ग्रह स्थिति एवं व्यापार
ग्रह स्थिति एवं व्यापार

ग्रह स्थिति एवं व्यापार  

जगदम्बा प्रसाद गौड
व्यूस : 6385 | मई 2013

गोचर फल विचार मासारंभ में शनि राहु का सूर्य व मंगल के साथ समसप्तक योग बनना पश्चिमी देशों में राजनैतिक परिवर्तन होने का याग बना रहा है। इसके साथ ही सूर्य, मंगल, बुध, केतु, शुक्र का पंचग्रही योग बनाते हुए बृहस्पति से द्विद्वादश योग में आना समुद्री तटों पर प्राकृतिक प्रकोप से धन-जन की हानि करेगा तथा पूर्वी प्रांतों में ये योग उग्र तत्वों के बढ़ जाने से अशांति का वातावरण पैदा करेगा।

6 मई को शुक्र ग्रह का गुरु ग्र्रह के साथ राशि संबंध बनाकर सूर्य, बुध, मंगल, केतु के चतुग्र्रही योग से द्विद्वादश योग में आना इलाकों में भयंकर आंधी, तूफान इत्यादि प्राकृतिक आपदाओं से धन-जन की हानि करता है।

14 मई को सूर्य का वृष राशि में प्रवेश कर चतुर्ग्रही योग बनाकर मंगल व केतु का द्विद्वादश योग में आ जाना कहीं यान दुर्घटना, अग्निकांड इत्यादि से हानि के योग बनाएगा।

23 मई को मंगल का वृष राशि में आकर पुनः पंचग्रही योग बनना और शनि व राहु का षडाष्टक योग में आना देश के राजनैतिक दलों में परस्पर खींचातानी से गंभीर स्थिति बनाएगा तथा देश में चल रही मंहगाई की समस्या को और अधिक बढ़ावा देगा। आम जनता इसका विरोध करने के लिए शासकों के प्रति आंदोलन करने के लिए विवश होंगे।

इसके साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं का भी जनता को सामना करना पड़ेगा। सोना व चांदी मासारंभ में 2 मई को शुक्र का कृŸिाका नक्षत्र पर आकर श्रवण नक्षत्र को वेधना बाजारों को मंदी की लहर में ले जाने वाला योग बनाता है।

5 मई को बुध का भरणी नक्षत्र पर आकर वाम वेध से कृŸिाका नक्षत्र को वेधना बाजारों के मंदी के रुख को और आगे बढ़ाएगा।

9 मई को वक्री गति के शनि का पुनः स्वाति नक्षत्र के दूसरे चरण में आना बाजारों को पुनः तेजी के रुझान में ले जाएगा।

11 मई को सूर्य का कृŸिाका नक्षत्र पर आकर श्रवण, विशाखा व भरणी को वेधना सोने की पूर्व तेजी की लहर को और आगे बढ़ाएगा और इसी दिन चंद्र दर्शन शनिवार को 45 मुहूर्ती में रहना तथा बुध का भी कृŸिाका नक्षत्र पर आकर शुक्र से नक्षत्र संबंध बनाना तथा वाम वेध से विशाखा नक्षत्र को वेधना चांदी को मंदी के वातावरण में चलाता है।

12 मई को शुक्र का रोहिणी नक्षत्र पर आकर अभिजित नक्षत्र को वेधना बाजारों में उतार-चढ़ाव अर्थात् अस्थिरता पैदा करेगा।


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13 मई को अक्षय तृतीया का होना बाजार में बदलाव लाएगा।

14 मई को वृष राशि की संक्रांति 45 मुहूर्ती में आना बाजार को तेजी की तरफ ले जाने वाला योग है।

17 मई को बुध का रोहिणी नक्षत्र पर आकर शुक्र से नक्षत्र संबंध बनाना तथा वाम वेध से स्वाति नक्षत्र को वेधना तथा सम्मुख दृष्टि से अभिजित नक्षत्र को वेधना बाजारों की तेजी की लहर में और वृद्धि करेगा।

