशत से अधिक लोगों की उम्र यहां मात्र 35 साल है। दुनिया में भारत जितना जवान देश कोई नहीं है। इस देश के अनैतिक, लालची, दुष्ट, मतलबी और घटिया व्यापारी अपने देश के बच्चों को घातक केमिकलों से युक्त सब्जियां, फल, दूध, घी, मिठाई, दाल, अनाज, अंडा, मीट बड़े प्रेम से खिला रहे हैं।

भ्रष्ट, लालची अधिकारी, पुलिस आदि ये सब माफिया राज को प्रश्रय प्रदान करते हैं और देश के कर्णधार नेता इस पूरी घटिया प्रक्रिया में बुरी तरह से ना केवल शामिल हैं बल्कि उसके भी प्रणेता है। ये सारे दुष्कृत्य लम्बे समय तक नहीं चलेंगे। सूर्य की महादशा के दौरान न केवल देश के नागरिक जागेंगे बल्कि इन सब भ्रष्ट और कलुषित लोगों को ऐसा दंड देंगे जो इससे पहले आजादी के बाद आज तक न हुआ हो। आज की स्थिति देखने पर ऐसा कतई नहीं लगता कि कभी लोग इस कार्य के लिए संगठित होंगे और इस देश के जवान लोगों को सहयोग प्रदान करेंगे


अपनी कुंडली में राजयोगों की जानकारी पाएं बृहत कुंडली रिपोर्ट में


देश की कुंडली में सूर्य तृतीय स्थान यानी पराक्रम भाव में बैठा हुआ है। सूर्य, शनि तो नैसर्गिक रूप से तृतीय भाव में कारक होते हैं। चन्द्रमा अमावस का होने के कारण क्रूर हो गया है। बुध हमेशा अपने बॉसिज के साथ चलता है और शुक्र भी उसी श्रृंखला में स्वयं को बनाये हुए है। पांच ग्रह साथ होने से यहां पर अद्वितीय योग बना हुआ है जिसका आशय यह हुआ कि अकेला कोई भी ग्रह फल नहीं दे रहा है बल्कि सारे फल इस योग' से संचालित हैं।

जैसे-जैसे सूर्य की दशा परवान चढेग़ी, इस देश के नागरिक संगठित होकर अनैतिक और भ्रष्ट लोगों को अनूठा सबक सिखायेंगे। उल्लेखनीय है कि 3 नवम्बर 2010 से सूर्य की महादशा में राहू की महादशा आयी है। इसके तुरन्त बाद नवम्बर 2010 के माह में ही 2जी स्केम का पर्दाफाश हुआ। राहु लग्न में विराजमान है और कृत्तिका यानि सूर्य के नक्षत्र में है।

राहु की अन्तर्दशा के प्रारम्भ के साथ ही केन्द्रीय सरकार सकते में आ गयी और लोकसभा का शीतकालीन अधिवेशन 2जी स्केम के चलते चल ही नहीं पाया। इससे थोड़ा पीछे जायें तो एक और रोचक तथ्य सामने आता है। 29/06/2010 से लेकर 3/11/2010 तक सूर्य की महादशा में मंगल की अन्तर्दशा चली। मंगल पुलिस, सेना और स्पोर्टस का कारक ग्रह है।

मंगल, द्वितीय स्थान में आर्द्रा यानि राहु के नक्षत्र में बैठा हुआ है। मंगल की अन्तर्दशा के दौरान कॉमन वेल्थ गेम्स का स्केम सामने आया और सेना की मुंबई की आदर्श हाउसिंग सोसाइटी का भंडाफोड़ हुआ। 28 सितम्बर 2011 तक सूर्य में राहु की अन्तर्दशा चलेगी। इस दशा के साथ ही केन्द्रीय सरकार बुरी तरह एक्सपोज होगी। सरकार को अभी तक समझ में नहीं आ रहा कि अपना बचाव कैसे किया जाये। राहु को ज्योतिष में एक ऐसा ग्रह माना गया है जो आदमी को न केवल भ्रमित करता है

बल्कि भीतर तक ऐसा भय पैदा कर देता है जिससे व्यक्ति चाहकर भी उभर नहीं पाता। भारत की कुंडली में 28 सितम्बर 2011 से 16 जुलाई 2012 तक बृहस्पति का अन्तर चलेगा। इस दौरान सरकारी स्तर पर ऐसी बहुत सारी योजनाएं और युक्तियां निकाली जायेंगी जिससे आम आदमी को भरोसा दिलाया जा सके। यही स्थिति सरकार की है। आने वाले दिनों में और कितने भ्रष्टाचार किन-किन विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं और उनके नुमाइन्दों ने किये हैं, वे प्रकट होने वाले हैं।

इस दृष्टि से खासतौर से मार्च - अप्रैल के महीने बड़े खतरनाक हैं। इन महीनों में सरकार पुनः जबरदस्त रूप से बदनाम होगी और एक बिखराव की स्थिति हर तरफ देखने को मिलेगी। राहू की दशा में सरकार एक्सपोज तो होती रहेगी लेकिन अपने आपको कैस बचा पायेगी यह सरकारी लोग भी ठीक से नहीं सोच पायेंगे। सितम्बर तक राहु पूरी तरह से सरकार की चूलें हिला देगा और अगर यह चलता हुआ हाथी बैठ जाये तो कोई ताज्जुब की बात नहीं होगी। 28 सितम्बर 2011 से 16 जुलाई 2012 तक बृहस्पति का अन्तर चलेगा।

इस दौरान सरकारी स्तर पर ऐसी बहुत सारी योजनाएं और युक्तियां निकाली जायेंगी जिससे आम आदमी को भरोसा दिलाया जा सके कि मामला न केवल ठीक ठाक है बल्कि नियंत्रण में भी है। लेकिन इसका असर उल्टा होगा और देश में एक बौद्धिक जागरुकता पैदा होगी। इस सूर्य की दशा में पहली बार आम नागरिक सोचने को मजबूर हो जायेगा कि मुझे किस दिशा में जाना है और देश के लिए मुझे क्या करना चाहिए।

यह आम चिन्तन पूरे देश में देखने को मिलेगा और वहां से देश में बदलाव की लहर निर्मित होगी और आगे वाली शनि की अन्तर्दशा में जो 16 जुलाई 2012 से प्रारम्भ होगी उसमें आम आदमी में आक्रोश, विद्रोह देखने को मिलेगा जो चाहता है कि जब तक देश की राजनीति में आमूलचूल परिवर्तन नहीं होगा तब तक उसका भला होने वाला नहीं है।

यहां से सूर्य की महादशा एक नया रूप लेगी और देश का प्रत्येक व्यक्ति अपना पराक्रम दिखायेगा और देश में एक ऐसा वातावरण देखने को मिलेगा जो इससे पहले कभी नहीं था और यहीं से बदलाव का बिगुल बजता है।


जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें !




Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.