ग्रह स्थिति एवं व्यापार
ग्रह स्थिति एवं व्यापार

ग्रह स्थिति एवं व्यापार  

दिव्यदीप गौड
व्यूस : 4859 | आगस्त 2014

गोचर फल विचार मासारंभ में शनि व मंगल का राशि संबंध में बने रहना तथा उच्चस्थ शनि की सूर्य व उच्चस्थ गुरु पर दृष्टि का होना प्रशासनिक फेरबदल के संकेत देता है। पूर्वोत्तर प्रदेशों में हिंसक घटनाओं व सांप्रदायिक तनाव से जन धन की हानि का योग बनता है। शासकीय दलों में परस्पर विरोधाभास को बढ़ाकर किसी विशिष्ट व्यक्ति के पद रिक्त होने का भी कारक बनेगा। 7 अगस्त को शुक्र का कर्क राशि में आकर देवगुरु बृहस्पति से राशि संबंध बनाना प्राकृतिक प्रकोपों, भूस्खलन, यान दुर्घटना इत्यादि से जन धन की हानि का संकेत देता है। कहीं खंड वर्षा व अधिक वायु वेग से कृषि क्षेत्र में कमी लाने व दुर्भिक्ष के योग बनाता है। 17 अगस्त को सूर्य का सिंह राशि में आकर गुरु व शुक्र से द्विद्र्वादश योग में आ जाना शासन के प्रति आम जनता में महंगाई के कारण रोष की भावना बढ़ाएगा। सीमाओं पर सैन्य हलचल को तेज करेगा। सोना व चांदी मासारंभ में 3 अगस्त को सूर्य का अश्लेषा नक्षत्र में आकर सर्वतोभद्रचक्र द्वारा अनुराधा, मघा व धनिष्ठा नक्षत्रों को वेधना तथा इसी दिन शुक्र का पुनर्वसु नक्षत्र पर आकर मूल नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी का ही योग बनाएगा।

4 अगस्त को गुरु ग्रह का उदय होना भी तेजी का ही सूचक बनता है। 6 अगस्त को बुध का अश्लेषा नक्षत्र में आकर अनुराधा नक्षत्र को वेधना बाजारों में चल रहे पूर्व रूख को बरकरार रखेगा। 7 अगस्त को शुक्र का कर्क राशि में आकर सूर्य, बुध व गुरु से राशि संबंध बनाना तथा शनि से दृष्टित होना बाजारों में उतार-चढ़ाव के बाद तेजी की लहर ही चलाएगा। 10 अगस्त को शुक्र का पुष्य नक्षत्र में आकर ज्येष्ठा नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी का रूख ही दर्शाता है। 12 अगस्त को बुध का मघा नक्षत्र में प्रवेश कर भरणी नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी की लहर को आगे बढ़ाएगा। 17 अगस्त को सूर्य का मघा नक्षत्र में प्रवेश कर भरणी, श्रवण तथा अश्लेषा नक्षत्रों को वेधना तथा भाद्रपद संक्रांति का 15 मुहूर्ती में होना बाजारों में तेजी का रूझान ही बनाएगा। 18 अगस्त को गुरु ग्रह का पुष्य नक्षत्र के चैथे चरण में आना बाजारांे में उतार-चढ़ाव अधिक करेगा। 19 अगस्त को मंगल का विशाखा नक्षत्र में प्रवेश करना और बुध का पू. फाल्गुनी नक्षत्र पर आकर अश्विनी नक्षत्र को वेधना बाजारों के रूख को बदल कर मंदी की लहर चला देगा। 21 अगस्त को शुक्र का अश्लेषा नक्षत्र में आकर अनुराधा, मघा व धनिष्ठा नक्षत्रों को वेधना चांदी में मंदी का रूझान बनाए रखेगा।

22 अगस्त को बुध का उदय हो जाना सोने के वातावरण को तेजी में ले जाएगा। 27 अगस्त को चंद्र दर्शन बुधुवार के दिन 45 मुहूर्ती में आना तथा इसी दिन बुध का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में आकर रेवती नक्षत्र को वेधना ये योग चांदी में तेजी का रूख बनाएगा और सोने में पुनः मंदी की लहर चला देगा। 29 अगस्त को बुध का कन्या राशि में आकर राहु के साथ राशि संबंध बनाना बाजारांे में उतार-चढ़ाव के साथ तेजी का सूचक बनता है। 30 अगस्त को सूर्य का पू.फाल्गुनी नक्षत्र में आकर अश्विनी, अभिजित व पुष्य नक्षत्रों को वेधना सोने में तो तेजीदायक रहेगा लेकिन चांदी में उतार-चढ़ाव का माहौल बनाएगा। 31 अगस्त को शुक्र का सिंह राशि में आकर सूर्य से राशि संबंध बनाना बाजारों में आगे तेजी का योग ही दर्शाता है। गुड़ व खांड मासारंभ में 3 अगस्त को सूर्य का अश्लेषा नक्षत्र में आकर अनुराधा, मघा व धनिष्ठा नक्षत्रों को वेधना तथा इसी दिन शुक्र का पुनर्वसु नक्षत्र पर आकर मूल नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी का योग दर्शाता है।