18 मई को मंगल का कृŸिाका नक्षत्र पर आकर सूर्य से नक्षत्र संबंध बनाना तथा श्रवण नक्षत्र पर आकर सूर्य से नक्षत्र संबंध बनाना तथा श्रवण नक्षत्र को वेधने लग जाना बाजारों की पूर्व तेजी के रुख को और बढ़ाएगा।

23 मई को शुक्र का मृगशिरा नक्षत्र पर आकर उ.षा. नक्षत्र को वेधना बाजार के पूर्व रुझान को बढ़ावा देगा।

24 मई को बुध का भी मृगशिरा नक्षत्र पर आकर शुक्र से नक्षत्र संबंध बनाकर वाम वेध से चित्रा नक्षत्र को वेधना सोने में पूर्ववत तेजी का रुख तथा चांदी में अस्थिरता का माहौल बनाएगा।

25 मई को सूर्य का रोहिणी नक्षत्र पर आकर अश्विनी, स्वाति व अभिजित नक्षत्रों को वेधना बाजारों में मंदी का रुझान बना देगा।

31 मई को बुध का आद्र्रा नक्षत्र पर आकर पू.फा. नक्षत्र को वेधना और इसी दिन गुरु का भी मिथुन राशि में आना, ये योग पुनः बाजारों में तेजी का वातावरण बना देगा। गुड़ व खांड़ मासारंभ में 2 मई को शुक्र का कृŸिाका नक्षत्र पर आकर श्रवण नक्षत्र को वेधना बाजारों को मंदी की लहर में ले जाने वाला योग बनाता है।

5 मई को बुध का भरणी नक्षत्र पर आकर वाम वेध से कृŸिाका नक्षत्र को वेधना बाजार में मंदी के रुख को और आगे बढ़ाएगा।

9 मई को वक्री गति के शनि का पुनः स्वाति नक्षत्र के दूसरे चरण में आना बाजारों में बदलाव देकर तेजी के रुझान में ले जाएगा।

11 मई को सूर्य का कृŸिाका नक्षत्र पर आकर श्रवण, विशाखा व भरणी नक्षत्रों को वेधना गुड़ में तेजी का वातावरण ही बनाए रखेगा। इसी दिन चंद्रदर्शन शनिवार के दिन 45 मुहूर्ती में रहना तथा बुध का कृŸिाका नक्षत्र पर आकर शुक्र से नक्षत्र संबंध बनाना तथा वाम वेध से विशाखा नक्षत्र को वेधना खांड़ में मंदी का ही योग बनाएगा।

12 मई को शुक्र का रोहिणी नक्षत्र पर आकर अभिजित नक्षत्र को वेधना खांड़ में मंदी की लहर को और आगे चलाएगा।

13 मई को अक्षय तृतीया का आना बाजारों में मंदी ही दर्शाती है।

14 मई को वृृष राशि की संक्रांति का 45 मुहूर्ती में आना बाजारों में पुनः बदलाव देकर तेजी के रुझान में ले जाएगा।

17 मई को बुध का रोहिणी नक्षत्र पर आकर शुक्र से नक्षत्र संबंध बनाना तथा अभिजित नक्षत्र को और वाम दृष्टि से स्वाति नक्षत्र को वेधना बाजारों की तेजी की लहर को और आगे चलाएगा।


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18 मई को मंगल का कृŸिाका नक्षत्र पर आकर सूर्य से नक्षत्र संबंध बनाना तथा श्रवण नक्षत्र को वेधने लग जाना बाजारों के तेजी के रुख में और वृद्धिकारक है।

23 मई को शुक्र का मृगशिरा नक्षत्र पर उ.षा. नक्षत्र को वेधना बाजार के पूर्व रुझान को और बढ़ावा देगा।

