गोचर फल विचार मासारंभ में सूर्य वृश्चिक राशि में, सूर्य, बुध, शुक्र व शनि का चतुर्ग्रही योग बनना तथा उच्चस्थ मंगल तथा गुरु ग्रहों का परस्पर दृष्टि संबंध बनाना शासकीय तथा प्रशासकीय वर्ग के प्रति आम जनता के मन में असंतोष की भावना को बढ़ाएगा तथा इनमें परस्पर विरोधाभास पैदा करेगा। उच्चस्थ प्रशासकों द्वारा सत्ता के प्रमुखों के विरूद्ध शिकंजा कसा जाएगा। वरिष्ठ शासकीय वर्ग के लिए विशेष कठिनाई का समय रहेगा। 6 दिसंबर को शनि का उदय होना तथा 8 दिसंबर को गुरु ग्रह का वक्री गति में आना उपद्रवकारी तत्वों का उग्र कार्यों से जन-धन हानि तथा वरिष्ठ व्यक्ति के पद रिक्त होने का संकेत बनता है। सत्ताधीश को नई-नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
16 दिसंबर को सूर्य का धनु राशि में आकर बुध व शुक्र से राशि संबंध बनाना तथा मंगल व शनि से द्विद्र्वादश योग में आना दैनिक उपयोगी वस्तुओं में अत्यधिक महंगाई के कारण जनता में विद्रोह और संघर्ष की भावना पैदा करेगा। शीत लहर का प्रकोप बढ़ेगा तथा खंड वर्षा तथा हिमपात का योग बनेगा। प्राकृतिक प्रकोपों तथा रोगात्मक वातावरण के कारण जनमानस में भय का माहौल बना रहेगा। सीमाओं पर सैन्यबल की हलचल को बढ़ाकर युद्धमय बादलों की काली घटाएं लाएगा। सोना व चांदी मासारंभ में 2 दिसंबर को सूर्य का ज्येष्ठा नक्षत्र में आकर सर्वतोभद्रचक्र द्वारा पुष्य, अश्विनी व स्वाति नक्षत्रों को वेधना बाजारों में तेजी का रूख ही दर्शाता है। 4 दिसंबर को बुध का ज्येष्ठा नक्षत्र में आकर सूर्य से नक्षत्र संबंध बनाना तथा पुष्य नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी की लहर को आगे बढ़ाएगा। 5 दिसंबर को शुक्र का मूल नक्षत्र में आकर पुनर्वसु को वेधना तेजी का वातावरण बनाए रखेगा। 8 दिसंबर को गुरु ग्रह का अश्लेषा नक्षत्र में वक्री गति में आना बाजारों में तेजी का रूझान ही दर्शाता है।
10 दिसंबर को मंगल का श्रवण नक्षत्र में आकर कृत्तिका नक्षत्र तथा दक्षिण वेध से मघा को वेधना बाजारों की तेजी में वृद्धिदायक रहेगा। 13 दिसंबर को बुध का मूल नक्षत्र में आकर शुक्र से नक्षत्र संबंध बनाना तथा पुनर्वसु को वेधना बाजारों में उतार-चढ़ाव अधिक करेगा। व्यापारी वर्ग बाजार के वर्तमान रूख को विशेष ध्यान में रखें। 16 दिसंबर को सूर्य का भी मूल नक्षत्र में आकर पुनर्वसु, रेवती तथा चित्रा नक्षत्रों को वेधना पौष संक्रांति का 30 मुहूर्ती में होना बाजारों में तेजी की लहर ही चलाएगा। इसी दिन शुक्र का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना भी बाजारों में तेजी ही दायक है। 21 दिसंबर को बुध का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना बाजारों के रूख में बदलाव देकर मंदी का माहौल बना देगा।
23 दसंबर को चंद्र दर्शन मंगलवार के दिन 45 मुहूर्ती में होना बाजारों में उतार-चढ़ाव का वातावरण बनाता है। 27 दिसंबर को मंगल का धनिष्ठा नक्षत्र में आकर विशाखा नक्षत्र तथा दक्षिण वेध से श्रवण नक्षत्र को तथा शुक्र का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में आकर मृगशिरा को वेधना बाजारांे मंे पुनः तेजी की लहर चला देगा। 29 दिसंबर को सूर्य का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र पर आद्र्रा, उ. भा., तथा हस्त नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन शुक्र का मकर राशि में आकर मंगल से राशि संबंध बनाना ये योग बाजारों में तेजी के ही सूचक बनते हैं। 30 दिसंबर को बुध का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में आकर मृगशिरा को वेधना तथा शनि का अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण में आना बाजारों में पूर्वरूख को बनाए रखेगा। 31 दिसंबर को बुध का उदय होना बाजारों में आगे तेजी का योग दर्शाता है। गुड़ एवं खांड मासारंभ में 2 दिसंबर को सूर्य का ज्येष्ठा नक्षत्र में आकर सर्वतोभद्रचक्र द्वारा पुष्य, अश्विनी व स्वाति नक्षत्रों को वेधना बाजारों में तेजी की लहर चलाएगा।