4 अगस्त को गुरु ग्रह का उदय होना बाजारों में मंदी की लहर चला देगा। 6 अगस्त को बुध का अश्लेषा नक्षत्र पर आकर अनुराधा नक्षत्र को वेधना बाजारों में पुनः तेजी का रूझान बना देगा। 7 अगस्त को शुक्र का कर्क राशि में आकर सूर्य, बुध व गुरु से राशि संबंध बनाना तथा शनि से दृष्टित होना बाजारों में उतार-चढ़ाव का रूख अधिक बनाएगा। 10 अगस्त को शुक्र का पुष्य नक्षत्र पर आकर ज्येष्ठा नक्षत्र को वेधना बाजारों में पुनः तेजी की लहर चला देगा। 12 अगस्त को बुध का मघा नक्षत्र में प्रवेश कर भरणी नक्षत्र को वेधना बाजारों के रूख को बदल कर पुनः मंदी की लहर में ले जाएगा। 17 अगस्त को सूर्य का मघा नक्षत्र में प्रवेश कर भरणी, श्रवण तथा अश्लेशा नक्षत्रों को वेधना तथा भाद्रपद संक्रांति का 15 मुहूर्ती में होना बाजारों में तेजी का वातावरण बना देगा। 18 अगस्त को गुरु ग्रह का पुष्य नक्षत्र के चैथे चरण में आना बाजारों में तेजी का सूचक ही बनता है।

19 अगस्त को मंगल का विशाखा नक्षत्र में प्रवेश करना और बुध का पू. फाल्गुनी नक्षत्र पर आकर अश्विनी नक्षत्र को वेधना बाजारों के तेजी के रूख को बरकरार रखेगा। 20 अगस्त को शनि का विशाखा नक्षत्र के द्वितीय चरण में प्रवेश करना भी तेजी का कारक बनता है। 21 अगस्त को शुक्र का अश्लेषा नक्षत्र में आकर अनुराधा, मघा व धनिष्ठा नक्षत्रों को वेध़्ाना बाजारों के रूख में बदलाव देकर मंदी का माहौल बना देगा। 22 अगस्त को बुध का उदय हो जाना बाजारों में उतार-चढ़ाव के बाद तेजी का रूझान बना देगा। 27 अगस्त को चंद्र दर्शन बुधवार के दिन 45 मुहूर्ती में आना तथा इसी दिन बुध का उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में आकर रेवती नक्षत्र को वेधना बाजारों में मंदी की लहर चला देगा। 29 अगस्त को बुध का कन्या राशि में आकर राहु से राशि संबंध बनाना बाजारों में तेजी का वातावरण पुनः बना देगा। 30 अगस्त को सूर्य का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र पर आकर अश्विनी, अभिजित व पुष्य नक्षत्रों को वेधना बाजारों में तेजी का माहौल बनाए रखेगा।

31 अगस्त को शुक्र का सिंह राशि में आकर सूर्य से राशि संबंध बनाना बाजारों में तेजी का योग ही दर्शाता है। अनाजवान व दलहन मासारंभ में 3 अगस्त को सूर्य का अश्लेषा नक्षत्र में आकर सर्वतोभद्रचक्र द्वारा अनुराधा, मघा व धनिष्ठा नक्षत्रों को वेधना तथा इसी दिन शुक्र का पुनर्वसु नक्षत्र पर आकर मूल नक्षत्र को वेधना गेहूं, जौ, चना, ज्वार, बाजरा इत्यादि अनाजों तथा मूंग, मौठ, मसूर, अरहर इत्यादि दलहन के बाजारों में तेजी का कारक बनते हैं। 4 अगस्त को गुरु ग्रह का उदय हो जाना बाजारों में मंदी का रूख बना देगा। 6 अगस्त को बुध का अश्लेषा नक्षत्र में आकर अनुराधा नक्षत्र को वेधना बाजारों में पुनः तेजी की लहर चला देगा। 7 अगस्त को शुक्र का कर्क राशि में आकर सूर्य, बुध व गुरु से राशि संबंध बनाना तथा शनि से दृष्टित होना बाजारों में उतार-चढ़ाव के बाद तेजी का रूख बनाएगा।

10 अगस्त को शुक्र का पुष्य नक्षत्र में आकर ज्येष्ठा नक्षत्र को वेधना बाजारों में मंदी की लहर चला देगा। 12 अगस्त को बुध का मघा नक्षत्र पर आकर भरणी नक्षत्र को वेधना बाजारों में पुनः तेजी की लहर चला देगा। 17 अगस्त को सूर्य का मघा नक्षत्र पर आकर भरणी, श्रवण तथा अश्लेषा नक्षत्रों को वेधना तथा भाद्रपद संक्रांति का 15 मुहूर्ती में होना गेहूं, जौ, चना, ज्वार इत्यादि अनाजों में मंदी का वातावरण तथा मूंग, मौठ, मसूर, अरहर इत्यादि दलहन में तेजी का रूझान बनाएगा।