24 मई को बुध का मृगशिरा नक्षत्र पर आकर शुक्र से नक्षत्र संबंध बनाना तथा वाम वेध से चित्रा नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी की लहर को बनाए रखता है।

25 मई को सूर्य का रोहिणी नक्षत्र पर आकर अश्विनी, स्वाति व अभिजित नक्षत्रों को वेधना बाजारों में तेजी की लहर को और आगे चलाएगा।

31 मई को बुध का आद्र्रा नक्षत्र पर आकर पू.फा. नक्षत्र को वेधना और इसी दिन गुरु ग्रह का भी मिथुन राशि में आना बाजारों को मंदी के वातावरण में ले जाने वाला योग है। अनाज व दलहन मासारंभ में 2 मई को शुक्र का कृŸिाका नक्षत्र पर आकर श्रवण नक्षत्र को वेधना गेहूं, जौ, ज्वार, बाजरा इत्यादि दलहन अनाजों तथा मूंग, मौंठ, मसूर, अरहर इत्यादि को मंदी की लहर में ले जाता है।

5 मई को बुध का भरणी नक्षत्र पर आकर वाम वेध से कृŸिाका नक्षत्र को वेधना अनाजों में तेजी का रुझान बना देगा लेकिन दलहनों में अस्थिरता चलाए रखेगा।

9 मई को वक्री गति के शनि का पुनः स्वाति नक्षत्र के दूसरे चरण में आना बाजारों में पूर्व चल रही तेजी की लहर को और आगे चलाएगा। शनि का राहु से संबंध तथा सूर्य व मंगल से समसप्तक योग में होने से व्यापारी वर्ग को बाजार की वर्तमान स्थिति को विशेष ध्यान में रखना चाहिए।

11 मई को सूर्य का कृŸिाका नक्षत्र पर आकर श्रवण, विशाखा व भरणी नक्षत्रों को वेधना गेहंू, जौ, चना इत्यादि अनाजवानों में तेजी का सूचक बनता है। इसी दिन चंद्र दर्शन 45 मुहूर्ती में शनिवार के दिन होना तथा बुध का कृŸिाका नक्षत्र पर आकर सूर्य व शुक्र से नक्षत्र संबंध बनाना तथा वाम वेध से विशाखा नक्षत्र को वेधना मूंग, मौंठ, मसूर, अरहर इत्यादि दलहनों में तेजी का रुझान ही बनाता है।

12 मई को शुक्र का रोहिणी नक्षत्र पर आकर अभिजित नक्षत्र को वेधना दोनों बाजारों के रुख में अस्थिरता पैदा करेगा।

13 मई को सोमवार के दिन अक्षय तृतीया का आना बाजारों में उतार-चढ़ाव के साथ तेजी का रुझान बना देता है।

14 मई को वृष की संक्रांति का 45 मुहूर्ती में आना बाजारों के रुख में बदलाव देगा अर्थात् बाजारों को मंदी की लहर में ले जाएगा।

17 मई को बुध का रोहिणी नक्षत्र पर आकर शुक्र से नक्षत्र संबंध बनाना तथा अभिजित नक्षत्र को और वाम वेध से स्वाति नक्षत्र को वेधना बाजारों में मंदी का सूचक बनता है।

18 मई को मंगल का कृŸिाका नक्षत्र पर आकर सूर्य से नक्षत्र संबंध बनाना तथा श्रवण नक्षत्र को वेधना गेहूं, जौ, चना इत्यादि अनाजों में पुनः तेजी बनाने की संभावना प्रकट करता है। यह योग मूंग, मौंठ इत्यादि दलहन को भी तेजी की लहर में ले जाता है।

23 मई को शुक्र का मृगशिरा नक्षत्र पर आकर उ.षा. नक्षत्र को वेधना बाजारों के पूर्व रुख को और बढ़ावा देगा।