4 दिसंबर को बुध का ज्येष्ठा नक्षत्र में आकर सूर्य से नक्षत्र संबंध बनाना तथा पुष्य नक्षत्र को वेधना तेजी का रूख ही दर्शाता है। 5 दिसंबर को शुक्र का मूल नक्षत्र में आकर पुनर्वसु को वेधना बाजारों में तेजी का रूख बनाता है। 10 दिसंबर को मंगल का श्रवण नक्षत्र में आकर कृतिका नक्षत्र तथा दक्षिण वेध से मघा नक्षत्र को वेधना बाजारांे में पूर्वरूख को बनाए रखेगा। 13 दिसंबर को बुध का मूल नक्षत्र में आकर शुक्र से नक्षत्र संबंध बनाना तथा पुनर्वसु को वेधना बाजारों में उतार चढ़ाव अधिक करेगा। 16 दिसंबर को सूर्य का भी मूल नक्षत्र में आकर पुनर्वसु, रेवती तथा चित्रा नक्षत्र को वेधना तथा पौष संक्रांति का मुहूर्ती में होना बाजारों में कुछ मंदी का माहौल बनाएगा तथा इसी दिन शुक्र का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना भी बाजारांे में मंदी का सूचक ही बनाएगा। 21 दिसंबर को बुध का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना बाजारों में मंदी का वातावरण बनाएगा।
23 दिसंबर को चंद्र दर्शन मंगलवार के दिन 45 मुहूर्ती में होना बाजारों में कुछ तेजी का रूझान बढ़ाएगा। 27 दिसंबर को मंगल का धनिष्ठा नक्षत्र में आकर विशाखा नक्षत्र तथा दक्षिण वेध से श्रवण नक्षत्र को तथा शुक्र का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में आकर मृगशिरा को वेधना बाजारों में पुनः मंदी का योग दर्शाता है। 29 दिसंबर को सूर्य का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र पर आद्र्रा, उभाद्रपद तथा हस्त नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन शुक्र का मकर राशि में आकर मंगल से राशि संबंध बनाना बाजारों में तेजी का रूझान बनाएगा। 30 दिसंबर को बुध का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में आकर मृगशिरा को वेधना तथा शनि का अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण में आना बाजारांे में उतार-चढ़ाव का माहौल बनाएगा। 31 दिसंबर को बुध का उदय होना बाजारों में पूर्वरूख को बरकरार रखेगा।
अनाज व दलहन मासारंभ में 2 दिसंबर को सूर्य का ज्येष्ठा नक्षत्र में आकर सर्वतोभद्रचक्र द्वारा पुष्य, अश्विनी व स्वाति नक्षत्रों को वेधना गेहूं, जौ, चना, ज्वार, बाजरा इत्यादि अनाजवान तथा मूंग, मौठ, मसूर, अरहर इत्यादि दलहन के बाजारांे में तेजी का ही योग बनाएगा। 5 दिसंबर को शुक्र का मूल नक्षत्र में आकर पुनर्वसु को वेधना बाजारों में तेजी की ही लहर चलाएगा। 8 दिसंबर को मंगल का श्रवण नक्षत्र में आकर कृतिका नक्षत्र तथा दक्षिण वेध से मघा नक्षत्र को वेधना बाजारांे में तेजी का योग ही दर्शाता है। 13 दिसंबर को बुध का मूल नक्षत्र में आकर शुक्र से नक्षत्र संबंध बनाना तथा पुनर्वसु को वेधना बाजारों में उतार-चढ़ाव का वातावरण ही बनाएगा। 16 दिसंबर को सूर्य का भी मूल नक्षत्र में आकर पुनर्वसु, रेवती तथा चित्रा नक्षत्र को वेधना तथा पौष संक्रांति का 30 मुहूर्ती में होना बाजारों में मंदी का रूख बनाएगा तथा इसी दिन शुक्र का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना भी बाजारो में मंदी का ही माहौल बनाएगा।
