विक्रम संवत् 2074 में ग्रह गोचर और भारत का भविष्यफल
विक्रम संवत् 2074 में ग्रह गोचर और भारत का भविष्यफल

विक्रम संवत् 2074 में ग्रह गोचर और भारत का भविष्यफल  

रमेश सेमवाल
व्यूस : 4887 | जनवरी 2017

गणतंत्र दिवस के 68वें वर्ष प्रवेश कुंडली (वर्ष कुंडली) में भारत वर्ष 26 जनवरी 2017 ई., गुरुवार, चतुर्दशी तिथि, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रकालीन वृष लग्न में प्रवेश करेगा। वर्ष लग्नेश शुक्र दशम भाव में केतु से युक्त है। नवम भाव योजना विकास का है। वहां सूर्य शत्रु राशि में स्थित है। उस पर गुरु व शनि की शत्रु व नीच दृष्टियां पड़ रही हैं। 4 माह केंद्र सरकार के लिये संकटकालीन रहेंगे। चतुर्थ स्थान जनता के भाव स्थान में राहु जनता में सरकार के विरूद्ध आक्रोश पनपेगा। 27 जनवरी से 30 मई के मध्य गुरु शुक्र विरोधी ग्रहों के मध्य समसप्तक योग रहने से भाजपा सरकार के लिए परेशानी का योग है। मुंथा षष्ठ भाव (विकास योजनाओं) में होने से विकास योजनाएं बनेंगी। मुंथा-मंगल द्वारा दृष्ट होने से अच्छा योग बन गया है। चीन व पाकिस्तान 14 अगस्त 2017 मेष लग्न में उदित हुआ है। मुंथा व्यय भाव में गुप्त, शत्रु षड्यंत्र में मुंथेश गुरु द्वारा दृष्ट है। मुंथा पर सूर्य, मंगल, शनि ग्रहों की दृष्टियां पड़ रही हंै जिससे भारत की विश्व में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। बुध$राहु व नीच का मंगल चतुर्थ स्थान में है इससे महंगाई बढ़ेगी। जनता आन्दोलित रहेगी।

कुछ योजनाएं जनता को रास नहीं आयेंगी। हड़ताल व आन्दोलन का योग है लेकिन विकास तेजी से होगा। कुल मिलाकर ग्रह एवं योगों के फलस्वरूप भारत की रक्षा शक्ति बढ़ेगी। पाकिस्तान फंसेगा व भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर होगा। भारत की जन्म कुंडली में पांच ग्रह पराक्रम स्थान में है। लग्नेश शुक्र भी पराक्रम स्थान में है। भारत हमेशा पराक्रमशाली रहा है और रहेगा चाहे 1965 हो, 1971 या कारगिल युद्ध। भारत विशाल हृदय वाला देश भी है। कालसर्प योग के कारण परेशनियां भी आती रहेंगी। राहु लग्न में होने के कारण भ्रष्टाचार, आतंकवाद, हिंदू मुस्लिम विवाद और जातिवाद भी चलता रहेगा। सन् 2017 ग्रह गोचर: इस वर्ष का राजा मंगल मंत्री बृहस्पति है जो शुभ कारक है। 13 जन. 2017 से 10 फरवरी 2017 तक पांच शुक्रवार होने से अच्छी फसलें होंगी। स्त्रियों का प्रभाव बढ़ेगा। 14 जनवरी को शनिवारी मकर संक्रांति तथा 20 जनवरी से 28 फरवरी तक मंगल शुक्र का सम सप्तक योग, 26 जनवरी से शनि का धनु राशि में आना तथा 27 जनवरी से 30 मई तक गुरु, शुक्र मध्य समसप्तक योग होने से संकट का योग। राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों में संकट का योग है। 6 फरवरी को गुरु वक्री होने से अनेक बदलाव होंगे।

ग्रह गोचर: 11 मई से 9 जून तक 5 गुरुवार तथा 5 शुक्र होने, 26 मई से 19 जून तक मंगल शनि के मध्य समसप्तक योग होने तथा 14 मई को रविवारी संक्रांति होने से उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर में साम्प्रदायिक तनाव और हिंसा का योग है। महंगाई बढ़ेगी, जनता परेशान, आन्दोलनों का योग, 10 जुलाई से 7 अगस्त तक पांच सोमवार होंगे। 16 जुलाई को रविवार संक्रांति होने से राजनेताओं में विवाद बढ़ेगा। प्राकृतिक आपदाओं का योग, बादल फटने और भूकंप का योग भी है। 8 अगस्त से 6 सितंबर तक पांच मंगलवार है।

16 अगस्त से सूर्य-शनि दृष्टि संबंध तथा 17 अगस्त से 26 अगस्त तक मंगल राहु का योग वर्षा में कमी, कहीं बाढ़ और कहीं अतिवर्षा करायेगा इससे संकट बढ़ेगा। 7 सितंबर से 5 अक्तूबर के बीच पांच गुरुवार तथा 14 सितंबर से वर्षान्त तक गोचरस्थ कालसर्प योग रहने से प्राकृतिक प्रकोपों का योग, जनधन की हानि का योग, आतंकवादी घटनाओं का योग और विष्फोट का योग है। खप्पर योग: कार्तिक, मार्गशीर्ष, एवं पौष मासों में 6 अक्तूबर से 2 जनवरी 2018 तक पांच शनि, पांच रविवार, पांच मंगलवार होने से अनिष्टकारी खप्पर योग बन रहा है।

देश में महंगाई, विवाद, आतंकवाद, हिंसा और प्राकृतिक प्रकोपांे का योग भी है। कुल मिलाकर ग्रहों के कारण वर्ष 2017 में विकास करने के साथ भारत विश्व में अग्रणी भूमिका लेकर प्रमुखता से आयेगा किंतु आतंकवाद भी देश में बढ़ेगा।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.