24 मई को बुध का भी मृगशिरा नक्षत्र में शुक्र से नक्षत्र संबंध बनाकर वाम वेध से चित्रा नक्षत्र को वेधना बाजारों के रुख को बदलने वाला योग है अर्थात् पुनः मंदी का रुझान बनाएगा।


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25 मई को सूर्य का रोहिणी नक्षत्र पर आकर अश्विनी, स्वाति व अभिजित नक्षत्र को वेधना गेहूं इत्यादि अनाजों में मंदी के वातावरण को और आगे बढ़ाएगा। लेकिन मूंग, मौंठ इत्यादि दलहनों के रुख में बदलाव देकर कुछ तेजी का माहौल बनाएगा।

31 मई को बुध का आद्र्रा नक्षत्र पर आकर पू.फा. नक्षत्र को वेधना और इसी दिन गुरु ग्रह का भी मिथुन राशि में आना बाजारों में मंदी की लहर चला देगा। घी व तेलहन मासारंभ में 2 मई को शुक्र का कृŸिाका नक्षत्र पर आकर श्रवण नक्षत्र को वेधना बाजारों में मंदी का योग बनाएगा।

5 मई को बुध का भरणी नक्षत्र पर आकर वाम वेध से कृŸिाका नक्षत्र को वेधना बाजारों में और मंदी का रुख चलाएगा।

9 मई को वक्री गति के शनि का पुनः स्वाति नक्षत्र के दूसरे चरण में आना बाजारों के रुख को बदल कर तेजी की लहर में ले जाएगा।

11 मई को सूर्य का कृŸिाका नक्षत्र पर आकर श्रवण, विशाखा व भरणी नक्षत्रों को वेधना तथा चंद्र दर्शन का शनिवार के दिन 45 मुहूर्ती में होना और इसी दिन बुध का भी कृŸिाका नक्षत्र पर आकर शुक्र से नक्षत्र संबंध बनाना तथा वाम वेध से विशाखा नक्षत्र को वेधना, ये सभी योग बाजारों में तेजी का रुझान ही बनायेंगे।

12 मई को शुक्र का रोहिणी पर आकर अभिजित नक्षत्र को वेधना बाजारों की तेजी को और आगे बढ़ाएगा।

13 मई को सोमवार के दिन अक्षय तृतीया का होना भी बाजारों में तेजी का रुख ही दर्शाता है।

14 मई को वृष की संक्रांति का 45 मुहूर्ती में होना बाजारों में तेजी का ही योग बनाता है।

17 मई को बुध का रोहिणी नक्षत्र पर आकर शुक्र से नक्षत्र संबंध बनाना तथा वाम वेध से स्वाति नक्षत्र को वेधना तेल व तेलवानों में मंदी की लहर चला देगा।

18 मई को मंगल का कृŸिाका नक्षत्र पर आकर सूर्य से नक्षत्र संबंध बनाना तथा श्रवण नक्षत्र को वेधने लग जाना बाजार में पुनः तेजी का रुझान बना देगा।

23 मई को शुक्र का मृगशिरा नक्षत्र पर आकर उ.षा. नक्षत्र को वेधना घी को मंदी की लहर में ले जाएगा।

24 मई को बुध का भी मृगशिरा नक्षत्र पर आकर शुक्र से नक्षत्र संबंध बनाकर वाम वेध से चित्रा नक्षत्र को वेधना बाजारों की मंदी को और आगे ले जाएगा।

25 मई को सूर्य का रोहिणी नक्षत्र पर आकर अश्विनी, स्वाति व अभिजित नक्षत्रों को वेधना बाजारों में मंदी का ही योग बनाता है।

31 मई को बुध का आद्र्रा नक्षत्र पर आकर पू.षा. नक्षत्र को वेधना और इसी दिन गुरु का भी मिथुन राशि में आना बाजारों में मंदी का ही वातावरण बना देगा।



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