21 दिसंबर को बुध का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना बाजारों में मंदी का योग दर्शाता है। 23 दिसंबर को चंद्र दर्शन मंगलवार के दिन 45 मुहूर्ती में होना बाजारांे में कुछ तेजी का रूख ही बनाएगा। 27 दिसंबर को मंगल का धनिष्ठा नक्षत्र में आकर विशाखा नक्षत्र तथा दक्षिण वेध से श्रवण नक्षत्र को तथा शुक्र का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में आकर मृगशिरा को वेधना गेहूं, जौ, ज्वार इत्यादि अनाजवान तथा मसूर, मूंग, मौठ अरहर इत्यादि दालवानों में मंदी का वातावरण बनाएगा। 29 दिसंबर को सूर्य का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र पर आद्र्रा, उभाद्रपद तथा हस्त नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन शुक्र का मकर राशि में आकर मंगल से राशि संबंध बनाना बाजारों में तेजी की लहर चलाएगा।
30 दिसंबर को बुध का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में आकर मृगशिरा को वेधना तथा शनि का अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण में आना बाजारांे में तेजी का योग दर्शाता है। 31 दिसंबर को बुध का उदय होना बाजारों में पूर्वरूख को आगे बढ़ाएगा। घी व तेलवान मासारंभ में 2 दिसंबर को सूर्य का ज्येष्ठा नक्षत्र में आकर सर्वतोभद्रचक्र द्वारा पुष्य, अश्विनी व स्वाति नक्षत्रों को वेधना बाजारों में तेजी का योग दर्शाता है। 4 दिसंबर को बुध का ज्येष्ठा नक्षत्र में आकर सूर्य से नक्षत्र संबंध बनाना तथा पुष्य नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी की लहर चलाएगा। 5 दिसंबर को शुक्र का मूल नक्षत्र में आकर पुनर्वसु को वेधना बाजारों में उतार-चढ़ाव का वातावरण बनाएगा। 8 दिसंबर को गुरु ग्रह का अश्लेषा नक्षत्र में वक्री गति में आना बाजारों में घी में तेजी का रूख दर्शाता है। 10 दिसंबर को मंगल का श्रवण नक्षत्र में आकर कृतिका नक्षत्र तथा दक्षिण वेध से मघा नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी का रूख बरकरार रखेगा।
13 दिसंबर को बुध का मूल नक्षत्र में आकर शुक्र से नक्षत्र संबंध बनाना तथा पुनर्वसु को वेधना बाजारांे में उतार-चढ़ाव अधिक करेगा। व्यापारी वर्ग बाजार के वर्तमान रूख को विशेष ध्यान में रखें। 16 दिसंबर को सूर्य का भी मूल नक्षत्र में आकर पुनर्वसु, रेवती तथा चित्रा नक्षत्र को वेधना तथा पौष संक्रांति का 30 मुहूर्ती में होना बाजारों में तेजी का रूख बनाएगा तथा इसी दिन शुक्र का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी का माहौल बनाएगा। 21 दिसंबर को बुध का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना बाजारों में मंदी का माहौल बनाएगा। 23 दिसंबर को चंद्र दर्शन मंगलवार के दिन 45 मुहूर्ती में होना बाजारों में उतार-चढ़ाव का वातावरण बनाएगा। 27 दिसंबर को मंगल का धनिष्ठा नक्षत्र में आकर विशाखा नक्षत्र तथा दक्षिण वेध से श्रवण नक्षत्र को तथा शुक्र का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में आकर मृगशिरा नक्षत्र को वेधना बाजारों में उतार-चढ़ाव की स्थिति दर्शाता है। 29 दिसंबर को सूर्य का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र पर आद्र्रा, उ. भा. तथा हस्त नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन शुक्र का मकर राशि में आकर मंगल से राशि संबंध बनाना बाजारों में मंदी का योग दर्शाता है।
30 दिसंबर को बुध का उ. षा. नक्षत्र में आकर मृगशिरा को वेधना तथा शनि का अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण में आना बाजारों में कुछ तेजी का रूझान बनाएगा। 31 दिसंबर को बुध का उदय होना बाजारों में मंदी के रूख को बनाए रखेगा। नोट: उपर्युक्त फलादेश पूरी तरह ग्रह स्थिति पर आधारित है, पाठकों का बेहतर मार्ग दर्शन ही इसका मुख्य उद्देश्य है। इसके साथ-साथ संभावित कारणों पर भी ध्यान देना चाहिए जो बाजार को प्रभावित करते हैं। कृपया याद रखें कि व्यापारी की सट्टे की प्रवृत्ति और निर्णय लेने की शक्ति में कमी तथा भाग्यहीनता के कारण होने वाले नुकसान के लिए लेखक, संपादक एवं प्रकाशक जिम्मेदार नहीं हैं।