18 अगस्त को गुरु ग्रह का पुष्य नक्षत्र के चैथे चरण में आना बाजारों में तेजी का रूझान दर्शाता है। 19 अगस्त को मंगल का विशाखा नक्षत्र में प्रवेश करना तथा बुध का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र पर आकर अश्विनी नक्षत्र को वेधना बाजारों में मंदी की लहर चला देगा। 20 अगस्त को शनि का विशाखा नक्षत्र के द्वितीय चरण में आना बाजारों में मंदी का योग ही बनाता है। 21 अगस्त को शुक्र का अश्लेषा नक्षत्र में आकर अनुराधा, मघा व धनिष्ठा नक्षत्रों को वेधना बाजारों में पूर्व रूख को बरकरार रखेगा। 22 अगस्त को बुध का उदय हो जाना बाजारों में उतार-चढ़ाव की स्थिति अधिक बनाए रखेगा।

27 अगस्त को चंद्र दर्शन बुधवार के दिन 45 मुहूर्ती में होना तथा इसी दिन बुध का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र पर आकर रेवती नक्षत्र को वेधना बाजारांे में पुनः तेजी की लहर चला देगा। 29 अगस्त को बुध का कन्या राशि में आकर राहु के साथ राशि संबंध बनाना बाजारों में तेजी का कारक ही बनता है। 30 अगस्त को सूर्य का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में आकर अश्विनी, अभिजित व पुष्य नक्षत्रों को वेधना बाजारों में तेजी के रूझान को आगे बढ़ाएगा। 31 अगस्त को शुक्र का सिंह राशि में आकर सूर्य के साथ राशि संबंध बनाना गेहूं, जौ, चना इत्यादि अनाजों तथा मूंग, मौठ, मसूर इत्यादि दलहन में तेजी का योग ही बनाएगा।

घी व तेलवान मासारंभ में 3 अगस्त को सूर्य का अश्लेषा नक्षत्र में आकर अनुराधा, मघा व धनिष्ठा नक्षत्रों को वेधना तथा इसी दिन शुक्र का पुनर्वसु नक्षत्र पर आकर मूल नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी का कारक बनता है। 4 अगस्त को गुरु ग्रह का उदय होना बाजारों में पूर्व रूख को बरकरार रखेगा। 6 अगस्त को बुध का अश्लेषा नक्षत्र पर आकर अनुराधा नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी की ही लहर चलाएगा। 7 अगस्त को शुक्र का कर्क राशि में आकर सूर्य, बुध व गुरु से राशि संबंध बनाना तेजी के वातावरण को बनाए रखेगा। 10 अगस्त को शुक्र का पुष्य नक्षत्र पर आकर ज्येष्ठा नक्षत्र को वेधना बाजारों में उतार-चढ़ाव के बाद मंदी का योग बनाएगा। 12 अगस्त को बुध का मघा नक्षत्र पर प्रवेश कर भरणी नक्षत्र को वेधना बाजारांे में मंदी का माहौल ही बनाएगा। 17 अगस्त को सूर्य का मघा नक्षत्र पर आकर भरणी, श्रवण तथा अश्लेषा नक्षत्रों को वेधना तथा भाद्रपद संक्रांति का 15 मुहूर्ती में होना बाजारों में तेजी की लहर चला देगा। 18 अगस्त को गुरु ग्रह का पुष्य नक्षत्र के चैथे चरण में आना बाजारों में तेजीदायक ही रहेगा।

19 अगस्त को मंगल का विशाखा नक्षत्र में प्रवेश करना तथा बुध का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र पर आकर अश्विनी नक्षत्र को वेधना बाजारों में पूर्व रूख को बरकरार रखेगा। 20 अगस्त को शनि का विशाखा नक्षत्र के द्वितीय चरण में प्रवेश करना बाजारों में तेजी का रूझान बनाएगा। 21 अगस्त को शुक्र का अश्लेषा नक्षत्र में आकर अनुराधा, मघा व धनिष्ठा नक्षत्रों को वेधना बाजारों में मंदी का वातावरण बना देगा। 22 अगस्त को बुध का उदय हो जाना बाजारों में पुनः तेजी का माहौल बना देगा। 27 अगस्त को चंद्र दर्शन बुधवार के दिन 45 मुहूर्ती में होना तथा इसी दिन बुध का उ. फाल्गुनी नक्षत्र पर आकर रेवती नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी की लहर ही चलाएगा।

29 अगस्त को बुध का कन्या राशि में आकर राहु के साथ राशि संबंध बनाना बाजारों में उतार-चढ़ाव के बाद तेजी का वातावरण बनाए रखेगा। 30 अगस्त को सूर्य का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में आकर अश्विनी, अभिजित व पुष्य नक्षत्रों को वेधना बाजारों में तेजी का कारक ही बनता है। 31 अगस्त को शुक्र का सिंह राशि में आकर सूर्य से राशि संबंध बनाना बाजारों में आगे तेजी का योग ही दर्शाता है।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.